भ्रष्टों की विभागीय जांच अब होगी ऑनलाइन

विभागीय जांच

– विभागीय जांच पोर्टल पर दर्ज होगा जांच का हर बिंदु

– अब समय सीमा में हो जाएगी आरोपों की जांच

– एक ही पैटर्न पर होगी सभी कर्मचारियों की जांच


भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। 
भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों और कर्मचारियों की विभागीय जांच अब ऑनलाइन होगी। इसके लिए विभागीय जांच पोर्टल बनाया गया है। इस पोर्टल पर जांच के हर बिंदु दर्ज होंगे। यही नहीं समय सीमा में जांच को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। गौरतलब है कि अभी तक अलग-अलग संवर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों की विभागीय जांच के लिए अलग-अलग पैटर्न तय है। सभी विभागीय जांच  ऑफलाइन होती है।
 इसके चलते लंबे समय तक विभागीय जांच चलती रहती है और कई बार तो जांच के दायरे में आने वाला अफसर रिटायर ही हो जाता है और उनकी विभागीय जांच पूरी कर दंडित करने की कार्यवाही नहीं हो पाती।  भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच को समय सीमा में करने के लिए सरकार ने नई पहल की है। अब विभागीय जांच प्रक्रिया में तेजी लाने और इसे ऑनलाइन करने के लिए यह नई प्रक्रिया तय की जा रही है। प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर प्रथम श्रेणी के अधिकारी, राज्य सेवा के अफसर और मध्यप्रदेश कॉडर के आईएएस, आईपीएस तथा आईएफएस अफसरों की विभागीय जांच के लिए एक विभागीय जांच पोर्टल बनाया जाएगा। इस पर विभागीय जांच पूरी तरह से ऑनलाइन की जाएगी। इसमें ऑनलाइन नोटिस जारी होंगे। सुनवाई भी ऑनलाइन होगी। उस पर बयान और जवाब की कार्यवाही भी ऑनलाइन डाली जाएगी। हर काम के लिए समयसीमा तय होगी। इससे सारी कार्यवाही तेजी से पूरी होगी और दोषी अधिकारी की जांच पूरी होने पर उसे समय पर दंडित या निर्दोष घोषित करने की कार्यवाही समय पर पूरी हो सकेगी।  
समिति तैयार कर रही है खाका
एक ही पोर्टल पर सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की जांच एक साथ कैसे की जाएगी इसके लिए एसीएस जीएडी विनोद कुमार की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश विभागीय जांच प्रबंधन प्रणाली के दिशा निर्देश बनाने के लिए समिति गठित की गई है। इसमें जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण, राजस्व, विधि एवं विधायी कार्य विभाग तथा मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव सदस्य होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग नियम शाखा के उपसचिव इस समिति के सदस्य सचिव होंगे। यह समिति पंद्रह दिन में अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी। जिन अधिकारियों और कर्मचारियों की विभागीय जांच प्रचलित रहती है उनकी पदोन्नतियां भी समय पर नहीं हो पाती। कई बार डीपीसी हो जाती है और पदोन्नति के लिए सिफारिशों को लिफाफा बंद किया जाता है। यदि विभागीय जांच की समय सीमा तय हो जाएगी और ये जांचे जल्दी पूरी हो जाएगी तो पदोन्नति भी अफसरों को जल्दी मिल सकेगी।
एक समान होगा जांच पैटर्न
मंत्रालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभागीय जांच की प्रक्रिया के लिए एक समान पैटर्न तय होगा। किस तरह के मामलों की जांच कौन और कितने दिन में पूरी करना है समयसीमा तय होगी। जांच के अधिकतम बिंदु भी तय होंगे। हर वर्ग के कर्मचारी, अधिकारी की जांच के लिए एक पैटर्न बन जाएगा। सारी जांच आॅनलाइन हो जाएगी पोर्टल पर जांच से जुड़े व्यक्ति, जांचकर्ता आॅनलाइन पूरी कार्यवाही की मॉनिटरिंग कर सकेंगे। उसमें अपना पक्ष भी रख सकेंगे।

Related Articles