ई-अटेंडेंस व्यवस्था रास नहीं आ रही मास्साब को

ई-अटेंडेंस व्यवस्था
  • आधे शिक्षकों ने डाउनलोड नहीं किया ऐप

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में स्कूलों में शिक्षकों की सौ फीसदी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश भर में एक जुलाई से नया ऐप लांच किया है। हमारे शिक्षक ई-अटेंडेंस ऐप के माध्यम से अब शिक्षकों को अपनी उपस्थिति दर्ज करनी पड़ रही है। लेकिन शिक्षा विभाग का यह निर्णय शिक्षकों को रास नहीं आ रहा है। पहले तो शिक्षकों ने इसका भरपूर विरोध किया, अब आलम यह है कि प्रदेश के करीब आधे शिक्षकों ने अभी तक एप को डाउनलोड ही नहीं किया है। दरअसल, प्रदेश के स्कूलों में लागू ई-अटेंडेंस व्यवस्था से शिक्षक दूरियां बना रहे हैं। पिछले माह निर्देश के बाद भी अभी पौने दो लाख टीचर ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक ऑनलाइन उपस्थिति के लिए ऐप डाउनलोड नहीं किया है। इधर लोक शिक्षण संचालनालय ने स्पष्ट किया है कि टीचर की जितनी दिन की मोबाइल पर अटेंडेंस होगी, उतना ही वेतन बनेगा। प्रदेश में साढ़े चार लाख टीचर और लिपिकीय कर्मचारी हैं। इन सभी को मोबाइल पर ई-अटेंडेंस के लिए ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य है।
ऐप पर उपस्थिति के बाद भी वेतन
जून में ही लोक शिक्षण संचालनालय इसके लिए निर्देश दे चुका है। साफ कहा गया था कि 30 जून तक सभी लोक सेवक अपने मोबाइल पर एप डाउनलोड करेंगे, क्योंकि एक जुलाई से इसी पर उपस्थिति भरेगी। पहले दिन मात्र सवा लाख ने ऐप पर उपस्थिति भरी। दूसरे दिन 80 हजार ने। जानकारी के अनुसार अभी पौने दो लाख हजार ही ऐप डाउनलोड कर पाए। संचालनालय के पास जो रिपोर्ट आई है उसके शिक्षक एवं कर्मचारी हैं, जिन्होंने ऐप लोड नहीं किया है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सख्ती से व्यवस्था का पालन करवाएं। जितने दिन ऐप पर उपस्थिति दर्ज हो उतना ही वेतन निकाला जाए। सभी संकुलों में प्राचार्यों को पत्र के माध्यम से इस विषय में अवगत कराया जाए। ऑनलाइन अटेंडेंस में दूसरे दिन बिंदुवार समीक्षा की गई। लोक शिक्षण संचालनालय में अधिकारियों ने हर जिलावार इसका फीडबैक लिया। अभी हर सबसे बड़े हायर सेकेंडरी स्कूल में अनेक शिक्षक ऐसे है जो ई-अटेंडेंस से जुड़ नहीं पाये है। शहरों की अपेक्षा गांव के टीचर ई-उपस्थिति में आगे है। तकनीकी विशेषज्ञों ने जो सिस्टम तैयार किया है उसमें जिलावार एक्युरेट रिपोर्ट आ रही है। अटेंडेंस के पहले दिन कई जिलों में सर्वर ने परेशान किया। इस समस्या में मंगलवार को दूसरे दिन सुधार हुआ। सोमवार को भोपाल सहित करीब 20 जिलों में सर्वर की समस्या के कारण विलंब से उपस्थिति लग पाई थी। भोपाल में तकनीकी समस्या एक भी स्कूल में नहीं रही। लोक शिक्षण संचालनालय का कहना है कि शुरूआती दौर है, जो-जो खामियां आ रही है उन्हें चिन्हित किया जा रहा है ताकि इनमें जल्दी सुधार आ सके। कमिश्नर लोक शिक्षण संचालनालय शिल्पा गुप्ता का कहना है कि ई-अटेंडेंस बच्चों के हित में है। इसलिए सभी को इस व्यवस्था का पालन करना होगा। जो शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति नहीं भरेगा, उसका वेतन नहीं बन पाएगा।

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