
- सिंगरौली में उपाध्यक्ष ने इस्तीफा दिया, आगर जिलाध्यक्ष से सौंधिया राजपूत समाज नाराज
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में घोषित हो रहीं बीजेपी के 62 संगठनात्मक जिलों में से अब तक 30 से ज्यादा जिलों की कार्यकारिणी घोषित हो चुकी हैं। जिला कार्यकारिणी की घोषणा के बाद लगातार विवाद भी सामने आ रहे हैं। सबसे पहले घोषित हुए मऊगंज जिले की कार्यकारिणी में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के बेटे राहुल गौतम को उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद पार्टी ने उनका इस्तीफा ले लिया था। इसके बाद मंडला में मंत्री संपतिया उईके की बेटी और सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते की बहनों को जिला पदाधिकारी बनाए जाने के बाद इस्तीफे ले लिए गए थे। इन मामलों के सामने आने के बाद भी जिलों की कार्यकारिणी को लेकर लगातार विवाद सामने आ रहे हैं।
सिंगरौली: तीसरी बार उपाध्यक्ष बनाया तो पद से इस्तीफा दिया
सिंगरौली में भाजपा जिला अध्यक्ष के दावेदारों में शामिल रहे राजेश तिवारी को जिला उपाध्यक्ष बनाया गया। तो उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा: मैं दो बार जिला उपाध्यक्ष हूं। पहले जिला महामंत्री, युवा मोर्चा अध्यक्ष, मीडिया प्रभारी जैसे तमाम पदों पर काम कर चुका हूं। इस बार मुझे उम्मीद थी कि पार्टी जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी देगी। मुझे लगता था कि मैं उपाध्यक्ष हूं तो महामंत्री बनाया जाएगा। बल्कि, तीसरी बार मुझे फिर उपाध्यक्ष बना दिया। मेरी 55 साल की उम्र हो गई है। इसलिए मैंने सोचा कि किसी नए कार्यकर्ता को मौका मिलना चाहिए। मैंने उपाध्यक्ष का पद छोड़ा है। पार्टी के लिए दिन-रात काम करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे।
आगर भाजपा जिलाध्यक्ष से सौंधिया समाज नाराज
आगर मालवा के भाजपा जिला अध्यक्ष ओम मालवीय के खिलाफ बुधवार को सौंधिया राजपूत समाज का प्रतिनिधि मंडल भोपाल में प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचा। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात नहीं हो पाई तो कार्यालय मंत्री डॉ. राघवेन्द्र शर्मा को आगर मालवा जिले के सौंधिया राजपूत समाज के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष के नाम ज्ञापन दिया। फिर खंडेलवाल के आवास पर भी मुलाकात करने पहुंचे।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के नाम सौंधिया राजपूत समाज का पत्र पढि़ए
आगर मालवा जिला भाजपा का परंपरागत गढ़ रहा है। कई सालों से प्रदेश भाजपा संगठन ने आगर भाजपा के संगठन गठन में सामाजिक और व्यवहारिक रूप से चिंतन नहीं किया गया। आगर जिले की लोकसभा सीट और आगर विधानसभा अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। जिला पंचायत भी आरक्षण के कारण भिन्न-भिन्न जाति वर्ग के लिए आरक्षित होती रहतीं हैं। इस वजह से जिले में अन्य वर्गों को कोई राजनीतिक अवसर नहीं मिल पाता।
कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं करते भाजपा जिलाध्यक्ष
पत्र में लिखा- वर्तमान में जिला अध्यक्ष भी एससी वर्ग के बनाए गए हैं। जिसमें योग्यता और समझ की बहुत कमी है। पार्टी के परंपरागत कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं करते। और अपने से बड़ों को अनादर पूवर्क तू-तड़ाक करके बात करते हैं। वे पार्टी की रीति-नीति से ठीक से परिचित नहीं हैं। क्योंकि, ये जिला अध्यक्ष 7-8 साल साल पहले एनएसयूआई कांग्रेस के कार्यकर्ता रहे हैं। भाजपा जिला अध्यक्ष जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निर्वहन करने में सक्षम नहीं हैं। इस वजह से पार्टी के परंपरागत कार्यकर्ताओं में असंतोष का माहौल है। ये पार्टी के लिए विचारणीय और चिंतनीय है।
सौंधिया बाहुल्य होने के बाद भी प्रतिनिधित्व नहीं मिला
सौंधिया समाज ने अपने पत्र में लिखा- आगर जिले की दोनों विधानसभाएं सुसनेर और आगर सौंधिया बाहुल्य हैं। जिले में लगभग सवा लाख सौंधिया समाज के वोटर हैं जो परंपरागत रूप से भाजपा को वोट देते आ रहे हैं। अभी वर्तमान में भाजपा की जिला कार्यकारिणी का गठन हुआ उसमें सामाजिक संतुलन नहीं बनाया गया। प्रभाव होने के बावजूद सौंधिया समाज को प्रतिनिधित्व न मिलने से समाज में रोष है। कांग्रेस ने सुसनेर विधानसभा में सौंधिया समाज के नेता को टिकट दिया वो विधायक बने। कांग्रेस ने जिलाध्यक्ष भी सौंधिया समाज की महिला को बनाया। ये भाजपा के लिए चिंताजनक है।
पार्टी ने मंत्री, सांसद और विधायक के परिजनों के इस्तीफे लिए
बीते 31 अगस्त को सबसे पहले चार जिलों हरदा, देवास, मऊगंज और सागर ग्रामीण की कार्यकारिणी घोषित की गई थी। मऊगंज में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और देवतालाब विधायक गिरीश गौतम के बेटे राहुल गौतम को उपाध्यक्ष बनाया गया था। इसके अगले दिन ही पार्टी ने एक परिवार-एक पद के फॉर्मूले के तहत राहुल गौतम का इस्तीफा मंगा लिया था। मऊगंज के मामले के हफ्ते भर बाद 7 सितंबर को मंड़ला जिले की कार्यकारिणी घोषित हुई। इसमें मंत्री और सांसद के परिजन शामिल हो गए। पीएचई मंत्री संपतिया उईके की बेटी श्रद्धा उइके को मंडला जिला कार्यकारिणी में मंत्री बनाया गया। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते की बहन प्रिया धुर्वे को उपाध्यक्ष बनाया गया। संगठन के संज्ञान में आने के बाद मंत्री की बेटी और सांसद की बहन से इस्तीफे लिए गए।