- चिकित्सा शिक्षा विभाग के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने जोड़ीं सेवाएं

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के कॉलेजों में कार्यरत प्रोफेसरों की गोपनीय चरित्रावाली (सीआर) ऑनलाइन कर दी है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के बाद प्रदेश का दूसरा विभाग उच्च शिक्षा विभाग बन गया है, जिसमें प्रोफेसरों की सीआर को ई-आफिस से जोड़ा गया है। 2024-2025 की सीआर के लिए प्रोफेसरों से बीस अक्टूबर तक पूरा करा ब्यौरा जमा करा लिया गया है। अंतिम तिथि तक सीआर नहीं भरने वाले प्रोफेसरों की सीआर बिगड़ भी सकती है। विभाग ने सीआर में पारदर्शियता रखते हुए सिस्टम में काफी बदलाव किए हैं। इसमें प्रोफेसर देख पाएंगे की उनकी सीआर में प्राचार्य, अतिरिक्त संचालक और आयुक्त ने ने क्या रिमार्क किया है। इसमें कोई त्रुटि होने पर सुधार भी कराया जा सकेगा। प्रदेश में करीब पांच हजार प्रोफेसर कालेजों में अध्ययन करा रहे हैं। उनकी सीआर को लेकर हमेशा परेशानी बनी रहती है। कहीं उनके दस्तावेज गुम हो जाते हैं, तो कभी उनकी सीआर गायब हो जाती है। ऐसी ही कई शिकायतों को देखते हुए विभाग ने ई-ऑफिस के माध्मय से ऑनलाइन सीआर लिखाने का निर्णय लिया है। प्रोफेसरों को सीआर भरने के लिए बीस अक्टूबर तक का समय दिया था। इस संबंध में प्रोफेसरों को अंतिम तिथि तक सीआर भरने के लिए प्राचार्यों को निर्देशित भी किया गया था। इसके बाद भी कुछ प्रोफेसर सीआर भरने से रह गए हैं। जिन प्रोफेसरों की सीआर जमा हो गई है। उनकी सीआर प्राचार्य, एडी और आयुक्त के पास जाएगी। उक्त तीनों अधिकारियों ने प्रोफेसर की सीआर में क्या-क्या रीमार्क करते हुए ग्रेड या अंक दिए हैं। इसी चैनल के माध्यम से सीआर आयुक्त, एडी और प्राचार्य से होते हुए प्रोफेसर के पास वापस पहुंच जाएगी। जहां वे सीआर की मार्किंग देख सकेंगे। सीआर विभाग के गोपनीय विभाग में पहुंच जाएगी। इसके बाद सीआर में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। दूसरी ओर प्रदेश में करीब 500 ग्रंथपाल और खेल अधिकारी कार्यरत हैं। उनकी सीआर भी ऑनलाइन करने की तैयारी की जा रही है, जो अगले चरण में हो सकती है। इससे उन्हें काफी राहत मिलेगी।
