
-10,000 हेक्टेयर पर बनेगा ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट
-15 जनवरी को मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत की जाएगी टाइमलाइन
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। भोपाल। मप्र में देश का सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट आकार लेगा। यह एयरपोर्ट भोपाल-इंदौर रोड पर सोनकच्छ और आष्टा के बीच बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। 15 जनवरी को औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा इसकी टाइमलाइन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने प्रस्तुत की जाएगी, जिसमें इस बात का उल्लेख होगा कि कितने समय और कितने फेज में पीपीपी माडल पर किस तरह इसका निर्माण किया जाएगा। सभी कार्यों की समय सीमा तय की जाएगी।
जानकारी के अनुसार गत दिवस जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने औद्योगिक नीति व निवेश प्रोत्साहन विभाग की समीक्षा की थी, तब समीक्षा के दौरान विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें आने वाले वर्षों में किए जाने वाले कार्यों के बारे में जानकारी दी गई। प्रेजेंटेशन में बताया गया कि तेजी से औद्योगिक विकास के लिए इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ ही अन्य सुविधाएं होना बहुत जरूरी हैं। इसमें बताया गया कि अमेरिका, चीन, इंग्लैंड, दुबई आदि देशों के प्रमुख एयरपोर्ट की व्यवस्थाओं व सुविधाओं के बारे में विस्तार से अध्ययन किया गया। इसी के तहत मध्यप्रदेश में भविष्य में यातायात की मांग को पूरा करने के लिए हब एंड स्पोक एयरपोर्ट मॉडल के रूप में विकसित होने की काफी संभावनाएं हैं।
सीएम के सामने प्रजेंटेशन से पहले पूरी तैयारी के निर्देश
मुख्यमंत्री को टाइम लिमिट की रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले मुख्यसचिव इकबाल सिंह बैंस इस पर विभिन्न विभाग के आला अधिकारियों से चर्चा करेंगे। मुख्यसचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि रिपोर्ट तैयार करने से पहले इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में कार्य करने वाले बड़े उद्योगपतियों से भी चर्चा कर लें। इंदौर व भोपाल से एक घंटे में आने जाने वाले लोग एयरपोर्ट पहुंच जाएंगे। इसके लिए हाई स्पीड कनेक्टिविटी भी दी जाएगी। प्रेजेंटेशन में यह भी बताया गया है कि यात्रा समय को कम करने के लिए प्रस्तावित एयरपोर्ट के माध्यम से इंदौर और भोपाल के बीच मेट्रो रेल परियोजना व एक्सप्रेस-वे का भी प्रावधान किया गया है। प्रस्तावित एयरपोर्ट के आसपास विभिन्न स्थानों पर मेगा औद्योगिक टाउनशिप भी विकसित किया जाएगा। साथ ही इसे भारत सरकार के इंडस्ट्रियल पार्क स्कीम से भी जोड़ा जाएगा, ताकि केन्द्र सरकार से मदद मिल सके। इससे नर्मदा एक्सप्रेस-वे के अंतर्गत भोपाल और इंदौर के बीच आर्थिक गतिविधियों को मजबूती मिलेगी। प्रजेन्टेशन में यह भी बताया गया है कि वर्तमान एयरपोर्ट इतने व्यस्त हैं कि प्रशिक्षण व रखरखाव का कार्य वहां नहीं हो पाता। विमानों के सुधार और ट्रायल के लिए मेंटेनेंस रिपेयर एंड ओवर हालिंग (एमआरओ) के लिए पर्याप्त स्थान होना चाहिए। प्रस्तावित एयरपोर्ट में पार्किंग व्यवस्था भी होना चाहिए। यह व्यवस्था अभी मध्यप्रदेश के किसी एयरपोर्ट पर नहीं है।