
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। बीते दो साल में तीसरी बार खानपान और होटल से जुड़ा व्यवसाय चौपट होने के कगार पर आना शुरू हो गया है। हालात यह है कि कोरोना संक्रमण के डर से लोगों ने होटलों में रुकने और रेस्टोरेंट में भोजन करने से दूरी बनानी शुरू कर दी है, जिसकी वजह से बीते एक माह में ही इन दोनों ही सेक्टरों का व्यवसाय आधा हो गया है। यह हाल तब है जबकि अभी कोरोना की तीसरी लहर का पीक समय नहीं आया है। हालांकि माना जा रहा है कि इस माह के अंतिम दिनों में तीसरी लहर का पीक आ सकता है। लोग कोरोना से संक्रमित होने के डर की वजह से अब होटल-रेस्टोरेंट में जाने से बचने लगे हैं। इसकी वजह से रेस्टोरेंटों के खान-पान के कारोबार में तेजी से गिरावट आ रही है। यही नहीं अब शहर में वे ही लोग आ रहे हैं जिनका काम बेहद आवश्यक हैं, इनमें भी बड़ी संख्या में लोग होटलों में रुकने से परहेज कर रहे हैं। इसकी वजह से उनका व्यवसाय भी बुरी तरह से प्रभावित होने लगा है। हालत यह हो गई है कि अभी कोरोना की तीसरी लहर शुरू ही हुई, इसके बाद भी उनका व्यवसाय आधा रहा गया है।
अब प्रदेश सहित राजधानी भोपाल में कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस बीच प्रशासन ने भी कई तरह के प्रतिबंध लागे करी दिए हैं। कोरोना माहामारी बढ़ने के साथ ही इन व्यवसायों पर मार और बढ़ना तय है। जिसकी वजह से उनकी आय बुरी तरह से प्रभावित होना तय है। कारोबार से जुड़े जानकारों की माने तो होटल-रेस्त्रां व्यवसाय को एक बार फिर से बड़े आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। दिनों दिन ग्राहकों की संख्या घट रही है। इतना ही नहीं जो लोग वीकेंड पर बाहर घूमने व भोजन करने जाते थे उनकी संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। खानेपीने का सामान बनाने वालों का कहना है कि लगातार बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या की वजह से लॉकडाउन जैसी स्थिति के भय से अब उनके द्वारा उतना ही भोजन-मिठाई-नमकीन तैयार किए जा रहे हैं जितनी की खपत हो सके। इसकी वजह से एक बार फिर से इन दोनों ही सेक्टरों से जुड़े व्यवसायियों द्वारा कर्मचारियों की भी छटनी शुरू कर दी गई है।
कम असर के बाद भी भय अधिक
कोरोना की तीसरी लहर का असर फिलहाल कम बना हुआ है, लेकिन इसको लेकर लोगों में अधिक भय की स्थिति बनी हुई है। एक कारोबारी के मुताबिक होटल-रेस्टोरेंट में लगने वाली खाद्यान्न सामग्री की मांग में बेहद कमी आयी है। स्कूल-कॉलेज, हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थी अब घर वापसी करने लगे हैं। लोग भी अब परिवार के साथ रेस्टोरेंट और होटलों में भोजन करना पसंद नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह से व्यवसाय में तेजी से कमी आ रही है। इसी तरह से उन व्यापारियों में भी अब भय दिखना शुरू हो गया है , जो शादी समारोह की व्यवस्थाओं का काम करते हैं। इनमें प्रमुख रुप से मैरिज गार्डन संचालक और टेंट का कारोबार करने वाले शामिल हैं। व्यापारियों का कहना है कि इसकी वजह से अब एक बार फिर से अधिकांश होटल-रेस्टोरेंट बंद होने की स्थिति में आना शुरू हो गए हैं। मौजूदा हालातों को देखते हुए व्यवसाय शाम से शुरू होकर 3-4 घंटे ही चलता है। यहां रात 11 बजे तक ही होटल-रेस्टोरेंट खोलने की अनुमति की वजह से उन्हें रात 10 से ही बंद करने की तैयारी करनी पड़ती है। इसकी वजह से कई ग्राहकों के आॅर्डर कैंसिल करना पड़ते हैं।
यह है शहर में स्थिति
एक अनुमान के मुताबिक शहर में करीब एक हजार से अधिक होटल-रेस्टोरेंट हैं। इन दोनों ही व्यवसाय से करीब एक लाख लोग जुड़े हुए हैं। इसी तरह से शहर में 53 बार संचालित हो रहे हैं। अगर मिठाई और नमकीन की दुकानों की बात की जाए तो राजधानी में उनकी संख्या करीब पांच के आसपास है। इनके अलावा कई छोटी मोटी दुकानें भी हैं। इन सभी को रात 11 बजे तक ही संचालित करने की अनुमति है।