
- अगर बदमाशों ने शराब पी तो होगी सख्ती कार्रवाई
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। शराब के नशे में अपराध करने वाले जिलाबदर बदमाशों को न्यायालय पुलिस आयुक्त ने सुधरने को मौका दिया है। न्यायालय पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर ने बदमाशों को अनोखी सजा सुनाते हुए निर्देश दिया है कि अगर दोबारा शराब पी तो पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। साथ ही उन्हें 15 दिन में एक बार थाने में हाजिरी लगानी होगी।
दरअसल, राजधानी में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के बाद पुलिस का फोकस है कि अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए बदमाशों को सुधारना जरूरी है। इसी के तहत ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं जिससे बदमाशों को सुधरने का मौका मिल सके। इसी कड़ी में राजधानी के जहांगीराबाद इलाके में लूट, चोरी, हत्या के प्रयास, डकैती की योजना, अड़ीबाजी, मारपीट जहरीली व अवैध शराब बेचने समेत 50 मामलों में आरोपी रह चुके बदमाश को न्यायालय पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर ने यह अनोखी सजा
सुनाई है।
दो साल से नहीं किया कोई अपराध
दरअसल, पुलिस उपायुक्त जोन-बन साई कृष्णा थोटा की ओर से बदमाश का जिलाबदर प्रकरण प्रस्तुत किया गया था ,लेकिन वर्ष 2020 से उसने कोई अपराध नहीं किया था। अधिकांश अपराध उसने शराब पीकर किए थे। इसे देखते हुए न्यायालय ने उसे सुधरने का मौका देते हुए छह माह तक शराब नहीं पीने और न ही शराब अपने पास रखने का आदेश दिया है। साथ ही उसे छह माह तक जहांगीराबाद थाने में में 15 दिन में एक बार हाजिरी लगानी होगी। यदि बदमाश इसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ राज्य सुरक्षा कानून 1990 की धारा 14 के तहत कार्यवाही की जाएगी। वहीं पुलिस उपायुक्त जोन-वन ने अपने प्रकरण में न्यायालय को बताया था कि जहांगीराबाद के बरखेड़ी में रहने वाला 32 साल का युवक आपराधिक प्रवृत्ति का है। इस कारण आम जनता में इसका भय और आतंक है। जिसके कारण आम नागरिक इसके विरुद्ध गवाही देने से डर रहे है। जिससे लोक व्यवस्था एवं लोक परिशांति को खतरा उत्पन्न हुआ है। आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम के लिए युवक के खिलाफी समय समय पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही बेअसर रही है। इसलिए युवक के विरूद मप्र राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 को भाग 5 (क) (स) के तहत क्यों न निष्कासन की कार्यवाही की जाए।
15 दिन में एक बार थाने में लगानी होगी हाजिरी
बदमाश के खिलाफ वर्ष 2001 से 2020 तक लगातार जहांगीराबाद थाने में अपराध दर्ज हुए हैं। वर्ष 2020 तक उसके खिलाफ 50 अपराध दर्ज हुए। लेकिन इसके बाद से उसने कोई अपराध नहीं किया। उसने अपने आचरण में सुधार करते हुए कपड़ों की दुकान चलाना शुरू कर दिया है। इस वजह से न्यायालय की ओर से उसे राहत दी गई। न्यायालय पुलिस आयुक्त ने आदेश दिए कि छह माह की अवधि तक युवक को हर 15 दिन में एक बार जहांगीराबाद थाने में जाकर हाजिरी लगानी होगी। पुलिस आयुक्त भोपाल मकरंद देऊस्कर का कहना है कि राजधानी में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद न्यायालय पुलिस आयुक्त में चारों डीसीपी जोन से कुल 80 प्रकरण जिला बदर के प्रस्तुत किए गए हैं। इसमें से 20 का निराकरण किया गया है। 11 प्रकरण नस्तीबद्ध किए गए हैं और 09 में हाजिरी और जिला बदर कार्यवाही की गई है।