
- मंजूरी के छह माह बाद भी लागू नहीं हुई इलेक्ट्रिक वाहन नीति
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर सरकार का फोकस इलेक्ट्रिक वाहनों पर है। इसके लिए सरकार ने छह माह पहले इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दी थी। लेकिन विडंबना यह है कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद भी अभी तक इलेक्ट्रिक वाहन नीति लागू नहीं हो पाई है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि ई-वाहन खरीदारों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। मप्र सरकार की नीति के अनुसार मप्र में मार्च 2026 तक पंजीकृत होने वाले ई वाहनों पर मोटरयान कर में 100 प्रतिशत की छूट मिलेगी। वहीं, 26 मार्च 2027 तक पंजीकृत होने वाले ई बस, ट्रैक्टर और एंबुलेंस को भी मोटरयान कर में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीद रहे हैं। प्रदेश में अप्रैल, 2023 से जनवरी, 2025 के बीच प्रदेश में रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक कुल वाहनों की संख्या 1,98,944 है।
गौरतलब है कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार तमाम प्रयास कर रही है। इसके लिए डॉ. मोहन यादव कैबिनेट ने गत फरवरी में इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2025 को मंजूरी दी थी। इस नीति में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदी पर प्रोत्साहन राशि देने के साथ ही ई-व्हीकल रजिस्ट्रेशन में छूट देने समेत अन्य प्रावधान किए गए हैं, लेकिन अब तक नीति लागू नहीं होने से ई-वाहन खरीदारों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक नगरीय विकास एवं आवास विभाग नई नीति के संबंध में परिवहन विभाग को प्रस्ताव भेज चुका है, लेकिन अब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ। यही वजह है कि इलेक्ट्रिक वाहन नीति में किए गए प्रावधान लागू करने की दिशा में कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई है।
प्रदेश में 1,98,944 इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड
मप्र में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में पिछले दो साल से तेजी से वृद्धि हुई है। अप्रैल, 2023 से जनवरी, 2025 के बीच प्रदेश में रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक कुल वाहनों की संख्या 1,98,944 है। इनमें दो एवं तीन पहिया वाहन, इलेक्ट्रिक कार, ई-बसें आदि शामिल हैं। मप्र में वर्ष 2022 में ई-वाहनों की कुल संख्या लगभग 28,000 थी। दो पहिया वाहन ईवी का सबसे बड़ा हिस्सा हैं। 2 साल में इंदौर में 47,000, भोपाल में 27,048, ग्वालियर में 21,665 और जबलपुर में 18,395 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। नई नीति में सार्वजनिक स्थलों पर चार्जिंग स्टेशनों के लिए वित्तीय सहायता देने का प्रावधान किया गया है। राजमागाँ, प्रमुख सड़कों पर प्रत्येक 20 किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन, राजमार्गों पर प्रत्येक 100 किलोमीटर पर लंबी दूरी / हेवी-ड्यूटी इलेक्ट्रिक वाहन के लिए फास्ट चार्जिंग स्टेशन (दोनों तरफ) लगाए जाएंगे। प्रत्येक एक किमी बाई, एक किमी ग्रिड में कम से कम एक चार्जिंग स्टेशन स्थापित होगा। नीति अवधि के अंत तक सभी पेट्रोल पंपों पर कम से कम एक इलेक्ट्रिक चार्जिंग पॉइंट लगाया जाएगा।
इसके अलावा नई नीति के अनुसार पर्यटक, गांव, धार्मिक और पुरातात्विक महत्व के स्थान, प्रौद्योगिकी केंद्र, विशेष आर्थिक क्षेत्र, व्यावसायिक क्षेत्र में ई-मोबिलिटी जोन बनाए जाएंगे। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के स्टार्टअप के लिए इन्क्यूबेशन केंद्रों की संख्या में वृद्धि की जाएगी। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रस्ताव भेजने के बाद इस संबंध में परिवहन विभाग से चर्चा हो चुकी है। जल्द ही नीति लागू करने के संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। बता दें कि मध्य प्रदेश की इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2025 के तहत प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकरण पर 100 प्रतिशत मोटरयान कर में छूट देने का प्रविधान किया है। दो पहिया, तीन पहिया और कार के लिए एक वर्ष तक मोटरयान कर में शत प्रतिशत की छूट का प्राविधान किया है। दो पहिया वाहनों पर पांच हजार, तीन पहिया पर 10 हजार और ई कार पर 25 हजार रुपये की छूट वाहन कर और पंजीयन शुल्क में एक वर्ष के लिए देने का प्रविधान है।
5 शहरों में संचालन पर जोर
इलेक्ट्रिक वाहन नीति के प्रस्ताव के अनुसार भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर व उज्जैन को मॉडल इलेक्ट्रिक व्हीकल सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। इन शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन पर जोर दिया जाएगा। यहां वाहन की कैटेगरी के हिसाब से ई-व्हीकल रजिस्ट्रेशन में 15 से 100 फीसदी तक की छूट दी जाएगी। ई-व्हीकल रजिस्ट्रेशन में दो पहिया वाहन को 40 प्रतिशत, कमर्शियल को 100 प्रतिशत, तीन पहिया वाहन के लिए 80, चार पहिया के लिए 15 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक बस के लिए 40 फीसदी छूट देने का प्रावधान नीति में किया गया है। इलेक्ट्रिक वाहन नीति पांच साल के लिए है। इसमें दो साल के भीतर प्रदेश के 80 प्रतिशत सरकारी वाहन ईवी में बदलने की बात कही गई है। सभी पंजीकृत ईवी पर ग्रीन नंबर प्लेट लगेगी। व्यक्तिगत उपयोग वाले ईवी को सफेद अक्षरों वाली एवं व्यावसायिक उपयोग वाले ईवी को पीले अक्षरों वाली ग्रीन नंबर प्लेट जारी की जाएगी।