
बिजली कंपनियां वसूल रहीं फिक्स चार्ज
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। खुद की बिजली उत्पादन के लिए उपभोक्ताओं ने सोलर पैनल लगवाने में लाखों रुपए खर्च कर दिए, लेकिन फिर भी उन्हें पूरी तरह से बिजली बिलों में राहत नहीं मिल पा रही है। इसकी वजह है बिजली कंपनियों ने इससे भी कमाई के लिए फिक्स चार्ज वसूलने का तरीका खोज लिया है। अहम बात यह है कि बिजली कंपनियों के पक्ष में विद्युत नियामक आयोग ने भी मुहर लगा दी है। इसकी वजह से अब अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगावकर बिजली उत्पादन करने वाले उपभोक्ता खुद को ठगा हुआ महसूस करने लगे हैं। दरअसल, सोलर पैनल से उत्पादित बिजली को बिजली कंपनियां अपने मीटर के जरिए उपभोक्ताओं को वापस दे रहे हैं। उपभोक्ता जितनी यूनिट बिजली जलाएंगे, उतना फिक्स चार्ज बिजली कंपनियां वसूलेंगी। सोलर पैनल लगाने वाले उपभोक्ताओं के पास इस तरह के बिजली बिल आने लगे हैं। सोलर एनर्जी से बनने वाली सस्ती बिजली के चक्कर में उपभोक्ता घर-घर सोलर पैनल लगवा रहे हैं।
राजधानी के ढाई हजार से ज्यादा और प्रदेश के 11 हजार से अधिक घरों में सोलर पैनल लग चुके हैं। जिनसे बिजली का उत्पादन हो रहा है। यह स्थिति तब है, जब केंद्र सरकार सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए पीएम सूर्य घर योजना चला रही है। इस योजना के तहत 3 किलोवॉट तक का सोलर पैनल लगाने वाले उपभोक्ताओं को अनुदान दिया जा रहा है। इससे प्रदेश में सोलर पैनल लगाने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, लेकिन मप्र में सोलर वाले बिजली उपभोक्ताओं के लिए विद्युत विनियामक आयोग ने फिक्स चार्ज भी निर्धारित कर झटका दे दिया है। इसकी वजह से बिजली उपभोक्ताओं को अब सोलर वाली बिजली भी महंगी पडऩे लगी है। स्थिति यह है कि सोलर से बनने वाली बिजली से कम खपत होने के बाद भी बिजली उपभोक्ताओं का बिजली बिल 700 रुपए से अधिक देना पड़ रहा है।
इस तरह से वसूला जा रहा फिक्स चार्ज
अगर आपके घर में 3 किलोवॉट का सोलर पैनल लगा है। इस सोलर पैनल से आप एक महीने में 450 यूनिट ऊर्जा का उत्पादन करते हैं और महीने में केवल 300 यूनिट बिजली जलाते हैं। यानी आप खपत से ज्यादा बिजली का उत्पादन कर रहे हैं। इसके बाद भी आपको कम से कम 540 रुपए बिजली बिल के रुप में कंपनी को देना होंगे। सोलर एनर्जी पर फिक्स चार्ज वसूलने की व्यवस्था इसी साल से लागू की गई है।
ऐसे उपभोक्ताओं को नुकसान
सब्सिडी के दायरे में आने वाले बिजली उपभोक्ताओं को प्रदेश सरकार 100 यूनिट तक बिजली महज 100 रुपए में दे रही है। अगर ये उपभोक्ता अपने घर में सोलर पैनल लगाते हैं, तो इन्हें यह महंगा पड़ेगा। इन उपभोक्ताओं को इतनी खपत पर 180 रुपए देना होंगे। बिना सोलर पैनल लगाए इनका बिल सिर्फ 100 रुपए महीने आ रहा है। यानी कम खपत वाले बिजली उपभोक्ताओं को सोलर प्लांट से नुकसान होगा।
यह है सोलर का गणित
कटारा हिल्स में रहने वाले एक बिजली उपभोक्ता ने अपने घर में 3 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाया है। उनके सोलर पैनल से एक महीने में 397 यूनिट बिजली बनी है। उन्होंने इस अवधि में 394 यूनिट बिजली जलाई है। बची हुई 3 यूनिट बिजली उनके खाते में जमा हो जाएगी। बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं द्वारा जलाई जाने वाली बिजली यानी इनपोर्ट होने वाली बिजली पर फिक्स चार्ज वसूला है। यानी बिजली उपभोक्ता द्वारा जलाई गई 394 यूनिट बिजली पर फिक्स चार्ज लगभग 1.80 रुपए प्रति यूनिट वसूला गया। यानी बिजली कंपनियां अपनी बिजली दिए बगैर सोलर वाले उपभोक्ताओं से प्रति यूनिट 1.80 रुपए तक फिक्स चार्ज वसूल रही है।