दीदी और भैया के अनमनेपन से भाजपा को खंडवा में नुकसान

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भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा के लिए नाक का सवाल बनी खंडवा लोकसभा सीट के दिग्गज नेताओं में शामिल पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस और पूर्व सासंद के पुत्र हर्ष चौहान के बीच जारी शीत युद्ध तमाम प्रयासों के बाद भी समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इसके अलावा कई अन्य नेताओं के बीच भी यही स्थिति बनी हुई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा तक के प्रयास भी इस मामले में असफल साबित हो रहे हैं। इसकी वजह से हालात यह हो गए हैं कि दीदी और भैया के बीच जारी अनमनेपन का नुकसान भाजपा को खंडवा लोकसभा के चुनाव में होता दिख रहा है। इन दोनों ही नेताओं के बीच जारी यह अनमनापन अब तो अंदरुनी की जगह पूरी तौर पर बाहर आ चुका है। यही वजह है जब मुख्यमंत्री से लेकर अन्य बड़े नेता जहां अपने संबोधन में मंचासीन सभी प्रमुख नेताओं का नाम लेते हैं , तो वहीं अर्चना चिटनिस और हर्ष चौहान एक दूसरे का नाम लेना तो दूर एक दूसरे को देखना भी पसंद नहीं करते हैं। यह दोनों ही नेता खंडवा लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में टिकट के लिए प्रमुख दावेदार रह चुके हैं। उनके बीच जारी अदावद की वजह से ही पार्टी ने दोनों को दरकिनार कर ज्ञानेश्वर पाटिल को उम्मीदवार बनाया है।
दरअसल यह सीट पार्टी के ही दिग्गज नेता नंद कुमार सिंह चौहान के निधन से रिक्त हुई थी। यह सीट भाजपा की परंपरागत सीट मानी जाती है, लेकिन इस बार इस सीट पर भाजपा के क्षेत्रीय नेताओं के बीच चल रहा शीत युद्ध उसके लिए खतरे के रूप में देख जा रहा है। इस उपचुनाव की घोषणा के बहुत पहले से खुद को प्रत्याशी मानकर चल रहे स्वर्गीय नंदू भैया के पुत्र हर्ष सिंह चौहान टिकट नहीं मिलने से बेहद नाराज हैं। वे उपचुनाव की तैयारी भी कर रहे थे। वहीं, बीता विधानसभा चुनाव हार चुकी अर्चना चिटनीस भी अपनी लागातार दावेदारी की वजह से मजबूत दावेदार बनकर उभरी थीं, लेकिन पार्टी ने उन्हें भी इस मामले में कोई तवज्जो नहीं दी।
इसके बाद भी वे अपना वजूद बड़ा साबित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। इस हालात को देखते हुए ही कांग्रेस नेताओं का कहना है कि खंडवा उपचुनाव में भाजपा के खेमे ही उनके अपने ही पार्टी प्रत्याशी को निपटाने में लगे हैं। ऐसे में कांग्रेस को अपनी जीत का मार्जिन बढ़ता साफ दिखाई दे रहा है।
विकास के अपने-अपने दावे
हर्ष व चिटनिस के बीच मनमुटाव का आलम यह है कि मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हो रही चुनावी सभाओं में भी वे दोनों एक दूसरे का नाम तक नहीं लेते हैं। खास बात यह है कि इस दौरान हर्ष जहां क्षेत्र के विकास के लिए सिर्फ अपने पिता को ही श्रेय देते हैं तो वहीं अर्चना चिटनीस नंदू भैया के साथ खुद और मुख्यमंत्री के योगदान का दावा करते हुए जमकर बखान करती हैं। खास बात यह है कि इसके बाद भी भाजपा दोनों नेताओं के बीच किसी तरह के मनमुटाव और आपसी अदावत से इंकार करते हैं।
दोनों नेताओं का पारिवारिक जीवन है राजनैतिक
पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस शिवराज मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुकी हैं। वे स्वयं तीन बार विधायक रही हैं। इसमें दो बार बुरहानपुर से तो एक बार नेपानगर से। वे अब तक दो चुनाव हारी है। पहला चुनाव वे नेपानगर से और अब बुरहानपुर से प्रत्याशी के रूप में पराजित हुई हैं। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनैतिक रही है। उनके पिता प्रो बृजमोहन मिश्रा भी तीन बार विधायक रहे हैं। इस दौरान वे मंत्री के साथ विधानसभा अध्यक्ष भी रहे हैं। इसी तरह से हर्ष चौहान के पिता पांच बार सांसद रहने के अलावा प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी रहे हैं। इसकी वजह से इन दोनों ही नेताओं का इस इलाके में अपना प्रभाव है।  
वीडी आज करेगें कई सभाओं को संबोधित
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा 20 अक्टूबर को निवाड़ी एवं पन्ना प्रवास पर रहेंगे। शर्मा प्रात: 11.40 बजे भोपाल से पृथ्वीपुर पहुंचकर महिला सम्मेलन में शामिल होंगे। दोपहर 12.50 बजे मडवा में नुक्कड़ सभा, दोपहर 1.50 बजे विरोरा खेत में नुक्कड़ सभा एवं हरदास आदिवासी के निवास पहुंचकर भोजन करेंगे। शर्मा दोपहर 3 बजे सकेरा भड़ारन में में नुक्कड़ सभा, दोपहर 3.45 बजे चौमो में नुक्कड़ सभा को संबोधित करने के बाद बाबूलाल कुशवाह के निवास पहुंचेंगे। शर्मा शाम 5.30 बजे पृथ्वीपुर से पन्ना पहुंचकर स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होंगे।

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