देखरेख को लेकर भोपाल वन मंडल और पर्यावरण वन मंडल के बीच विवाद

पर्यावरण वन मंडल

कलियासोत नगर वन अब पर्यटकों के घूमने के लिए तैयार…

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) के खत्म होने के बाद अब भोपाल वन मंडल और पर्यावरण वन मंडल के बीच विवाद शुरू हो गया है कि कलियासोत स्थित नगर वन की देखरेख कौन करेगा। गौरतलब है कि कलियासोत स्थित नगर वन अब पर्यटकों के घूमने के लिए तैयार है। इसके ट्रैक के निर्माण सहित अन्य सभी तैयारियां पूरी हो गई है, लेकिन वन विभाग की दो एजेंसियों, भोपाल वन मंडल और पर्यावरण वन मंडल के बीच विवाद की स्थिति के चलते यह तय ही नहीं हो पा रहा है कि ,इस नए नगर वन की देखरेख कौन करेगा। इस वजह से इसके लोकार्पण की तारीख भी अटक गई है। भोपाल वन मंडल के अधिकारी इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत करने की बात कह रहे हैं।  दरअसल, अब तक भोपाल के सभी नगर वनों की देखरेख राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) करता था। लेकिन सीपीए के खत्म होने के बाद अब इनकी देखरेख को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है।  सीपीए की वानिकी विंग को देखने वाले सभी अधिकारी और कर्मचारियों को पहले पीडब्ल्यूडी में मर्ज किया गया। बाद में वन विभाग द्वारा भोपाल में एक नया पर्यावरण वन मंडल गठित कर दिया गया।  इसकी जिम्मेदारी मुख्यालय स्तर पर सामाजिक वानिकी को दी गई। लेकिन हालत ये है कि अभी तक राजधानी परियोजना प्रशासन के वन कर्मचारी पर्यावरण वन मंडल में मर्ज नहीं हुए हैं। ऐसे में नगर वन की देखरेख की जिम्मेदारी कौन संभालेगा, यह अभी तक तय नहीं हुआ है।
नगर वन की खासियत
कलियासोत नगर वन में 10 किमी तक का ट्रैक बनकर तैयार हो गया है। नगर वन में 10 हट भी बनाए गए हैं, जिसमें बांस से काम किया गया है। कुल इलाका 54 हेक्टेयर है।  यहां पर लगे पेड़ों की संख्या तीन लाख है। तितलियों के लिए होस्ट प्लांट लगाए जा रहे हैं। यहां देशभर के बांस की प्रजाति लाकर लगाई गई है।  पथरीले इलाके में मियावॉकी पद्धति से किया गया पौधरोपण, फाइकस की भी विभिन्न वैरायटी लगाई गई है। तितलियों के लिए होस्ट प्लांट लगाए जा रहे हैं।  यहां हुई तितली गणना ने 35 प्रकार की तितली पाई गई थीं। यहां पर पक्षी गणना में 83 प्रजाति के 234 पक्षी पाए गए थे। यहां रह रहे शाकाहारी वन्यप्राणियों के लिए 4 वॉटर होल बनाए गए हैं, ताकि पहाड़ी से आने वाले बारिश के पानी को रोका जा सके। भोपाल वन मंडल के डीएफओ आलोक पाठक का कहना है कि वर्तमान में भोपाल में 5 नगर वन हैं। इसमें लाहरपुर बॉटनीकल गार्डन, एकांत पार्क, स्वर्ण जयंती पार्क, मोरवन शाहपुरा और मोरवन वन बैरागढ़ शामिल है। नगर वन पूरा बनकर तैयार है। फिलहाल इसके लोकार्पण की तारीख तय नहीं है। इसकी देखरेख और इसके संचालन के संबंध में बायलॉज बनाए जा रहे हैं।  इसकी देखरेख कौन करेगा, यह भी अभी तय नहीं है।  इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता।
भोपाल में दूसरे वन मंडल का गठन हुआ
राजधानी में पर्यावरण वानिकी वन मंडल के नाम से दूसरा वन मंडल अस्तित्व में आ गया है। इसमें 38 अधिकारी, कर्मचारी समेत 260 का अमला होगा। यह बंद हो चुके सीपीए वन मंडल की जगह काम देखेगा। मप्र शासन के अपर सचिव अशोक कुमार ने इसके आदेश जारी कर दिए है। वनमंडल के अधीन वे सभी काम होंगे, जो पूर्व में राजधानी परियोजना प्रशासन की वन शाखा के तहत होते थे। राजधानी परियोजना प्रशासन इकाई बंद होने के बाद ही इस वन मंडल पर विचार किया गया था। जिसे शासन ने स्वीकृति दे दी है। इस नए वन मंडल के मुखिया वन संरक्षक होंगे। इसमें दो अनुविभागीय अधिकारी, चार वन क्षेत्रपाल, इतने ही उप वन क्षेत्रपाल, 22 वन रक्षक, सहायक ग्रेड-1 व लेखापाल एक-एक, सहायक ग्रेड-3 के तीन पद और एक वाहन चालक समेत 38 प्रशासकीय अधिकारी कर्मचारी होंगे। इस वन मंडल में करीब 222 स्थायीकर्मी व दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी भी होंगे।
प्रतिनियुक्ति से भरे जाएंगे सभी पद
इस वन मंडल में लगभग सभी पदों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरा जाएगा। राजधानी परियोजना वन मंडल में भी यही हुआ था।  इस वन मंडल के लिए नई भर्ती नहीं होगी। अधिकारियों के मुताबिक यह वन विभाग का ही एक हिस्सा है, जो भोपाल में संचालित सामान्य वन मंडल की तरह काम करेगा लेकिन इसका दायरा शहरी सीमा के भीतर होगा। जबकि भोपाल सामान्य वन मंडल का दायरा शहर से बाहर ग्रामीण अंचलों तक फैला हुआ है।  सूत्रों के मुताबिक एक माह के भीतर ही इसमें नियुक्ति किया जाना शुरू हो जाएंगी। यह सीसीएफ के अधीन ही कार्य करेगा।

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