
- पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होते ही होगा बड़ा बदलाव
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी के अलावा इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के साथ ही थाना प्रभारी स्तर के लगभग एक दर्जन निरीक्षकों को दोनों शहरों से रुखसत कर दिया जाएगा। इसके अलावा कुछ अन्य पुलिस अफसरों के भी बदले जाने की संभावना है। इसकी शुरुआत थाना प्रभारियों से करने की तैयारी है। इसके लिए भोपाल में पदस्थ आधा दर्जन निरीक्षकों को चिन्हित कर लिया गया है। लगभग इतनी ही संख्या में इंदौर के निरीक्षकों के भी तबादलों की बात कही जा रही है।
पुलिस आयुक्त प्रणाली में अपराधों के अलावा विशेष रूप से यातायात पर भी फोकस रहने वाला है। इसकी वजह है पुलिस अफसरों का खुद यह मानना कि भोपाल में यातायात की साख बदलना बेहद जरूरी है। इसके लिए पूरी योजना पहले से ही तैयार कर ली गई है। इसके प्रारूप को अंतिम रूप देने का काम जारी है। सामान्य तौर पर माना जाता है कि यातायात की साख किसी भी शहर की पहचान होती है। यदि कोई व्यक्ति शहर से गुजरता है, तो उसे यह नहीं पता होता कि इस शहर में कितने अपराध होते हैं। हां, यह जरूर पता होता है कि यातायात पुलिस का रवैया क्या है। पुलिस मुख्यालय से लेकर भोपाल जिले तक के अफसर यातायात के मौजूदा रवैए से खुश नहीं हैं। लिहाजा यातायात के कुछ अफसर भी बदले जाने हैं। सूत्रों की मानें तो यातायात के लिए कुछ अच्छे अफसरों की खोजबीन भी शुरू कर दी गई है। जल्दी उनकी पदस्थापना भी की जाएगी। माना जा रहा है कि एक दो दिन में भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली को लागू करने के लिए अधिसूचना जारी की जा सकती है। दरअसल छह दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दोनों शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने का ऐलान कर चुके हैं। यह पहला मौका है जब इसके लागू करने के एलान पर सरकार व शासन पूरी गंभीरता के साथ तेजी से काम करने की तैयारियों में लगा हुआ है। यही वजह है कि अब तो पुलिस विभाग भी इसे लागू करने की लगभग पूरी तैयारी कर चुका है।
बरती जा रही एहतियात
पुलिस आयुक्त प्रणाली को लेकर अंदर ही अंदर आईएएस लॉबी पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के विरोध में है। इस प्रणाली को तो एसएएस कैडर के अफसरों ने तो विरोध में खुलकर मोर्चा खोल रखा है। आईएएस और एसएएस लॉबी के विरोध के बाद भी इन दो शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की जा रही है, लिहाजा पुलिस अधिकारी भी पूरी सतर्कता के मूड में हैं। यही वजह है कि पुलिस के आला अफसर नहीं चाहते हैं कि ऐसे अफसरों को इन दोनों ही शहरों में थाना प्रभारी बनाया जाए, जो विवादों में बने रहते हैं। इसकी वजह है कि उनके रहते विवाद की स्थिति बनने पर उसे जबरन मुद्दा बनाया जा सकता है। इसकी वजह से ही आला अफसरों ने तय किया है कि थाना प्रभारी स्तर के दर्जन भर अफसरों को दिया जाए। इसके लिए उनके नाम भी तय कर लिए गए हैं। इनमें उन थाना प्रभारियों के नाम हैं, जिनकों लेकर लगातार शिकायतें आला अफसरों के पास पहुंचती रहती हैं।
इन निरीक्षकों की बार -बार शिकायतें मिलने से पुलिस अफसर भी परेशान हैं। इसलिए उन्हें पुलिस कमिश्नर के अधीन नहीं रखा जाएगा। इसके साथ ही कुछ थानों की कमान महिला थाना प्रभारियों को भी देना तय कर लिया गया है।