
- राजस्व प्रकरणों के निराकरण का महा अभियान
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र सरकार हर हाल में प्रदेश में चल रहे राजस्व प्रकरणों का निराकरण चाहती है। यही वजह है कि प्रदेश में इनके निराकरण के लिए महा अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान की खास बात यह है कि छोटे और दूरदराज के जिलों के सामने बड़े और महानगरों वाले जिले फिसड्डी साबित हो रहे हैं।
अगर जिलों के निराकृत प्रकरणों को देंखे तो, इस मामले में शहडोल, झाबुआ और बैतूल जैसे छोटे जिले टॉप टेन में आगे बने हुए हैं, जबकि भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसे जिले टॉप टेन में आना तो दूर वे उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जिलों तक में स्थान नहीं पा सके हैं। यह खुलासा हुआ है, राजस्व विभाग द्वारा प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा से। प्रदेश में राजस्व महाभियान 2.0 समाप्त होने के बाद एक माह बाद भी 55 जिलों की 428 तहसीलों में दो लाख 95 हजार 726 राजस्व प्रकरण लंबित बने हुए हैं, जबकि विभाग के अधिकारियों ने महाभियान के दौरान बड़ी संख्या में राजस्व प्रकरणों का निराकरण करने का दावा किया गया है। अहम बात यह है कि बड़े महानगरों वाले जिलों कीह स्थिति तब है जबकि वहां पर आला अफसरों से लेकर मंत्री तक रहते हैं। इसमें भी सबसे खराब स्थिति तो भोपाल की है जहां पर पूरी सरकार से लेकर प्रशासन तक है, जिसके बाद भी मैदान अफसरों ने महाअभियान को गंभीरता से नहीं लिया है।
झाबुआ में शत प्रतिशत सीमांकन के मामले निपटे: सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण करने में झाबुआ सबसे आगे है। जानकारी के अनुसार जिले में आए 1,383 सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण किया जा-चुका है, जबकि भोपाल में 2,307, इंदौर में 3,046, जबलपुर में 1,805 और ग्वालियर में 1,688 सीमांकन के प्रकरण लंबित है। इसके साथ ही आलीराजपुर, सिवनी, शाजापुर और अनूपपुर जिलों में 99 प्रतिशत प्रकरणों को निपटाने का कार्य किया जा चुका है।
शहडोल पहले स्थान पर: नामांतरण के प्रकरण निपटाने में शहडोल जिला पहले स्थान पर है। यहां 8,940 में से 7,910 यानी 88 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। जबकि ग्वालियर में सबसे अधिक 12,365, भोपाल में 11,636, इंदौर में 8,458 और जबलपुर में 7,967 प्रकरण लंबित हैं। इसके साथ ही दतिया में 86, खंडवा में 86, बैतूल, सतना और रायसेन में 85 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण हुआ है। उधर, बंटवारा के प्रकरणों का निराकरण करने में बैतूल सबसे आगे है। यहां 3,271 में से 2,885 बंटवारा प्रकरणों का निराकरण किया गया है। जबकि भोपाल में 762, इंदौर में 862, ग्वालियर में 918 और जबलपुर में 780 प्रकरण लंबित हैं।