
उपायुक्त प्रमोद झा के खिलाफ लोकायुक्त में दर्ज है शिकायत
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में हर साल फर्जी बैंक गारंटी पेश कर शराब दुकान का लाइसेंस लेकर सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगाई जा रही है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि जिन अफसरों के संरक्षण में ऐसा हो रहा है, उनका बाल भी बांका नहीं हो पा रहा है। ऐसे ही एक अफसर को प्रमोशन देने की तैयारी की जा रही है। ये अफसर हैं, उप आयुक्त प्रमोद झा। झा सागर में प्रभारी उप आयुक्त के पद पर पदस्थ हैं। इनके खिलाफ कृष्णा बाजपेयी ने लोकायुक्त में शिकायत की है कि झा ने सहायक आयुक्त एक्साइज, उज्जैन सर्किल में पोस्टिंग के दौरान ठेकेदार के द्वारा कांट्रेक्ट फीस के करोड़ों रुपए जमा नहीं करने पर कोई कार्रवाई नहीं की। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। बावजूद, आबकारी विभाग में पदस्थ अधिकारियों के खिलाफ की गई शिकायतों को दबाया जा रहा है। रीवा, सतना और उमरिया सहित कई जिलों में आबकारी ठेकेदारों द्वारा फर्जी बैंक गारंटी जमा करने के मामले सामने आए हैं। वहीं ऐसे मामले में लोकायुक्त को की गई उप आयुक्त प्रमोद झा की शिकायत कमिश्नरी में पिछले एक साल से दबी है। ऊपर से अफसर को 30 साल की सेवा पूरी करने पर तीसरा समयमान वेतनमान भी दे दिया गया और अब पिछले दरवाजे से प्रमोशन देने की तैयारी है।
झा के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, सागर में पदस्थ प्रभारी उप आयुक्त प्रमोद झा के खिलाफ कृष्णा बाजपेयी ने लोकायुक्त में शिकायत की है कि झा ने सहायक आयुक्त एक्साइज, उज्जैन सर्किल में पोस्टिंग के दौरान ठेकेदार के द्वारा कांट्रेक्ट फीस के करोड़ों रुपए जमा नहीं करने पर कोई कार्रवाई नहीं की। वर्ष 2014 से 2016 तथा विशेषकर वर्ष 2015-16 में इससे राज्य सरकार के राजस्व में 7 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। अगस्त 15 से जनवरी 16 के बीच लाइसेंसी पवन कुमार जायसवाल को आठ नोटिस जारी किए गए, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। ठेकेदार द्वारा बिना शुल्क चुकाए कारोबार का संचालन किया गया और उसका लाइसेंस तक निरस्त नहीं किया गया। शिकायतकर्ता ने प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर दीपाली रस्तोगी भी जानकारी भेजी है। बावजूद अफसर को अब तक नोटिस तक नहीं दिया गया। शिकायत को छिपाते हुए अफसर को प्रमोशन देने की फाइल जरुर चलाई जा रही है।
11 करोड़ के फर्जी बैंक गारंटी मामले में शाखा प्रबंधक निलंंबित
रीवा, उमरिया और शहडोल में भी फर्जी बैंक गारंटी के मामले सामने आए हैं। रीवा में वर्ष 2023-24 के दौरान आबकारी दुकानों के निष्पादन की कार्रवाई में कई ठेकेदारों ने बैंक गारंटी के नाम पर फर्जीवाड़ा किया। यहां करीब 8 करोड़ 68 लाख से अधिक की बैंक गारंटी मोरबा के एक बैंक से बनवा दी गई। सतना और उमरिया में भी ठेकेदार ने मोरबा से बैंक गारंटी बनवाकर ठेके ले लिए। इसी तरह लोकायुक्त की जद में आए आबकारी अधिकारी आलोक खरे का मामला अभी उलझा हुआ है। लेकिन उनकी पदस्थापना रीवा में कर दी गई है।
एक साल बाद भी कार्रवाई नहीं
शिकायतकर्ता कृष्णा बाजपेयी ने बताया कि मैंने आबकारी अधिकारी प्रमोद झा के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत की है। मुझे आबकारी आयुक्त कार्यालय में तीन माह पहले बयान के लिए बुलाया गया था। आश्चर्य है कि एक साल बाद भी अफसर के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। विभागीय जानकारी के अनुसार 5 मई 2022 को वाणिज्यिक कर विभाग के उप सचिव ने आबकारी आयुक्त ग्वालियर को पत्र लिखा और दस दिन में शिकायत पत्र पर बिंदुवार टीप मांगी। इस पर 2 मई को अपर आयुक्त आबकारी ने सहायक आबकारी आयुक्त उज्जैन को पत्र लिखा कि शिकायत में उल्लेखित बिंदुओं से संबंधित समस्त अभिलेखों की सत्यापित छाया प्रतियां सात दिन में कार्यालय को भेजें। इसके बाद 19 मई 2022 और 19 जुलाई 2022 को भी अपर आबकारी आयुक्त ने पत्र लिखे।
