
- वेतन वृद्धि, महंगाई भत्ता एवं पदोन्नति नहीं मिलने के कारण पेंशन पर भी पड़ रहा है सीधा असर…
भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के कर्मचारियों को तय समय पर महंगाई भत्ता नहीं दिए जाने की वजह से साढ़े 4 लाख कर्मचारियों को हर महीने हजारों रुपयों की चपत लग रही है। हालत यह है कि छोटे कर्मचारियों को करीब साढ़े सात हजार तो आला अफसरों को 32 हजार रुपए से अधिक का हर माह नुकसान हो रहा है। प्रदेश के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता की चार किस्तों का इंतजार बना हुआ है। यही नहीं कर्मचारियों को मिलने वाले गृह भाड़ा भत्ता व वाहन भत्ता भी बीते डेढ़ दशक से रिवाइज नहीं किया गया है। इसके उलट केंद्रीय कर्मचारियों को एक साथ 11 फीसदी महंगाई भत्ता देने की तैयारी कर ली गई है। फिलहाल केन्द्रीय कर्मचारियों को अभी 17 फीसदी की दर से महंगाई भत्ते का भुगतान हो रहा है, जो 11 फीसदी की वृद्धि के साथ बढ़कर 28 फीसदी हो जाएगा। गौरतलब है कि जनवरी 2020 में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी फिर जून 2020 में 3 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। इसके बाद जनवरी 2021 में एक बार फिर से 4 फीसदी की वृद्धि कर दी गई। जो बढ़कर कुल 28 फीसदी हो चुका है। यह बात अलग है कि बाद की तीन किस्तों का भुगतान अभी किया जाना है। जिसे अब एक साथ देने की तैयारी है। इसकी वजह से प्रदेश के कर्मचारी केन्द्र की तुलना में 16 फीसदी पीछे हो जाएंगे। वर्तमान में प्रदेश के कर्मचारियों को महज 12 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है। प्रदेश के कर्मचारियों को जुलाई 2019 जनवरी 2020 जुलाई 2020 जनवरी 2021 का 5- 5 प्रतिशत डीए मिलना है ।
वेतन वृद्धि देने में सरकार कर रही आनाकानी
प्रदेश के साढ़े चार लाख कर्मचारियों की करीब डेढ़ साल से रुकी वेतन वृद्धि देने में सरकार झूठ बोल गई है। दर्शन 27 जुलाई 2020 को वित्त विभाग ने आदेश जारी कर कहा था कि कोरोना महामारी के कारण प्रदेश के राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इसे देखते हुए 1 जुलाई 2020 एवं 1 जनवरी 2021 को वार्षिक वेतन वृद्धि काल्पनिक रूप से दी जाएगी। स्थितियां सामान्य होने पर इसके वास्तविक वित्तीय लाभ प्रदान करने के संबंध में अलग से आदेश जारी किए जाएंगे।
कर्मचारियों को 25 हजार 500 तक का नुकसान
प्रदेश के कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति 3 तरह से सुदृढ़ होती है। पहली इंक्रीमेंट दूसरी महंगाई भत्ता व तीसरी पदोन्नति के कारण कर्मचारियों का वेतन बढ़ता है। कोरोना के कारण साल 2020 से इंक्रीमेंट में महंगाई भत्ता का लाभ कर्मचारियों को नहीं मिल सका है जबकि पदोन्नति का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। कर्मचारियों का जुलाई 2019 इंक्रीमेंट रोका गया है।
मध्य प्रदेश के गठन के बाद से पहली बार उनका इंक्रीमेंट
मध्य प्रदेश के गठन 1956 के बाद से ऐसा पहली बार हुआ कि प्रदेश के करीब साढ़े 4 लाख कर्मचारियों को इंक्रीमेंट नहीं मिला है। बीते डेढ़ साल से कर्मचारियों के इंक्रीमेंट पर रोक है। अगर वार्षिक वेतन वृद्धि मिल जाए तो प्रत्येक कर्मचारी को मासिक 1000 से लेकर 10 हजार तक का लाभ होगा। वहीं कर्मचारी एवं अधिकारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं उन्हें वेतन वृद्धि महंगाई भत्ता एवं पदोन्नति नहीं मिलने के कारण पेंशन पर भी सीधा असर पड़ रहा है। - केंद्र की तुलना में प्रदेश के कर्मचारी डीए मिलने में काफी पीछे हो गए हैं। कर्मचारियों को औसतन साढ़े 7000 से 32 हजार रुपए तक का हर माह नुकसान हो रहा है। सरकार को कर्मचारियों के आर्थिक हितों का ध्यान रखना चाहिए। – एसबी सिंह अध्यक्ष मध्य प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ
- कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाएं तक नहीं दी जा रही है। चार महंगाई भत्ते ड्यू हो गए हैं 15 साल से गृह भाड़ा व वाहन भत्ता रिवाइज नहीं किया है। सरकार को कर्मचारियों की तरफ ध्यान देना चाहिए। – एमपी द्विवेदी कार्यकारी अध्यक्ष मध्य प्रदेश लिपिकवर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ
- कर्मचारियों की हालत खराब है। कर्मचारी सरकार के सभी कामों में सहयोग कर रहे हैं लेकिन सरकार निरंतर कर्मचारियों के हितों को अनदेखा कर रही है। – सुधीर नायक अध्यक्ष मध्य प्रदेश मंत्रालयीन कर्मचारी संघ