
-हर चार में से एक व्यक्ति जूझ रहा है टाइफाइड और मलेरिया से
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी के लोगों को कोरोना संक्रमण के खौफ से तनिक निजात मिली भी नहीं थी कि, इसी बीच जानलेवा डेंगू, टाइफाइड (मोतीझरा) और मलेरिया की दस्तक ने लोगों को परेशान कर दिया है। हालात यह हैं कि राजधानी में हर चार लोगों में से एक व्यक्ति टाइफाइड और मलेरिया का शिकार है। सरकारी और निजी अस्पतालों में टाइफाइड और मलेरिया ग्रस्त मरीजों की कतारें लग रही हैं। हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में इलाज के आने वाले लोगों में हर तीसरा-चौथा शख्स टाइफाइड और मलेरिया से ग्रस्त है। हमीदिया के डॉक्टरों का कहना है कि लोग बुखार, सर्दी-खांसी और शरीर में दर्द की शिकायत होने पर कोरोना संक्रमण की जांच कराने के लिए आते हैं। लेकिन जांच करने पर इनमें ज्यादातर मरीज टाइफाइड और मलेरिया के होते हैं। राजधानी के प्रख्यात आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ गोपाल मेहता बताते हैं कि इन दिनों उनके यहां इलाज के लिए आने वाले 80 से 90 फीसदी मरीज टाइफाइड और मलेरिया के होते हैंं।
टाइफाइड के अलावा इन बीमारियों का भी खतरा
डॉक्टर त्रिभुवन मेहता का कहना है कि कोरोना संक्रमण से ग्रस्त मरीज के ठीक होने पर भी टाइफाइड और मलेरिया होने का खतरा बना रहता है। क्योंकि इस दौरान व्यक्ति को प्रतिरोधक क्षमता और पाचन तंत्र कमजोर होता है। वे कहते हैं कि जब टाइफाइड बिगड़ता है तो निमोनिया के खतरा हो सकता है। जिसमें फेफड़ों तक संक्रमण फैल सकता है। इस समय कोरोना संक्रमण से जो मौतें हो रही हैं, फैफड़ों में संक्रमण होने से हो रही है। डॉ मेहता कहते हैं टाइफाइड यदि समय पर पता न चले तो स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं और इसलिए जैसा कि रोकथाम इलाज से बेहतर है टाइफाइड फैलाने वाले वायरस से अप्रभावित रहने के लिए आदिम उपायों से सुरक्षित रहना बेहतर है। डॉ मेहता का कहना है कि इन दिनों हीट स्ट्रोक, डायरिया, उल्टी, पीलिया, वायरल फीवर, आंखों का लाल होना, पेट में मरोड़, कमजोरी, चक्कर आना, सिर में तेज दर्द की शिकायत होना आम बात है।
समय पर इलाज नहीं तो बिगड़ सकता टाइफाइड
डाक्टरों का कहना है कि अगर समय पर इसका इलाज किया जाए तो इसे 3 से 5 दिन में निजात पाई जा सकती है। हालांकि, यह आमतौर पर कुछ हफ्तों के दौरान खराब हो सकता है, और कुछ मामलों में टाइफाइड बुखार के विकास की जटिलता एक महत्वपूर्ण जोखिम है। कई लोगों को सीने में जमाव और पेट में दर्द का भी अनुभव होता है। बुखार स्थिर हो जाता है।