- लग रहा है पार्टी की छवि को बट्टा
- गौरव चौहान

देशभर में अनुशासन के लिए पहचाने जाने वाली भाजपा में ही अब अनुशासन पूरी तरह से तार-तार हो रहा है। यही वजह है कि बार-बार ऐसे मौके आ रहे हैं कि पार्टी को अपने ही नेताओंं को बुलाकर उन्हें समझाइश के साथ चेतावनी तक देनी पड़ रही है। इसके बाद भी अनुशासन टूटने की घटनाओं में की नहीं आ रही है। दरअसल, बीते कुछ सालों में पार्टी अनुशासन तोडऩे वालों पर कोई प्रभावी कार्रवाई नही कर सकी है, जिसकी वजह से इस तरह की घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है। फिर मामला मंत्री से लेकर विधायकों का हो या फिर महापौरों का। दरअसल, बीते कुछ सालों में भाजपा में दूसरे दलों के बड़े स्तर पर नेता भाजपा में आए हैं।
इसकी वजह से अब भाजपा में दूसरे दलों की बुराईयां भी तेजी से बढ़ रही हैं। यही वजह है कि अब भाजपा को अपने नेताओं को सीख देने की बेहद जरुरत पडऩे लगी है। नेताओं के बयान और उनके कामों से पार्टी के साथ ही सरकार की छवि को बट्टा लग रहा है। इसके बाद भी अब तक भाजपा ऐसे नेताओं के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई करती नजर नहीं आयी है। जिन नेताओं की बदजुबानी से आमजन के बीच पार्टी की छवि को नुकसान हो रहा है उनमें वरिष्ठ से लेकर जूनियर विधायक तक शामिल हैं। यही वजह है कि पार्टी ऐसे नेताओं की वजह से कांग्रेस को न केवल हमलावार होने का मौका मिल जाता है, बल्कि उन्हें सरकार को घेरने का भी मुद्दा हाथ आ जाता है। उधर पार्टी के आंद ही नेताओं के बीच भी अपने अपने क्षेत्रों में प्रभाव को लेकर बेहद मनमुटाव की खबरें भी आए दिन सामने आती हरती है। नेताओं के बीच टकराव को लेकर भी नेता सार्वजनकि बयानबाजी करने में पीछे नही रह रहे हैं।
यह हैं कुछ मामले जिनसे सरकार व संगठन की छवि पर अड़ा असर
– एक शादी समारोह में शामिल होने ग्वालियर गए स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल द्वारा एक होटल पर छापामार कार्रवाई के दौरान विवाद की स्थिति बन गई थी। इस दौरान मंत्री के बयान और व्यवहार से पार्टी की बेहद किरकिरी हुई। इस मामले के वीडियो और फोटो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए थे। दरअसल वे समर्थकों के साथ सिटी सेंटर स्थित एक रेस्टोरेंट में खाना खाने पहुंचे थे। आरोप है कि इस दौरान मंत्री और उनके स्टॉप ने दबंगई दिखाते हुए होटल स्टॉफ के साथ अभद्रता की। यही नहीं, मंत्री ने खाद्य विभाग की टीम को मौके पर बुला लिया और रेस्टोरेंट की जांच शुरू करवा दी। उक्त होटल में डिनर के लिए गए थे। वहां पर भूख से बेहाल मंत्री को ग्राउंड फ्लोर पर टेबल नहीं मिली, तो वे होटल स्टॉफ पर भडक़ पड़े। इस दौरान रेस्टोरेंट संचालक कमल अरोरा हाथ जोडक़र मंत्री का गुस्सा शांत करने की कोशिश करते दिखे।
– ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते समय जनजातीय कार्यमंत्री विजय शाह की कर्नल सोफिया को लेकर की गई टिप्पणी का विवाद तो पार्टी के लिए मुसीबत बना ही हुआ है। सह मतामला फिलहाल न्यायालय में है। इस मामले में पार्टी ने भले ही उन्हें समझाइश दी है, लेकिन वे मंत्री पद छोडने के लिए तैयार नही हैं। उनके बयान की वजह से पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर जमकर किरकिरी हो रही है। उनके खिलाफ न्यायालय के आदेश पर आपराधिक मामला भी दर्ज हो चुका है। इसके बाद भी वे मंत्री बने हुए हैं। अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है।
– खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और पूर्व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह के बीच अदावत और जुबानी जंग तो बीते लंबे समय से चल रही है। उनके बीच खुलकर सार्वजनिक रुप से आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहता है। इस मामले में भूपेन्द्र सिंह सत्ता व संगठन तक पर गंभीर सवाल खड़े कर चुके हैं। इससे पार्टी में गुटबाजी और अनुशासन भंग होने की बात कई बार सामने आ चुकी है। इसके बाद भी पार्टी व सरकार के रणनीतिकार मामले को नहीं सुलजा पा रहे हैं।
– वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व सीएम और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर दिए बयान के बाद विवादों में घिर चुके हैं।
– रतलाम की तराना सीट से विधायक चिंतामण मालवीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के खिलाफ ही बयानबाजी कर चुके हैं।
– महू विधायक ऊषा ठाकुर, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, भोपाल सांसद आलोक शर्मा भी ऐसे विवादित बयान दे चुके हैं, जिस पर पार्टी को बाद में सफाई देनी पड़ी है।
– शिवपुरी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों को हम विधानसभा में उठाएंगे। वहां भी सुनवाई नहीं हुई तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। शुक्रवार को शिवपुरी विधायक देवेन्द्र जैन ने यह बया मीडिया के सामने देकर सरकार की कार्यप्रणाली को पूरी तरह से कटघरे में खड़ा कर दिया है। उनका कहना है कि प्रशासनिक अफसर उनकी बात को सुनते तक नही है। इसकी वजह से वे असहाय हो चुके हैं।
– भाजपा विधायक प्रदीप पटेल पुलिस अपराधियों के साथ मिलकर मेरी जान की दुश्मन बन गई है। मेरे साथ कभी भी कोई भी वारदात हो सकती है। विधायक बनने के बाद मुझ पर कई बार हमला हो चुका। मेरे घर आकर जान से मारने की धमकी भी दी गई है। पुलिस सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनी हुई है। यह आरोपर सर्वाजनिक रुप से लगाने के बाद वे पुलिस अफसरों के सामने दंडवत भी हो चुके हैं। वे नशे के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से परेशान हैं।
– हाल ही में गुना जिले से भाजपा विधायक पन्नालाल शाक्य ने भी अपनी पीड़ा बताते हुए खुद को ही पीडि़त बता चुके हैं। उन्होंने मंच से प्रशासन और सरकार दोनों को घेरा था। इससे पहले भी प्रीतम सिंह लोधी जो शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं, उन्होंने अपनी सुनवाई नहीं होने और कांग्रेसियो की सुनवाई होने के चलते भाजपा सरकार के ऊर्जा मंत्री को लट्टू मंत्री बताते हुए कई गंभीर और आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं।
नर्मदा तट पर लगेगी क्लास
विवादित और अनावश्यक बयानों से हो रही किरकिरी के बाद भाजपा अब अपने नेताओं को बोलने की नई कला सिखाने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव पर पार्टी ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश के सभी मंत्री और विधायक एक विशेष ट्रेनिंग शिविर में भाग लेंगे, जिसमें उन्हें सार्वजनिक मंचों पर सोच-समझकर बोलने की तकनीक सिखाई जाएगी। यह विशेष शिविर अगले महीने नर्मदा नदी के तट पर स्थित एक संस्थान में आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन संघ के प्रशिक्षण शिविरों की तर्ज पर तैयार किया गया है। शिविर में मीडिया विशेषज्ञ, संचार प्रशिक्षक और पार्टी के अनुभवी प्रवक्ता नेताओं को समझाएंगे कि किस वक्त, किस मंच पर कितना बोलना है। साथ ही यह भी बताया जाएगा कि किन मुद्दों पर उन्हें नहीं बोलना है। इतना ही नहीं नेताओं को यह भी सिखाया जाएगा कि मीडिया से बात करते समय अपनी बात कैसे रखना है, विपक्ष को कैसे जबाव देना है।