जिलों ने भेजी सुरक्षित भंडारण की रिपोर्ट, अब नहीं भीगेगा अनाज

सुरक्षित भंडारण

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के सभी जिलों से भंडारित अनाज को सुरक्षित किए जाने की रिपोर्ट सरकार के पास आ गई है। जिसमें दावा किया है कि अनाज भंडारण की व्यवस्था पहले से बेहतर हो गई है। बारिश में अनाज न भीगे, इसके बचाव के संबंध में जरूरी कदम उठाए गए हैं। बता दें कि इसके लिए सरकार की ओर से कोर्ट के 15 जून 2021 के आदेश के परिपेक्ष्य में 17 जून को प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखा था।  इसमें कहा गया था कि अनाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद रिपोर्ट दें।
सरकारी स्तर पर कृषि उपज मंडी सहित किसानों की उपज को सुरक्षित करने के लिए जिन गोदामों का प्रावधान किया गया है वहां भी सुरक्षित नहीं रह पाता है। यही कारण है कि हर साल लाखों टन अनाज खुले में पड़ा भी रह कर सड़ जाता है और इस तरह का सड़ा हुआ अनाज मवेशियों के काम भी नहीं आता है। यही वजह रही कि कोर्ट को भी इसमें दखल देना पड़ा। कुछ वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने गोदामों में कई टन अनाज सड़ जाने के मसले को गंभीरता से लेते हुए तल्ख लहजे में टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यदि शासन प्रशासन के स्तर पर किसानों द्वारा मेहनत से उगाए गए अनाज को संरक्षित नहीं किया जा सकता तो सड़ने से पूर्व ही उपज को गरीबों में बांट दिया जाए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की इस सख्त हिदायत के बावजूद भी हर साल कभी गोदामों में रखा चावल तो कभी गेहूं और कभी सब्जियां बड़े पैमाने पर सड़ती है। जबकि कोर्ट ने कहा था कि अन्नदाता की मेहनत का सम्मान करते हुए अनाज का बेहतर संरक्षण किया जाए, ताकि वक्त आने पर यह जरूरतमंदों के काम आ सके।
प्रदेश में भंडारण क्षमता से अधिक हुई खरीदी
दरअसल प्रदेश में अनाज भंडारण की जितनी क्षमता है उससे कहीं अधिक की खरीद हुई है। यही वजह है कि सरकार के पास अनाज को सुरक्षित करने की चुनौती रहती है। फिलहाल राज्य सरकार के पास कवर्ड भंडारण क्षमता 87.6 लाख टन और कैप भंडारण की क्षमता 5.3 लाख टन है। इसके साथ ही सरकार ने साईलो भी बनवाए हैं जिनकी भंडारण क्षमता साढ़े चार लाख टन है, जबकि राज्य सरकार ने रवि की फसल में 1975 रुपए के  समर्थन मूल्य पर गेहूं सहित 127 लाख टन अनाज खरीदा है। यही वजह है कि लाखों टन अनाज खुले में पड़ा भीगकर सड़ रहा है। ऐसे में जनता के करोड़ों रुपए बर्बाद हो रहे हैं।
प्रमुख सचिव द्वारा लिखे गए पत्र पर आई रिपोर्ट
ज्ञात हो कि प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति द्वारा खुले में रखे गए सरकारी अनाज को बरसात से बचाने के लिए सभी जिलों के कलेक्टरों को आदेश जारी किए गए थे। उसके बाद सभी जिलों के कलेक्टरों ने इस पर कार्रवाई करते हुए अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। यही वजह है कि अब शासन द्वारा दावा किया गया है कि जिलों में रखा अनाज सुरक्षित रहेगा।

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