
- जिला इकाइयों में 15% से अधिक की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली अभी भी अधूरी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में सुशासन को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली तैयार करने का निर्देश दिया है। इसमें पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हैं। लेकिन विडंबना यह है कि निर्देश की समय सीमा समाप्त हुए सात महीने बीत गए हैं, लेकिन जिला इकाइयों में 15 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली अभी भी अधूरी है। यह खुलासा तब हुआ जब पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा ने पिछले महीने सभी पुलिस इकाइयों को अपने कर्मचारियों की 2023-24 की वार्षिक सीआर मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए। इसके लिए सात दिन की समय सीमा तय की गई थी। जिला पुलिस बल और अन्य इकाइयों द्वारा कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय सीआर की जानकारी जुटाने पर सच्चाई सामने आई, जिससे पुलिस बल के आला अधिकारी भी हैरान रह गए।
गौरतलब है कि पुलिसकर्मियों की सीआर पुलिस विभाग द्वारा निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार तैयार की जाती है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो पुलिसकर्मी के प्रदर्शन, आचरण और सेवाकालीन गतिविधियों का रिकॉर्ड रखता है। सीआर को तैयार करने की प्रक्रिया में, पुलिसकर्मी के तत्काल वरिष्ठ अधिकारी द्वारा एक मसौदा तैयार किया जाता है, जिसे फिर उच्च अधिकारियों द्वारा समीक्षा और अनुमोदन किया जाता है। मप्र में लगभग 15,000 पुलिसकर्मियों की पिछले वर्ष 2023-24 की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली (एसीआर) तय समय सीमा के सात महीने बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। जिला इकाइयों में 15 प्रतिशत से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय सीआर अभी भी अधूरी है। इनमें से अधिकांश आरक्षक से लेकर निरीक्षक स्तर के पुलिसकर्मी हैं। इस देरी का सीधा असर इन पुलिसकर्मियों की पदोन्नति पर पड़ सकता है।
सीआर भेजने फिर दिया गया निर्देश
स्पेशल डीजी प्रशासन आदर्श कटियार का कहना है कि पिछले माह के अंत में सभी जिलों को निर्देश जारी कर एक सप्ताह में सीआर भेजने को कहा था। अधिकांश जिलों से सीआर नहीं मिलीं है। इनमें कुछ बाधाएं हैं। सभी इकाइयों को इसे ठीक कर जल्द सीआर भेजने को कहा गया है। उधर, पुलिस मुख्यालय से निर्देश मिलने के बाद अब जिला इकाइयों में कर्मचारियों की सीआर को पूरा करने का काम युद्धस्तर पर जारी है। नियमानुसार सीआर के लिए आवेदक स्वयं अपना प्रपत्र भरता है।
4 अलग-अलग चरणों में लिखी जाती सीआर
राज्य सरकार सभी विभागों को वार्षिक गोपनीय सीआर के लिए एक रोस्टर जारी करती है। इस निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही सीआर चार अलग-अलग चरणों में लिखी जाती है। पिछले वर्ष इसके लिए 31 दिसंबर की अंतिम तिथि निर्धारित थी। सामान्यत: आरक्षक, प्रधान आरक्षक, सहायक उपनिरीक्षक, उपनिरीक्षक और निरीक्षक की वार्षिक गोपनीय सीआर उनकी तैनाती वाले जिलों में ही रखी जाती है और आवश्यकता पडऩे पर इसे पीएचक्यू भेजा जाता है। इस साल जब शासन ने विभागों में जारी कार्यवाहक प्रथा को बंद कर पदोन्नति देने की घोषणा की, तो पीएचक्यू ने सभी कर्मचारियों की सीआर भेजने को कहा। इसके बाद पता चला कि कई कर्मचारियों की सीआर अभी तक अधूरी है। इसका सबसे बड़ा कारण उनकी सीआर लिखने वाले अधिकारी का स्थानांतरण या सेवानिवृत्त हो जाना है। इसके अलावा, जिलों में तैनात आला अधिकारियों ने भी इस संबंध में अधिक रुचि नहीं दिखाई, जिसके कारण हजारों की संख्या में सीआर अभी भी लंबित हैं।
