
बिजली बिल वसूली के लिए सख्ती
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लगातार बिजली बिलों के बकायादारों की बढ़ती संख्या से परेशान बिजली महकमा अब वूसली के लिए तरह -तरह के प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में अब बड़े बकायादारों के बैंकों के खातों से लेनदेन पर भी रोक लगवाने की तैयारी कर ली गई है। बिलों की वसूली के लिए पहले बिजली कंपनियों द्वारा बकायादारों के नाम सार्वजनिक किए गए थे। फिर इनके शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए जाने की कार्रवाई हुई। अब समय पर बिजली बिल नहीं चुकाने वालों के बैंक खाते सीज किए जाने की प्रक्रिया शुरू करवाई जा रही है। इसके लिए बिजली कंपनी द्वारा लिस्ट बनाई जा रही है। इसके बाद बैंक खाते सीज करने के लिए बैंकों को लिखा जा रहा है। प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियां घाटे में चल रही हैं। घाटे की सबसे बड़ी वजह बिजली चोरी और बिजली के डिफाल्टर है। इसको देखते हुए बिजली कंपनी ने अब डिफाल्टरों की संख्या कम करने सख्ती शुरू कर दी है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा रोज अपने कार्यक्षेत्र के जिलों में कार्रवाई की जा रही है। लाइसेंस निरस्त करने के लिए बिजली कंपनी द्वारा जिला कलेक्टरों को लिखा जा रहा है। कलेक्टरों को लिस्ट देकर बकायादारों के लाइसेंस निरस्त कराए जा रहे हैं। पिछले दिनों ग्वालियर शहर में पूर्व और दक्षिण संभाग में 35 लाख रुपए से अधिक की वसूली के लिए बकायादारों की छंटनी की गई। जिनमें 22 बकायादार शामिल हैं, इनमें से 6 बकायादारों के बैंक खाते सीज करने के लिए संबंधित बैंकों को जानकारी भेजी जा रही है, जिसके बाद बैंक प्रबंधन ने खाते सीज करने की तैयारी कर ली है।
कर्मचारियों के वेतन से बिजली बिल की होगी वसूली
बिजली ऐसे स कंपनी सरकारी कर्मचारी जिनका बिजली बिल लंबे समय से बकाया है। उनका बिजली बिल उनके वेतन से वसूलने की प्रक्रिया भी बिजली कंपनी शुरू करने जा रहा है। ऐसे कर्मचारियों की सूची भी तैयार की जा रही है। इन कर्मचारियों की जानकारी जिला कलेक्टरों को भेजी जाएगी। इसके बाद इनका बिजली बिल इनके वेतन से काटा जाएगा। दावा किया जा रहा है कि इन प्रयासों से राजस्व वसूली में इजाफा हुआ है और बकायादारों की संख्या भी धीरे धीरे कम हो रही है।
15 फीसदी तक लाइन लॉस कम करने का टारगेट
प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों को 15 फीसदी तक लाइन लॉस कम करने का टारगेट मप्र विद्युत विनियामक आयोग ने दिया है। लाइन लॉस कम होने से घाटा भी कम हो जाएगा। बिजली कंपनियों ने साल 2023-24 में बिजली का टैरिफ बढ़ाए जाने के लिए विद्युत विनियामक आयोग में याचिका दायर की थी। इस याचिका में बिजली कंपनियों ने 1537 करोड़ का घाटा बताया था। इस घाटे की भरपाई के लिए बिजली कंपनियों ने आयोग से 3.20 फीसदी टैरिफ बढ़ाने की मांग की थी। तब आयोग ने 1.65 फीसदी टैरिफ बढ़ाने की मंजूरी दी थी।
इनके बैंक खाते होंगे सीज
जिन लोगों के बैंक खाते सीज करने का प्रस्ताव दिया है उनमें आशाराम पुत्र देवी सिंह, शैलेंद्र राज, आशीष सिंह राजावत, वहीद खान, महेंद्र शर्मा, अशोक बाबू गुप्ता का नाम शामिल है। इस संबंध में महाप्रबंधक शहर वृत्त ग्वालियर नितिन मांगलिक ने बताया कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा हथियार लाइसेंस के साथ बकायादारों के बैंक खाते सीज और संपत्ति कुर्क की कार्रवाई भी की जा रही है। कलेक्टर के पास लाइसेंस निरस्तीकरण के प्रस्ताव भी दे रहे हैं। कंपनी ने कहा है कि उक्त कार्रवाई से बचने के लिए उपभोक्ता अपनी बकाया राशि जमा करा दें।