
- चयनित शिक्षकों की नियुक्ति में भारी विसंगति या फर्जीवाड़ा
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। चयनित होने के तीन साल बाद शिक्षकों को नियुक्ति देने का सिलसिला हुआ तो उसमें बड़ी विसंगति सामने आई है। दरअसल, डबल डिग्री, एलाइड सब्जेक्ट और अधिक रैंक वाले चयनित शिक्षकों को दरकिनार कर कम रैंक वालों को नियुक्ति दे दी है। कुछ लोग इसे विसंगति बता रहे हैं तो कुछ फर्जीवाड़ा। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है।
जानकारी के अनुसार 12,043 लोगों को दिए गए नियुक्ति में मार्किंग के हिसाब से गड़बड़ी है। 18,500 चयनित शिक्षक अभी भी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। इन लोगों ने अपनी शिकायत सीएम को ट्विटर के माध्यम से और पत्र लिखकर दर्ज कराई है। उनका कहना है कि डबल डिग्री और एलाइड सब्जेक्ट वाले तीनों कैटेगरी के चयनित शिक्षकों की नियुक्ति में भारी विसंगति हुई है। इसलिए राजधानी में प्रदर्शन कर सरकार को हकीकत बता रहे हैं।
3 साल बाद नियुक्ति, उसमें भी विसंगति
प्रदेश में शिक्षक भर्ती परीक्षा के बाद और नियुक्ति में यह सबसे लंबा अंतराल है। प्रदेश में संभवत: पहली बार ऐसा हुआ जब भर्ती परीक्षा के जरिए चयनित होने के 3 साल बाद शिक्षकों को नियुक्ति दी गई। लेकिन उसमें भी भारी विसंगति देखने को मिल रही है। प्रदर्शनकारी चयनित शिक्षकों के मुताबिक 657 की रैंक वाली को नियुक्ति दे दी गई। जबकि इससे पहले रैंकिंग 650, 654, 656, लाने वाले अभ्यर्थियों को वेटिंग में रखा गया। 720 रैंक के मामले में भी ऐसा ही हुआ। कई विषयों के मान से रैंकिंग की ऐसी कई विसंगति सामने आई हैं।
8000 अभी नियुक्ति के इंतजार में
गौरतलब है इनसे जुड़े ओबीसी आरक्षण मामले में अभी हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। 2018 में 30,500 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था। इसमें से स्कूल शिक्षा विभाग के 20,000 पद और आदिम जाति विभाग के स्कूलों के लिए 10,500 पद रखे गए थे। स्कूल शिक्षा विभाग ने 12043 पदों पर नियुक्ति दे दी। जिसमें 8000 पदों पर नियुक्ति होना बाकी है। आदिम जाति विभाग ने 10500 पदों के लिए अभी नियुक्ति आदेश जारी नहीं किए हैं।