
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ऐसे सभी अधिकारी हटाए जाएंगे, जिन्हें एक स्थान पर पदस्थ रहते तीन वर्ष हो चुके हैं। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने कलेक्टरों और गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय से रिपोर्ट मांगी है। इसमें अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, जिला व जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, उप पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय अधिकारी, निरीक्षक स्तर के अधिकारी शामिल हैं। चुनाव आयोग ने 31 जनवरी तक ऐसे सभी अधिकारियों को हटाकर प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए हैं। मार्च में लोकसभा चुनाव की घोषणा संभावित है। इसको लेकर राजनीतिक दलों के साथ-साथ चुनाव आयोग भी तैयारी में जुट गया है। 31 जनवरी तक ऐसे सभी अधिकारियों के तबादले किए जाएंगे, जिन्हें 30 जून, 2024 की स्थिति में एक स्थान पर पदस्थ रहते तीन वर्ष पूरे हो गए हैं या होने वाले हैं। इसकी परिधि में केवल चुनाव कार्य से सीधे तौर पर जुड़े अधिकारी ही आएंगे। इसके लिए मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को चुनाव आयोग निर्देश दे चुका है। समयसीमा में होने वाले इस कार्य के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी कलेक्टरों से कहा है कि वे अपने अधीनस्थ ऐसे अधिकारियों की सूची बनाकर भेजें ताकि उन्हें स्थानांतरित कर दूसरे अधिकारी पदस्थ किए जा सकें। यही प्रक्रिया गृह विभाग भी अपना रहा है। राजस्व और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने भी ऐसे अधिकारियों की जानकारी मांगी है क्योंकि तहसीलदार, नायब तहसीलदार और जनपद पंचायत के अधिकारियों की चुनाव ड्यूटी लगाई जाती है।
कभी भी जारी हो सकती है कलेक्टर-एसपी की सूची
मप्र में अगले दो दिनों में कई जिलों के कलेक्टर और एसपी बदले जाएंगे। यह पदस्थापना मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ नवनियुक्त मंत्रियों की तवज्जो को ध्यान में रखते हुए की जाएगी। पिछले एक सप्ताह में सरकार 6 जिलों के कलेक्टर और दो जिलों के एसपी बदल चुकी है। इसके साथ ही फील्ड में पदस्थ राज्य पुलिस सेवा और राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों के भी तबादले हो सकते हैं। इसके साथ ही कुछ संभागों के आयुक्त और रेंज आईजी व डीआईजी भी बदले जा सकते हैं। आईजी और डीआईजी के प्रमोशन के बाद तबादले लंबित हैं। मोहन सरकार ने फील्ड में पदस्थ अफसरों को बदलने की शुरुआत गुना से की है, जहां हुए बस हादसे के बाद वहां के कलेक्टर तरुण राठी और एसपी को जिम्मेदार मानते हुए दोनों को हटा दिया गया था। अब गुना जिले में नए कलेक्टर और एसपी की पोस्टिंग की जा चुकी है। बैतूल कलेक्टर रहे अमनबीर सिंह बैंस को गुना भेजा गया है और डिंडोरी एसपी रहे संजीव कुमार सिन्हा को गुना एसपी बनाया गया है। इनके स्थान पर डिंडोरी में नए एसपी की पदस्थापना किया जाना अभी बाकी है। इसके अलावा उज्जैन, नर्मदापुरम, बैतूल में नए कलेक्टरों को पोस्टिंग की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को शाजापुर कलेक्टर किशोर कान्याल को भी ड्राइवर की औकात बताने के मामले में गैर जिम्मेदार भाषा का इस्तेमाल करने पर हटा दिया है और यहां नरसिंहपुर कलेक्टर रिजु बाफना की पोस्टिंग कर दी है।
दूसरे जिलों में भी जल्द बदलेंगे अफसर
चुनाव आयोग ने 6 जनवरी से 8 फरवरी के बीच लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्यक्रम तय किया है। इसके चलते सरकार इस एक माह की अवधि में चुनाव से सीधा संबंध रखने वाले कलेक्टर, अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार और नायब तहसीलदार को नहीं हटा सकेगी। इसलिए माना जा रहा है कि पांच जनवरी तक इस कैडर के अधिकारियों के तबादले किए जा सकते हैं, जिसमें कलेक्टर से लेकर नायब तहसीलदार कैडर के अधिकारी प्रभावित हो सकते हैं। इसी तरह चूंकि चुनाव आयोग ने 30 जून 2024 को पिछले चार साल की अवधि में तीन साल एक ही जिले में पूरे करने वाले अफसरों को हटाने के लिए कहा है। इसलिए पुलिस अधीक्षकों से लेकर एएसपी, सीएसपी, डीएसपी, एसडीओपी और टीआई स्तर के अधिकारियों के स्थानांतरण भी सरकार इसी महीने करने वाली है।
थानों की बॉउड्री का नए सिरे से होगा सीमांकन
मध्य प्रदेश में थानों/चौकियों की सीमाएं एक फिर से तय होगी। इस संबंध में गृह विभाग ने सभी जिला प्रशासन, पुलिस अधीक्षक और संबंधित अधिकारियों को आदेश जारी किया है। इसमें सभी जिला कलेक्टरों से थानों और चौकियां की सीमाओं का नए सिरे से निर्धारिण कर 31 जनवरी तक रिपोर्ट मांगी है। जिसके बाद गृह विभाग नोटिफिकेशन जारी करेगा। खरगोन में इंदौर संभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने थानों और चौकियों की सीमाओं को नए सिरे से पुर्ननिर्धारण करने के आदेश दिए थे। सीएम ने इस प्रक्रिया में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी विचार विमर्श करने को कहा है। जिसके बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर गृह विभाग ने कलेक्टरों को आदेश जारी किए है। जिसके अनुसार 31 जनवरी 2024 तक कलेक्टर समिति अपनी रिपोर्ट गृह विभाग को भेजेगी। इसके बाद 7 जनवरी 2024 को गृह विभाग नोटिफिकेशन जारी करेगा। जिसके बाद नई पुर्ननिर्धारित सीमाएं प्रभावी हो जाएगी। बता दें आबादी, अपराध की दर और क्षेत्र को देखते हुए हर सीमाएं निर्धारित की जाती है। इससे पहले 2010 में सीमाओं का निर्धारण किया गया था।
आयोग से लेनी होगी अनुमति
लोकसभा चुनाव को लेकर केन्द्रीय चुनाव आयोग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। छह जनवरी से मतदाता सूचियों का काम शुरू होगा। इस दौरान चुनाव कार्य में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले नहीं होंगे। यदि किसी अधिकारी को हटाना ही होगा तो राज्य सरकार को चुनाव आयोग से अनुमति लेना होगा। स्थानांतरण करने के साथ ही मुख्यसचिव तथा पुलिस महानिदेशक को शपथ पत्र में चुनाव आयोग को देना होगा कि आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कर दिया गया है। प्रदेश के कमिश्नर में एक मात्र रीवा कमिश्नर अनिल सुचारी है, जिनका तीन साल का कार्यकाल आगामी अप्रैल माह में पूरा हो रहा है। हालांकि चुनाव आयोग के निर्देश में संभागायुक्त के बारे में स्पष्ट निर्देश नहीं है, जबकि नगर निगम कमिश्नर तथा एसएएफ के सेनानियों को हटाने के निर्देश दिए गए है। भोपाल पुलिस के एक मात्र एसीपी वीरेन्द्र मिश्रा है, जिनका अप्रैल माह में भोपाल जिले में तीन साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। चंबल कमिश्नर का अतिरिक्त प्रभार ग्वालियर कमिश्नर दीपक सिंह के पास है, देखना यह है कि राज्य सरकार किसी अधिकारी को कमिश्नर चंबल के पद पर पदस्थ करती है या वर्तमान व्यवस्था को बहाल रखती है।