बजट के अभाव में सूबे की 30 हजार आंगनबाड़ी केन्द्र अंधेरे में डूबे

आंगनबाड़ी केन्द्र

– जल जीवन के तहत 20 हजार केन्दों में बिजली  कनेक्शन  कराने की तैयारी …

भोपाल/विनोद उपाध्याय/ बिच्छू डॉट कॉम। सूबे में करीब तीस हजार आॅगनवाड़ी केन्द्र ऐसे हैं, जो इन दिनों में अंधेरे में डूबे हुए हैं। इसकी वजह है कई  केन्द्रों को बिजली बिल जमा करने के लिए बजट का नहीं दिया जाना। इसकी वजह से बिजली विभाग ने इन केन्द्रों की बिजली काट दी है। बिजली के अभाव में बच्चों को न केवल बगैर पंखों के बल्कि कई जगहों पर तो कम रोशनी में भी बैठना पड़ रहा है। ऐसा नहीं की यह स्थिति हाल ही में बनी है ,बल्कि कई माह से इसी तरह की स्थिति बनी हुई है, लेकिन फिर भी जिम्मेदारों की आंखे नहीं खुल रही हैं।
शहडोल जिले के जुड़वानी आंगनबाड़ी केंद्र की बिजली अप्रैल 2022 से कटी हुई है। यही नहीं इस केन्द्र के बकाया बिजली बिल की वूसली के लिए बाणसागर के अतिरिक्त तहसीलदार ( वसूली ) विद्युत न्यायालय ने वसूली का नोटिस भी जारी कर दिया है।  इसी तरह अनूपपुर जिले की बहेराबंध आंगनबाड़ी केंद्र की बिजली बिजल की बकाया राशि वूसली के लिए हाल ही में कार्यकर्ता को लोक अदालत में आने का समन दिया जारी कर दिया गया है। इस केन्द्र के बिजली बिल की राशि 7,800 रुपए है। इस तरह की समस्या लगभग प्रदेश के हर जिले में बनी हुई है।
जहां पर कार्याकर्ताओं ने अपने स्तर पर बिजली कनेक् शन  नहीं काटने दिया है वहां पर भी अब बिजली कनेक्शन कटने का खतरा बन गया है। इसी दौरान बिजली कंपनियों ने कनेक्शन की राशि भी बढ़ा दी है। जिन करीब 30 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में बिजली नहीं है। इनमें से 20 हजार केंद्रों में जल जीवन मिशन के माध्यम से बिजली कनेक्शन कराने की सहमति दी गई है, जबकि महिला बाल विकास विभाग को 10 हजार केंद्रों में कनेक्शन कराना है।
खास बात तो यह है कि इन केन्दों में बिजली के लिए सरकार द्वारा विभाग को बजट भी आवंटित किया जा चुका है, लेकिन विभाग बीते छह माह से इस मद की राशि को जारी ही नहीं कर रहा है। इसकी वजह से जिन आंगनबाड़ी केन्दों में बिजली के कनेक्षन हो चुके थे, उनमें बिजली बिल भुगतान की समस्या बनी हुई है।  बिजलों का भुगतान नहीे होने की वजह से कई जिलों में बिजली विभाग द्वारा कनेक्शन काटने के नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं। यह हालात तब बने हुए जबकि करीब तीन माह पहले मुख्यमंत्री हर आंगनबाड़ी केंद्र में जल्द बिजली कनेक्शन कराने के निर्देश दे चुके हैं।
यह हैं आंगनबाड़ी केन्द्रों में बिजली के हाल
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित 97 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में पहले बिजली कनेक्शन का कोई प्रावधान ही नहीं था। इसी साल इसके लिए प्रावधान के लिए पहल शुरू की गई। इसके तहत जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि सूबे की करीब पचास हजार उन केंद्रों में ही बिजली व्यवस्था है जो किराए के भवनों में या फिर ग्राम पंचायत, स्कूल भवन या अन्य सरकारी भवनों में संचालित हैं। शेष करीब 50 हजार केंद्रों में बिजली का अभाव है। इसके बाद इसके लिए योजना तैयार की गई। जिसके लिए   जल जीवन मिशन के तहत इस साल पहले 31,000 केंद्रों में बिजली कनेक्शन कराने की सहमति दी गई ,लेकिन अब इसे कम कर  20 हजार केंद्र तक सीमित कर दिया गया। इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग ने पहले साल 10 हजार केंद्रों में बिजली कनेक्शन के लिए बजट मांगा है। इसके लिए विभाग ने इस वित्तीय बजट में पहले एक कनेक्शन के 3 हजार रुपए के मान से बजट मांगा। इस बजट से 9 हजार केंद्रों में कनेक्शन होना था, लेकिन बिजली कंपनियों ने उन केंद्रों में कनेक्शन की दर अधिक कर दी है। जो बिजली खंभों से काफी दूर हैं। इसको लेकर वित्त विभाग से और बजट के लिए प्रस्ताव भेजा गया है, जो बीते छह माह से अटका हुआ है। अब विभाग को पहले अनुपूरक अनुमान में राशि मिलने का इंतजार है।

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