मध्यप्रदेश में नहीं बिहार विधानसभा में उठी एफआईआर दर्ज करने की मांग

एफआईआर

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अजाक्स अध्यक्ष और आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी पर विवाद गहरा गया है। मप्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन किसी सदस्य ने जहां जनआक्रोश से सदन को अवगत कराने की जरूरत नहीं समझी। वहीं दूसरी ओर बिहार विधानसभा में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के विधायक राजू तिवारी ने मुद्दे को उठाते हुए एफआईआर दर्ज कराने की मांग करते हुए कहा है कि आरोपी को ऐसी सजा मिले कि आगे कोई ऐसा करने की हिम्मत न कर सके। इधर मप्र विधानसभा में स्थिति ठीक उलट नजर आई है। बेटियों को लेकर की गई टिप्पणी के खिलाफ कोई सदस्य सदन में आक्रोश तक नहीं जता पाया है। मुद्दे पर आक्रामक रहे संगठनों में शामिल ब्राह्मण समाज से जुड़े सदस्यों की संख्या भी यहां 30 तक पहुंच जाती है। बावजूद इसके अजाक्स पदाधिकारी संतोष वर्मा जैसे आईएएस अधिकारियों की बदजुबानी को लेकर न तो सदन में इनकी चिंता सामने आई और न ही यह समाज को बांटने वाली गतिविधियों पर नियंत्रण के लिये दोषी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग रखने का साहस ही दिखा पाये हैं। यह बात जरूर है कि मामले में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को सौंपे गये ।
एक जुट दिखा सत्ता और विपक्षी सदस्य
विधानसभा में इस मामले के उठने के बाद सत्ता  और विपक्ष के विधायक एकजुट नजर आए। माना जाता है कि जिस तरह से मामला सामाजिक संवेदनशीलता से जुड़ा है, उससे सभी दलों पर प्रतिक्रिया देने का दबाव बना था। इसके पहले पूर्वी चंपारण के गोविंदगंज विधायक राजू राजू तिवारी ने कहा था मैं इस सदन से आग्रह करता हूँ कि ऐसे आईएएस अधिकारी पर तुरंत एक्शन हो और उन्हें कठोर सजा मिले, ताकि यह संदेश जाए कि किसी भी पद पर बैठे व्यक्ति को कानून से ऊपर होने का भ्रम नहीं होना चाहिए।
आज सपाक्स करेगी विधानसभा का घेराव
धरना प्रदर्शन जैसे माध्यमों से आक्रोश जताने के बाद सरकार के रुख को देखते हुए ब्राह्मण सहित कई सामाजिक संगठन जहां आक्रोशित हैं। वहीं दूसरी ओर इस मामले में जनप्रतिनिधियों सहित सरकार का ध्यानाकर्षण करने सपाक्स विधानसभा घेरने जा रहा है। इसके लिये संगठन के पदाधिकारी आज दिन 11 बजे बोर्ड ऑफिस चौराहे पर जुटेंगे।
जवाब सौंप वर्मा ने सरकार के पाले में डाली गेंद
बेटियों के खिलाफ कुत्सित मानसिकता के साथ अभद्र टिप्पणी करने संबंधी आरोप का जवाब आईएएस संतोष वर्मा ने सामान्य प्रशासन विभाग को सौंप दिया था। सरकार ने इसके पहले जबाव के लिये सात दिन का समय दिया था। बताया जाता है कि जवाब का अधिकारियों ने ने परीक्षण शुरू कर दिया है। इसके बाद मुख्यमंत्री को इसके गुण-दोष से अवगत कराया जाएगा। जिसके बाद ही कोई फैसला होने की उम्मीद है।
चुनिंदा नेता ही कर पाये हैं कार्रवाई की मांग
आईएएस संतोष वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग चुनिंदा नेता ही कर पाये हैं। इसमें सरकार में शामिल उपमुख्यमंत्री डॉ राजेंद्र शुक्ल भी है। भोपाल सांसद आलोक शर्मा और रीवा सांसद जर्नादन मिश्रा इस मामले में कार्मिक मंत्रालय को शिकायती पत्र सौंप चुके हैं। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के अलावा पूर्व मंत्री व विधायक गोपाल भार्गव भी इस मामले में सवाल खड़े कर चुके हैं। मीडिया से बातचीत में आश्चर्य जताया गया है कि बेटियों के बारे में गंदी बातें करने वाले आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। महत्वपूर्ण है कि आईएएस संतोष वर्मा के बयान की अजाक्स अध्यक्ष चौधरी मुकेश चौधरी भी भत्र्सना करते हुए कार्रवाई की मांग कर चुके हैं।

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