मंथर गति से काम, तय समय पर सड़कों व पुलों का निर्माण मुश्किल

सड़कों व पुलों का निर्माण

भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। इस वित्त वर्ष के बजट में भले ही कई विभागों के बजट में सरकार द्वारा कम राशि का प्रावधान किया गया है, लेकिन लोक निर्माण ऐसा विभाग है जिसे भरपूर राशि दी गई है। इसके बाद भी यह विभाग काम के मामलों में फिसड्डी साबित हो रहा है। काम की मंथर गति की वजह से माना जा रहा है कि विभाग को आत्म निर्भर मप्र के तहत दिए गए लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल अभी से नजर आ रहा है। यही वजह है कि अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को खुद विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई को तलब कर कैफियत लेनी पड़ी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा आत्मनिर्भर लक्ष्य के तहत लोक निर्माण विभाग को 2 हजार 441 किलोमीटर नई सड़कों के निर्माण का काम दिया गया है। इन सड़कों का निर्माण एक साल में करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके अलावा विभाग को 65 बड़े पुलों का काम भी सौंपा गया है। इसके अलावा अगले तीन सालों में 105 रेलवे ओव्हर ब्रिजों के निर्माण का काम भी केन्द्र की भागीदारी से बनाने का काम दिया गया है। इनके निर्माण पर करीब 3 हजार 105 करोड़ रुपए खर्च किया जाना है। इनके बनने से सड़कों की कनेक्टिविटी बेहतर हो सकेगी। खास बात यह है कि अब नए वित्त वर्ष के ढाई माह हो चुके हैं, लेकिन काम शुरू होना तो ठीक अब तक कई कामों के तो टेंडर तक विभाग नहीं करा सका है। ऐसे में बचे हुए साढ़े नौ माह में काम होना नामुमकिन दिखने लगा है। अगर अभी से टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाए तब भी ठेकेदार को वर्क आर्डर मिलने में डेढ़ सें दो माह का समय लगना तय है। इस बीच बारिश की वजह से काम होना मुश्किल है। खास बात यह है कि सरकार की प्राथमिकता सड़कों को लेकर इससे ही समझी जा सकती है कि बीते साल की तुलना में विभाग को इस बार 475 करोड़ रुपए से अधिक का बजट दिया गया है।
नाबार्ड देगा साढ़े तीन हजार करोड़ से अधिक की मदद
खास बात यह है कि प्रदेश में सड़कों के अलावा पुल -पुलियों के निर्माण के लिए राशि की कोई कमी नहीं रहे इसके लिए नाबार्ड द्वारा 3 हजार 640 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी। इस राशि के लिए प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को हाल ही में नाबार्ड द्वारा मंजूरी प्रदान कर दी गई है। इस राशि से प्रदेश में 244 पुलों का निर्माण किया जाना है। इनमें से 44 आरओबी व 7 फ्लाई ओवरों का भी निर्माण होना है। इसी तरह से नाबार्ड ने 193 बड़े पुलों के निर्माण के लिए भी कर्ज देने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है।
समय पर काम नहीं होने की है शोहरत
दरअसल प्रदेश के निर्माण विभागों में बेहद अहम लोक निर्माण विभाग की शोहरत ऐसी है कि उसके द्वारा कराए जाने वाला कोई भी काम कभी भी समय पर पूरा नहीं होता है। कई काम तो ऐसे हैं जो कई सालों से पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। यही वजह है कि इस बार सरकार ने विभाग को समय पर काम कराने के लिए सख्ती करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत अब समय पर काम पूरा नहीं करने वाले ठेकेदारों को न केवल ब्लैक लिस्ट में डाला जाएगा बल्कि उनका पंजीयन भी निरस्त किया जाएगा। ऐसा होने की वजह से वे आगे से ठेके लेने के लिए पूरी तरह से अपात्र हो जाएंगे। दरअसल ठेकेदार अफसरों से मिलकर कई तरह के बहाने बनाकर ठेकों को पूर्ण करने की अवधि में वृद्धि करा लेते हैं, जिसकी वजह से ठेकेदारों को तय समय में काम पूरा नहीं करने पर भी किसी तरह की कोई कार्रवाई होने का डर नहीं रहता है।

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