दिल्ली में मप्र के अधिकारियों का दबदबा

 आईएएस
  • केंद्र सरकार में कई अहम जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं मप्र कैडर के आईएएस

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र कैडर के आईएएस अफसरों का दिल्ली में लगातार दबदबा बढ़ रहा है। इस समय प्रदेश के तीन दर्जन से अधिक अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इनमें से अधिकांश केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, बल्कि समय-समय पर मप्र कैडर के आईएएस अधिकारियों को केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलती रही है। वर्तमान में मंत्रालय से लेकर पीएमओ तक ये महत्वपूर्ण काम संभाले हुए हैं। ऐसा ही स्थिति आईपीएस अफसरों की भी है। मप्र कैडर के आईपीएस अधिकारी वर्तमान समय में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
जानकारों का कहना है कि मप्र कैडर के आईएएस अफसरों की गिनती कर्तव्यनिष्ठ अफसरों में होती है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के मध्यप्रदेश संवर्ग के तीन दर्जन से अधिक अधिकारी इन दिनों केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। इन्हें भारत सरकार ने राष्ट्रीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक की कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी हैं। इनमें केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में सचिव, उप सचिव और संयुक्त सचिव जैसे पदों के अलावा विश्व बैंक, पोर्ट, मसूरी स्थित प्रशासनिक अकादमी और अंतरिक्ष विभाग तक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां शामिल हैं।
ये भी संभाल रहे बड़ी जिम्मेदारी
मप्र संवर्ग के अन्य आईएएस अधिकारी जो केंद्र सरकार में जिम्मेदारी संभाले हुए हैं उनमें अलका उपाध्याय सचिव केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी विभाग, मनोज गोविल केन्द्रीय वित्त सचिव, पंकज अग्रवाल केन्द्रीय सचिव ऊर्जा विभाग, वीएल कांताराव सचिव-केन्द्रीय खान मंत्रालय,  नीलम शमी राव सचिव राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, दीप्ती गौड मुखर्जी सचिव केन्द्रीय कॉर्पोरेट मंत्रालय, नितेश कुमार व्यास उप निर्वाचन आयुक्त केन्द्रीय निर्वाचन आयोग, फैज अहमद किदवई अतिरिक्त सचिव कृषि एवं किसान कल्याण, कैरलिन खोंगवार देशमुख अतिरिक्त सचिव केन्द्रीय ग्रामीण विकास विभाग, आकाश त्रिपाठी सीईओ इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, अजीत कुमार उप निर्वाचन आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग, राहुल जैन संयुक्त सचिव केन्द्रीय वित्त आयोग, स्वाति मीणा मलिक संयुक्त सचिव जल शक्ति मंत्रालय, संकेत एस. भोंडवे संयुक्त सचिव इलेक्ट्रॉनिक्स-सूचना प्रौद्योगिकी, शशांक मिश्रा संयुक्त सचिव ऊर्जा मंत्रालय, छवि भारद्वाज संयुक्त सचिव, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग,  वी. किरन गोपाल उप सचिव – राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, नंदकुमारम सीईओ राष्ट्रीय ई-गवर्नेस प्रभाग, तरुण कुमार पिथोडे डायरेक्टर पर्यावरण वन एवं जलवायु मंत्रालय, तेजस्वी एस. नायक निज सचिव केन्द्रीय मंत्री भारी उद्योग, अनुग्रहा पी. उप सचिव, फार्मेसी विभाग, बी. विजय दत्ता निज सचिव-केन्द्रीय आवास मंत्री, बक्की कार्तिकेयन निज सचिव केन्द्रीय खान मंत्री, हर्ष दीक्षित निज सचिव, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री और रूही खान उप सचिव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकारण की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। हालांकि प्रतिनियुक्ति कोटे के आधार पर मप्र कैडर के 99 आईएएस अफसरों को केंद्र में भेजा जा सकता है।
इनके पास महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
जिन अधिकारियों को केन्द्र में प्रमुख जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, उनमें निकुंज श्रीवास्तव का नाम सबसे ऊपर माना जाता है। 1998 बैच के आईएएस निकुंज श्रीवास्तव विगत वर्ष जुलाई माह से वाशिंगटन डीसी यूएसए में विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक के वरिष्ठ सलाहाकार की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसी प्रकार विजय कुमार जे, अंतरिक्ष विभाग, बैंगलुरू में उप सचिव हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर मप्र संवर्ग के हरिरंजन राव और उप सचिव पद पर चंद्रमोहन ठाकुर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी प्रकार आशीष श्रीवास्तव, केन्द्रीय गृहमंत्रालय में सलाहकार और डॉ. पवन शर्मा रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव हैं। गनेश शंकर मिश्रा और शणमुगा प्रिया मिश्रा लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, मसूरी में उप निदेशक हैं। डॉ. पल्लवी जैन गोविल, हाइड्रोकार्बन, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में महानिदेशक, आशीष भार्गव, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी में महानिदेशक, ज्ञानेश्वर बी. पाटिल, सांता क्रूज विशिष्ट निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र विशेष आर्थिक क्षेत्र मुंबई में विकास आयुक्त हैं। इसी प्रकार जेपी आईरिन सिंथिया, कामाराजार पोर्ट लिमिटेड में प्रबंध निदेशक, विकास नरवाल कोचीन पोर्ट ट्रस्ट केरला के एवं एस. विश्वनाथन चेन्नई पोर्ट प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हैं।  
मप्र में अफसरों का टोटा
मप्र में प्रशासनिक सेवाओं में आईएएस अफसरों की कमी चिंता का विषय बनती जा रही है। राज्य में आईएएस अफसरों के 459 स्वीकृत पदों में से केवल 384 पदों पर अफसर कार्यरत हैं। प्रदेश में कुल 459 स्वीकृत आईएएस पद हैं, जिनमें से 320 पद सीधी भर्ती वाले आईएएस अफसरों के लिए हैं और 139 पद पदोन्नत और चयनित अफसरों के लिए हैं। हालांकि, वर्तमान में केवल 255 पद ही सीधी भर्ती से भरे गए हैं, 128 पद पदोन्नति के जरिए और मात्र एक पद चयन के जरिए भरा गया है। इस तरह प्रदेश में 75 आईएएस की कमी है। इस कमी के बावजूद मप्र कैडर के अफसरों को लगातार केंद्र में बुलाया जा रहा है। हालांकि प्रतिनियुक्ति कोटे के आधार पर मप्र कैडर के 99 आइएएस अफसरों को केंद्र में भेजा जा सकता है। इस कमी का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है। सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित होता है। कानून व्यवस्था बनाए रखना भी मुश्किल हो जाता है। सरकार को इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द ढूंढना होगा। नए अधिकारियों की भर्ती और पदोन्नति की प्रक्रिया तेज करनी होगी। साथ ही, केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारियों को वापस बुलाने के प्रयास करने होंगे।

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