
- नई शिक्षा नीति के विषय विद्यार्थियों को ज्यादा पसंद
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। योग निरोगी काया के साथ ही रोजगार का बड़ा माध्यम बन रहा है। इसको देखते हुए प्रदेश के युवाओं का रूझान योग की तरफ बढ़ा है। वर्तमान शिक्षा सत्र में 86 हजार से ज्यादा छात्रों ने योग का पाठ सीखने के लिए आवेदन किया है।
गौरतलब है कि प्रदेश में लागू हुई नई शिक्षा नीति के कई विषय ऐसे हैं जो रोजगार परक हैं। इस कारण नई शिक्षा नीति के विषय विद्यार्थियों को ज्यादा पसंद आ आ रहे हैं। पहली बार पाठ्यक्रम में जुड़े रामचरित मानस विषय के लिए 150 विद्यार्थियों ने आवेदन किया है तो वहीं, योग का पाठ सीखने में सर्वाधिक 86 हजार से ज्यादा छात्रों ने आवेदन किया है। दर्जनों पाठ्यक्रमों में योग पहला ऐसा वोकेशनल सब्जेक्ट है जिसके पाठ्यक्रम में शामिल होते ही 86 हजार से ज्यादा एडमिशन के लिए आवेदन आए हैं। योग के अलावा जैविक खेती, व्यक्तित्व विकास में 70 हजार से ज्यादा, डिजिटल मार्केटिंग में 25 हजार और पर्यटन में 18 हजार से ज्यादा एडमिशन के लिए आवेदन किए गए हैं।
वोकेशनल कोर्स पहली पसंद
उच्च शिक्षा विभाग ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत कई नए वैकल्पिक और वोकेशनल कोर्स शुरू किए हैं। छात्रों को वोकेशनल कोर्स पहनी पसंद बने हैं। इस कारण प्रोफेशनल कोर्स में एडमिशन की चाल धीमी है। इंजीनियरिंग, एमबीए, बीएड, बीपीएड, बीफार्मा जैसे कोर्स में काफी संख्या में सीटें रिक्त बनी हुई हैं। यहां तक बड़े ब्रांडेड कॉलेज भी अपनी सीटों पर प्रवेश कराने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। जबकि प्रदेश में 55 लॉ कॉलेज एलएलबी संचालित कर रहे हैं। उनकी 7180 सीटों में से 5444 प्रवेश हो चुके हैं। कॉलेजों में प्रवेश की स्थिति 75 फीसदी रही है। यहां तक भोपाल में संचालित स्टेट लॉ कॉलेज के कॉलेज में हाउस फुल का बोर्ड लग गया है।
वकालत पढ़ने में भी बढ़ी रुचि
नए वैकल्पिक और वोकेशनल कोर्स के अलावा छात्रों को वकालत पढ़ने में भी रुचि बढ़ी है। तभी सीएलसी काउंसलिंग के तीसरे दौर में सरकारी कॉलेजों में एडमिशन की सभी सीटें फुल हो चुकी हैं। अब हालात ये हैं कि प्रवेश लेने के लिए वेटिंग लिस्ट में विद्यार्थियों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। प्रदेश में 150 निजी और सिर्फ चालीस सरकारी विधि कॉलेज संचालित हो रहे हैं। उक्त 190 कॉलेजों में बीएएलएलबी, बीबीएएलएलबी ऑनर्स, बीएएलएलबी ऑनर्स, एलएलबी और एलएलएम कोर्स संचालित हो रहे हैं। निजी कॉलेजों में करीब 15 हजार सीटें हैं, जिसमें अभी तक 9354 सीटों पर प्रवेश हुये हैं।
रामचरित मानस की पढ़ाई ने बढ़ाया आकर्षण
उच्च शिक्षा विभाग ने रामचरित मानस का व्यावहारिक दर्शन नाम से सिलेबस तैयार किया है। इसे दर्शनशास्त्र विषय में शामिल किया गया है। इसके लिए कॉलेजों में अतिरिक्त फैकल्टी की जरूरत नहीं होगी। इसे हिंदी और दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर पदा सकेंगे। इसका 100 नंबर का पेपर होगा। इस विषय को पढ़ाने का मुख्य उद्देश्य श्रीराम के चरित्र, उनके आदर्श, मयार्दा, माता-पिता की आज्ञा का पालन और एक आदर्श नागरिक की छवि से छात्रों के व्यक्तित्व का विकास करना है। वहीं कैरियर, जय हिंद, राजीव गांधी, विद्यादायनी का भी एलएलएम फुल हो गया है। जबकि उक्त कॉलेजों के साथ टीआईटी, सत्य साई में कम प्रवेश हुए हैं।