कई सैकड़ा गांवो में… बारिश से फसलें हुई तबाह

फसलें

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। बीते दो दिनों से अचानक बदले मौसम के बीच बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता एक बार फिर से बढ़ा दी है। मंगलवार के बाद बुधवार को एक बार फिर प्रकृति ने अपना गुस्सा दिखाते हुए आंधी के साथ बारिश की। इसकी वजह से राघौगढ़, चांचौड़ा, कुंभराज, आरोन तहसील के करीब 300 गांवों में फसलों को नुकसान पहुंचाया। यह बारिश की वजह से हुआ। बारिश की चपेट में आने से इन गांवों के खेतों में पकने की कगार पर आ गई गेहूं, सरसों और धनिया की फसल पूरी तरह से खेतों में बिछ गई है। इसकी वजह से माना जा रहा है कि इससे न केवल फसल का उत्पादन प्रभावित होगा, बल्कि उसकी गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ना तय है।
इस दौरान 22 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। इसकी वजह से उसकी चपेट में आने की वजह से राघौगढ़ के दीतलवाड़ा में फसल इस तरह बिछ गई है कि उसे देखकर लगता है कि किसी ने पूरी फसल पर ही रोलर चला दिया हो। लगभग यही हाल बड़ा अमल्या और चांचौड़ा के देहरी सहित कई गांवों में भी हुआ है। खास बात यह है कि इस दौरान तेज घुमावदार हवा चलने की वजह से एक ही खेत में कुछ फसल अगर पश्चिम की ओर आड़ी हुई है तो कुछ का रुख दक्षिण की ओर है। यह बात अलग है कि स्थानीय प्रशासन इसे प्राकृतिक घटना मानते हुए अधिक नुकसान होना नहीं मान रहे हैं। गौरतलब है कि जनवरी की ओलावृष्टि में गुना जिले में गेहूं, चना, सरसों और धनिया फसल को करीब 52 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। विधानसभा में खिलचीपुर विधायक प्रियव्रत सिंह खींची ने ओलावृष्टि से नुकसान को लेकर जानकारी मांगी। इसके जवाब में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आज से ही नुकसान का सर्वे शुरू करा दिया गया है। जिला प्रशासन का दल अलग-अलग क्षेत्रों में आंकलन करने पहुंच चुके हैं। गौरतलब है कि इसके एक दिन पहले भी बारिश के बीच गिरे ओलों ने मालवा निमाड़ के अलावा ग्वालियर-चंबल अंचल के आधा दर्जन जिलों में किसानों को मुश्किल में डाल दिया है। इसकी वजह है बारिश के बीच गिरे ओलों से न केवल फसल खेतों में बिछ गई थी,  बल्कि कई फसलों की बालियां भी गिर कई हैं। बारिश के साथ ओले गिरने वाले इलाकों में राजगढ़, गुना, बीना, मंदसौर, रतलाम, नीमच के अलावा कई अन्य जिले भी शामिल हैं। मंदसौर जिले की सीतामऊ, दलौदा तहसील के कुछ गांवों में बारिश के साथ ओले भी गिरे। तेज हवा से गेहूं की फसल आड़ी हो गई। गेहूं, मसूर, चना, मैथी सहित काला सोना यानी अफीम की फसल को अधिक नुकसान हुआ है। धुंधड़का, करजू, नंदावता, आकोदड़ा, नगरी, साखतली सहित लगभग 20 से अधिक गांवों में ओले गिरने की खबर है। रतलाम जिले में कई स्थानों पर रिमझिम तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। इससे खड़ी और काट कर रखी फसलों में नुकसान पहुंचा।
किसानों ने शासन प्रशासन से नुकसानी का आंकलन कराकर मुआवजा देने की मांग की है। नीमच जिले के झांतला, महागढ़, देवरी खवासा, खजूरी सहित करीब एक दर्जन गांवों में बारिश के साथ ओले गिरे। इससे फैसलों को नुकसान हुआ है। गुुना के बमोरी विकासखंड के दो गांव जैतपुरा और जौहरी में तेज हवा चलने और दस मिनट तक बेर के आकार के ओले गिरने से खेतों में पक चुकी फसलों को नुकसान पहुंचा है। खासकर, धनिया और सरसों की फसल ज्यादा प्रभावित हुई है।
कहां पर किस तरह के हालात
राजगढ़ जिले की बात की जाए तो 17 गांवों में ओले गिरने की जानकारी सामने आ रही है। इस जिल में 19 हजार हेक्टेयर में लगे संतरे के बगीचों में पचास फीसदी तक नुकसान होने की बात कही जा रही है। इस जिले की राजगढ़, खिलचीपुर व जीरापुर तहसील में संतरे, गेहूं, चने व सरसों की फसलों को अधिक नुकसान हुआ है। जो 17 गांव ओला प्रभावित हैं, इनमें छापीहेड़ा के 9 और राजगढ़ तहसील के 8 गांव शामिल हैं। संतरे की फसल में अधिक नुकसान होने की वजह है उनका पकने की स्थिति में होना। छापीहेड़ा व जीरापुर के जटामड़ी, ब्यावराकलां, दुंदाहेड़ी, भाटखेड़ा आदि क्षेत्रों में बगीचों में संतरों का ढेर जमीन पर लग गया। इसी तरह से अशोकनगर जिले में करीब पौने दो लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल भी गिर गई, जिले में अभी आंकलन करने का काम शुरू नहीं  हुआ है। जिले में तेज हवा और बारिश से सिमरिया, खड़ीचरा, सिरसी, खिरिया महू, भडूली, बरखेड़ी सहित कई गांवों में गेहूं, चना, सरसों व धनिया की फसलें आड़ी बिछ गईं। बारिश से 1 लाख 73 हजार हेक्टेयर रकबे की गेहूं की फसल भीग गई। किसानों का मानना है कि आड़ी गिरने के बाद फसल की जो ग्रोथ होना चाहिए वह नहीं हो पाएगी।
शिवपुरी में मसूर व धनिया को सर्वाधिक नुकसान
शिवपुरी शहर सहित अंचल में कई जगह तेज आंधी के साथ बारिश हुई। किसानों का कहना है कि मसूर में 25 फीसदी तक और धनिया फसल में 20 फीसदी तक नुकसान हुआ है। किसानों के अनुसार, खेतों में खड़ी
गेहूं, सरसों, धनिया, मसूर आदि फसलें आड़ी पड़ गईं। दतिया और भिंड में भी बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है।

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