भ्रष्टाचारी बैंक सीईओ को नौकरी से हाथ धोना पड़ा

भ्रष्टाचारी बैंक
  • जिला सहकारी बैंक देवास में मुख्य कार्यपालन अधिकारी रहते आरबीएस ठाकुर ने की थी आर्थिक अनियमितता

    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम।
    आर्थिक  अनियमितताओं के चलते जिला सहकारी बैंक देवास के सीईओ आरबीएस ठाकुर को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। विभागीय जांच में आर्थिक अनियमितता करने का आरोप सिद्ध हुआ तो सहकारिता आयुक्त नरेश पाल ने आरबीएस ठाकुर की सेवाएं समाप्त कर दी है।
    दरअसल, जिला सहकारी बैंक देवास में मुख्यकार्यपालन अधिकारी रहते हुए उन पर गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे थे जिसकी जांच करवाई गई थी। उन्होंने एनडीटीएल की वृद्धिशील राशि का शत प्रतिशत विनियोजन सरकारी प्रतिभूति में नहीं करने पर रिजर्व बैंक ने 6 लाख 93 हजार 791 रुपए का दंड लगाया था। दंड की राशि बैंक के जरिए रिजर्व बैंक के पास जमा की गई। काम में उदासीनता बरतने के कारण बैंक को आर्थिक क्षति उठानी पड़ी थी। सहकारिता विभाग के पहले से जारी निर्देशों में यह स्पष्ट है कि ऐसी चूक बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की चूक मानी जाएगी और उनसे वसूली योग्य होगी। इस मामले में सुनवाई के लिए नोटिस जारी होने पर ठाकुर सुनवाई में उपस्थित नहीं हुए। राज्य सहकारी बैंक ने भी सभी जिला बैंकों की बैठक में एसबीआई, डीएफएचआई में खाता खोलने के निर्देश दिए थे लेकिन इसमें देवास बैंक ने चूक की।
    कई मामलों की चल रही जांच
    ठाकुर को पूर्व में भी प्राथमिक कृषि साख समितियों के वित्तीय पत्रक अंकेक्षण के लिए उपलब्ध नहीं कराने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था चेतावनी दी गई थी। उनकी चार विभागीय जांच  चल रही थीं। इसमें जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक होशंगाबाद से संबंधित शिकायतों की जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने के कारण निर्देशों की अवहेलना को लेकर उनकी जांच जारी है। होशंगाबाद में रहते हुए समर्थन मूल्य के अंतर्गत सहकारी संस्थाओं को प्राप्त आयकर रिटर्न शुल्क के भुगतान से संबंधित जांच में रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराने को लेकर भी लापरवाही पर भी उनकी जांच जारी है। आयकर रिफंड में भी अनियमितताएं सामने आई थी। जिला बैंक होशंगाबाद में अंकेक्षण टीप में भी अनियमितता के मामले में उनकी जांच जारी है।

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