सरकारी लायब्रेरी में ‘देशद्रोही’ की किताब पर चर्चा

सरकारी लायब्रेरी
  • विवेकानंद पुस्तकालय के नियमित सदस्यों और कुछ लेखकों ने मुख्यमंत्री से की शिकायत

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी भोपाल में आज देशद्रोह के आरोप में नामजद रहीं विवादास्पद लेखिका अरुंधति राय की किताब पर चर्चा होनी है। विवेकानंद लायब्रेरी के लिटरेटी लाउंज में  चर्चा का आयोजन शाम साढ़े पांच बजे से किया जा रहा है।  इस आयोजन को लेकर लाइब्रेरी के नियमित सदस्यों के अलावा कुछ लेखकों ने मुख्यमंत्री को शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत करने वाले राजेश शुक्ला, नरेंद्र उइके और प्रमोद जैन ने कहा कि भारत की बर्बादी का सपना देखने वालों की पुस्तक पर विमर्श का आयोजन स्कूली शिक्षा विभाग की धृष्टता को साबित करता है। विवेकानंद लाइब्रेरी के प्रभारी अधिकारियों और आयोजकों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग भी प्रबुद्धजनों ने की है।
मप्र सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विवेकानंद पुस्तकालय में जिस किताब पर चर्चा होली है उसमें अरुंधति राय की जिंदगी और मां (मेरी) के साथ जटिल, अनोखे, रिश्तों की कहानी है।  वह उनकी इसाई मूल की मां मैरी राय के साथ उनके जटिल और असाधारण रिश्तों पर केंद्रित हैं। पुस्तक का नाम मदर मैरी कम्स टू मी है। अरुंधति की मां मैरी राय केरल के एक सीरियाई ईसाई परिवार से ताल्लुक रखती थीं। अरुंधति राय की इस पुस्तक पर चर्चा का नेतृत्व पीके दास करेंगे। गौरतलब है कि अंग्रेजी राज में भोपाल की इस लाइब्रेरी का नाम ब्रिटिश लाइब्रेरी था। जिसे स्वाधीनता के बाद विवेकानंद लाइब्रेरी नाम दिया गया। प्रदेश का स्कूली शिक्षा विभाग इसे संचालित करता है। विभाग द्वारा लाइब्रेरी के लिए सभी सुविधाएं एवं स्टाफ उपलब्ध कराया गया है। लाइब्रेरी में भोपाल के हजारों लोग सदस्य के रूप में जुड़े हुए हैं। 1600 रुपए से लेकर 3300 रुपये शुल्क देकर अलग-अलग श्रेणी में लोग सदस्यता लेते हैं। प्रदेश के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा विवेकानंद लाइब्रेरी का संचालन किया जाता है। इसके बावजूद लाइब्रेरी के संचालकों द्वारा अरुंधति राय की पुस्तक पर चर्चा आयोजित करने के निर्णय पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अरुंधति भारत के विरुद्ध सक्रिय ताकतों के साथ खड़ी रहती हैं। वे कश्मीर को भारत के कब्जे वाला कश्मीर कहती हैं। भारतीय सुरक्षा बलों के विरुद्ध भी उनके सार्वजनिक बयान सर्वविदित हैं। सुश्री राय मौजूदा मोदी सरकार की भी सर्वाधिक मुखर आलोचकों में एक हैं। वे पाकिस्तान की खुलकर हिमायत भी करती रही हैं और आरोप लगाती रही हैं कि भारत के सुरक्षा बल कश्मीर और मणिपुर नगालैंड और मिजोरम में नागरिकों पर सैन्य कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने एक बयान में कहा था कि भारत में उच्च जाति के हिंदू अत्याचारी हैं, जबकि ऐसा राज्य प्रेरित अत्याचार पाकिस्तान में नहीं हैं।

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