नई शर्तों से कई कालोनियों के नियमित होने पर संकट

कालोनियों

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। चुनावी साल में प्रदेश सरकार शहरी इलाकों में बन चुकी अवैध कालोनियों का नियमितीकरण करने की तैयारी में है। इसको लेकर हाल ही में नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है। इस गाइड लाइन में कई तरह की नई शर्तें शामिल कर दी गई हैं। इसकी वजह से उन कालोनियों के नियमितीकरण पर संकट खड़ा हो गया है, जो प्रतिबंधित जमीन पर तान दी गई हैं। ऐसी कालोनियों का अब सरकार नए सिरे से सर्वे कराने जा रही है। इसके बाद ही यह तय किया जाएगा की इन कालोनियों को किस तरह से नियमित किया जा सकता है। सरकार का इस संबंध में आदेश जारी होने के बाद ही भोपाल में नगर निगम ने सर्वे का काम शुरु कर दिया है। भोपाल शहर में चिन्हित की गई अधिकांश अवैध कालोनियों में पार्क नहीं बनाए गए हैं और न ही इसके लिए कोई खाली स्थान छोड़ा गया है। साथ ही नदी, नालों और तालाबों के किनारे ग्रीन बेल्ट की भूमि पर भी मकान कालोनाइजर्स ने बनवा दिए हैं। ऐसी कालोनियों को नियमित करने की जगह उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।  नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश में सभी निकायों को कहा गया है कि 31 दिसंबर 2016 से लेकर 31 दिसंबर 2022 की अवधि में विकसित हुई सभी कालोनियों को नियमित किया जाएगा। इस दौरान यह भी पता लगाना है कि जो ग्रीन बेल्ट एवं अन्य नियमों की अवहेलना कर रहे हैं उन पर कार्रवाई भी की जाए। इस कारण सर्वे के कार्य में गंभीरता के साथ कार्य कराए जाने के लिए कहा गया है। कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान अवैध कालोनियों के नियमितीकरण की शुरुआत कराई है। इन कालोनियों में रहने वाले लोग अब तक सरकारी तौर पर उपेक्षित रहे हैं।
निकाय की एनओसी जरूरी
अवैध कालोनियों में रहने वाले लोगों को अब भूमि-भवन की खरीदी और बिक्री के लिए नगर निगम की एनओसी अनिवार्य होगी। अब तक अवैध कालोनियों में खरीदी-बिक्री सीधे तौर पर दो पक्षों के बीच होती रही है। नगर निगम अब तय करेगा कि उक्त भूमि या भवन ग्रीन बेल्ट अथवा अन्य प्रतिबंधित एरिया में तो नहीं है। नगर निगम के अधिकारी सीधे एनओसी जारी नहीं कर पाएंगे, उन्हें भी संबंधित क्षेत्र के रहवासी संघ से राय लेने के बाद अपना अभिमत देना होगा ।
राशि जमा नहीं करने पर कुर्की
नई गाइडलाइन में कहा गया है जिन कालोनियों में पार्क नहीं बनाए गए हैं अथवा उसके लिए भूमि नहीं छोड़ी गई है। उन कालोनाइजर्स से पार्क निर्माण के बराबर राशि जमा कराई जाएगी। यदि कालोनी में कोई खाली स्थान होगा तो उसका सीधे अधिग्रहण कर लिया जाएगा और यदि भूमि नहीं होगी और कालोनाइजर्स द्वारा राशि भी जमा नहीं की जाएगी तो उसकी चल-अचल संपत्ति से कुर्की करते हुए इसकी भरपाई की जाएगी। कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार इन कालोनाइजर्स से राशि की रिकवरी होगी।

Related Articles