
- विभाग ने सामूहिक अवकाश आवेदनों को किया निरस्त
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में सडक़, पुल और पुलिया निर्माण में नियमित निरीक्षण से मैदानी इंजीनियर नाराज हो गए हैं। हर दिन निरीक्षण में सामने आ रही गड़बडिय़ों की वजह से इंजीनियरों पर कार्रवाई भी हो रही है। निर्माण की गुणवत्ता में सुधार और भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने प्रदेश भर में औचक निरीक्षण की शुरुआत की है जो इंजीनियरों को नागवार गुजरा और वे विरोध में आ गए हैं। दरअसल, विभाग का यह प्रयास गुणवत्ता बेहतर करने और पारदर्शिता के दृष्टिकोण से किया गया है, ताकि विभाग और इंजीनियरों पर कोई अंगुली न उठा सके, पर विरोध से यह साबित हो रहा है कि इंजीनियर ही भ्रष्ट छवि से मुक्ति पाना नहीं चाहते हैं और सुधार के इन प्रयासों के विरुद्ध उन्होंने हड़ताल की चेतावनी दी है। मध्य प्रदेश सरकार के इस नवाचार की अन्य प्रदेशों ने भी सराहना की है। वे इसे अपनाने पर विचार कर रहे हैं। बता दें, सोमवार को प्रदेशभर के 1000 डिप्लोमा इंजीनियरों ने सामूहिक अवकाश की घोषणा कर दी है जबकि निरीक्षण भी इसी दिन प्रस्तावित है। हालांकि, विभाग ने किसी का भी अवकाश स्वीकृत नहीं करने के निर्देश दिए हैं। हड़ताल पर जाने से पहले इंजीनियरों ने दो पत्र भी लिखे हैं। इनमें पहला पत्र बरेली-पिपरिया मार्ग रायसेन पर क्षतिग्रस्त घोषित पुल के गिरने पर लिखा गया। इसमें बताया गया कि बिना प्रतिवेदन के अधिकारियों पर एफआइआर दर्ज करवा दी गई। इसके बाद एक अन्य पत्र में कहा गया है कि निर्माण कार्यों के गुणवत्ता नियंत्रण और जांच के नाम पर इंजीनियरों के विरुद्ध एकतरफा कार्रवाई हो रही है। इंजीनियरों ने पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह से भी मुलाकात करके समस्या बताई है। इंजीनियरों का कहना है कि विभाग में सब इंजीनियर के 600 और एसडीओ के 200 पद खाली हैं। एक्जीक्यूटिव इंजीनियर भी प्रभार वाले हैं। गौरतलब है कि विभाग ने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुधार के लिए एक वर्ष पहले से हर पखवाड़े औचक निरीक्षण का नियम बनाया है, इसके परिणाम भी अच्छे आ रहे हैं। इंजीनियरों का कहना है कि वे कार्य की अधिकता के चलते निर्माण कार्यों की निगरानी नहीं कर पाते हैं इसलिए इसे बंद किया जाए।
साफ्टवेयर आधारित है निरीक्षण व्यवस्था
सकेश सिंह के निर्देश पर निर्माण कार्यों की गुणवता सुनिश्चित करने के लिए साफ्टवेयर आधारित औचक निरीक्षण की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। इसके तहत महीने में दो बार साफ्टवेयर से रेडम आधार पर मुख्य अभियंताओं के दलों और जिलों का चयन कर प्रतिमाह पांच और 20 तारीख को किन्ही सात जिलों में औचक निरीक्षण किया जाता है। निरीक्षण के एक दिन परियोजनाओं का रेंडम आधार पर चयन किया जाता है। निरीक्षण के दौरान रेंडम स्थान से सैंपल कलेक्शन कर क्यूआर कोड के माध्यम से गोपनीयता सुनिश्चित कर प्रयोगशालाओं में परीक्षण कराया जाता है। निरीक्षण के दूसरे दिन राज्य स्तर से समीक्षा कर त्वरित कार्रवाई की जाती है।
17 ठेका कंपनियां ब्लैकलिस्ट, सात इंजीनियरों को किया निलंबित
औचक निरीक्षण का उद्देश्य केवल दंडित करना नहीं है। जो अच्छा काम करते हैं उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाता है। 10 माह में 55 जिलों में 730 कार्यों का निरीक्षण हुआ। 83 इंजीनियरों को कारण बताओ नोटिस व सात निलंबित किए गए। साथ ही 54 ठेकेदारों व 11 कंसल्टेंट को भी नोटिस जारी किया। इनमें से 17 ठेकेदार ब्लैकलिस्ट किए गए। मंत्री राकेश सिंह मानते हैं कि निलंबन की कार्रवाई अच्छी नहीं लगती है, लेकिन अनुशासन बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है।
