छात्रों से वसूली कर कॉलेजों को घोटाले से कर दिया जाएगा बरी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
प्रदेश में 12-13 साल पहले ओबीसी छात्रों की छात्रवृत्ति में हुए घोटाले में खात्मा लगाने की तैयारी की जा रही है। गौरतलब है कि दो जिलों भोपाल और रीवा के महाविद्यालयों में प्रवेशरत ओबीसी वर्ग के 278 विद्यार्थियों की दोहरी छात्रवृत्ति लिए जाने के मामले सामने आए थे। रीवा के छात्रों से वसूली कर कॉलेजों को पहले ही क्लीनचिट दी जा चुकी है। अब भोपाल के छात्रों से राशि जमा कराकर कॉलेजों को क्लीनचिट देने की तैयारी की जा रही है। गौरतलब है कि वर्ष 2011-12 एवं 2012-13 में मप्र के दो जिलों भोपाल और रीवा के 75 महाविद्यालयों में प्रवेशरत ओबीसी वर्ग के 278 विद्यार्थियों की दोहरी छात्रवृत्ति लिए जाने के मामले सामने आए थे। रीवा जिले में सभी 278 छात्र-छात्राओं से अतिरिक्त छात्रवृत्ति की सम्पूर्ण राशि चालान के माध्यम से जमा कराकर क्लीनचिट दी गई है। जबकि भोपाल के एक मात्र कॉलेज के 10 छात्रों का जो प्रकरण लोकायुक्त में विचाराधीन था, उसमें भी खात्मे की तैयारी हो चुकी है।
भोपाल मामले में लोकायुक्त में प्रकरण
मप्र पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2011-12 एवं 12-13 में भोपाल और रीवा में दोहरी छात्रवृत्ति की गड़बड़ी पकड़ी गई थी। जांच में भोपाल के एक मात्र एलबीएस पैरामेडिकल कॉलेज के 10 छात्रों का कुल 700 रुपये प्रति छात्र के मान से 7000 रुपये का दोहरीकरण हुआ था। जिस पर लोकायुक्त ने 10 अलग-अलग प्रकरण पंजीबद्ध किए थे। चूंकि इन सभी मामलों में दोषी छात्रों ने चालान के माध्यम से राशि शासन के कोष में जमा करा दी है, इसलिए सभी 10 प्रकरणों में संगठन स्तर पर इनके खात्मे का निर्णय लेकर न्यायालय में खात्मा प्रस्तुत किए गए हैं, जो अभी न्यायालय में विचाराधीन हैं। दोहरी छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के बीच विभाग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2024-25 के दिसम्बर माह तक पिछड़ा वर्ग के 11.31 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं को 1566.42 करोड़ से ज्यादा छात्रवृत्ति बांटी। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 298083 विद्यार्थियों को 362 करोड़ 50 लाख 09 हजार 287 रुपये, वित्तीय वर्ष 2022-23 में 474078 विद्यार्थियों को 629 करोड़, 57 लाख, 03 हजार 206 रुपये, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 356835 छात्र-छात्राओं को 566 करोड़, 41 लाख, 77 हजार 124 रुपये एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में दिसम्बर माह तक 2616 विद्यार्थियों को कुल 7 करोड़, 94 लाख 681 रुपये छात्रवृति का वितरण किया गया। हालांकि 31 मार्च तक छात्र संख्या और राशि के आंकड़े नहीं मिल सके।
रीवा के कॉलेजों को मिल चुकी है क्लीनचीट
मप्र पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार 2011 से 2013 के बीच दोहरी छात्रवृत्ति के मामले में रीवा जिले के तत्कालीन कलेक्टर के आदेश पर 13 जुलाई 2016 को समिति गठित कर इसकी जांच कराई गई थी। जांच में समिति ने 65 शिक्षण संस्थाओं के 268 विद्यार्थियों को दोहरी छात्रवृत्ति का दोषी पाया था। दोषी पाए गए विद्यार्थियों से छात्रवृत्ति राशि 44 लाख 51 हजार 121 रुपये चालान के माध्यम से शासन के खाते में जमा कराए गए हैं। इस तरह दोषी विद्यार्थियों से राशि जमा कराकर विभाग ने सभी आरोपी महाविद्यालयों को भी क्लीनचिट दे दी है। जबकि प्रकरण में जांच एजेंसी एवं न्यायालय में विचाराधीन होने का कारण बताकर अब तक किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के विरुद्ध भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।