- मप्र को मिलेगी 57 प्रतिशत बिजली
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। सरदार सरोवर परियोजना में गुजरात के पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट मध्यप्रदेश एवं गुजरात में सहमति बन गई है। दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच उच्चस्तरीय बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। मध्यप्रदेश और गुजरात के वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार को सरदार सरोवर प्रोजेक्ट संबंधी अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत की। प्रोजेक्ट से संबंधित मुद्दों का आपसी समन्वय से निराकरण करने के उद्देश्य से यह बैठक बुलाई गई। सरदार सरोवर से संबंधित इस अहम बैठक की अध्यक्षता मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन तथा गुजरात के मुख्य सचिव पंकज जोशी ने संयुक्त रूप से की। बैठक में नर्मदा घाटी विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, सचिव जॉन किंग्सली, एसएसएनएनएल के सीएमडी मुकेश पुरी तथा दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
दोनों राज्यों के बीच सरदार सरोवर प्रोजेक्ट में गुजरात के गरुड़ेश्वर वियर के माध्यम से पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट को लेकर खासा विवाद चल रहा था पर बैठक में इस पर सहमति बन गई। मध्यप्रदेश सरकार इसमें सशर्त सम्मिलित होगी। इससे प्रदेश को बिजली में 57 प्रतिशत की भागीदारी मिलेगी। सरदार सरोवर के डूब क्षेत्र में आने वाली सरकारी राजस्व, आबादी एवं वन भूमि की प्रतिपूर्ति राशि को लेकर भी बैठक में सिद्धांत तय किए गए। दोनों राज्यों की लेनदारी एवं देनदारी के मुद्दे पर भी विस्तृत चर्चा हुई। इसमें तय किया गया कि दोनों राज्यों की वित्तीय टीम आपस में विचार कर अगले कुछ दिनों में वित्तीय समायोजन पर निराकरण करेगी।
गुजरात मांग रहा था अतिरिक्त पानी
बता दें कि सरदार सरोवर प्रोजेक्ट के तहत गुजरात के गरुड़ेश्वर वियर पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट को लेकर मध्यप्रदेश सरकार की असहमति के कारण विवाद चल रहा था। गुजरात इस प्रोजेक्ट के लिए अतिरिक्त पानी की मांग कर रहा है, जिसका मध्य प्रदेश विरोध कर रहा था। राज्य का कहना है कि वह पहले ही अपने हिस्से का पानी दे चुका है। अब और पानी देना संभव नहीं है। गुजरात को सरदार सरोवर बांध के दरवाजों की टेस्टिंग के लिए अधिक पानी चाहिए। इसके लिए वह मध्यप्रदेश पर दबाव बना रहा है। इधर मध्य प्रदेश का कहना है कि उसने पहले ही 1600 एमसीएम पानी दे दिया है और अब अधिक पानी देना उसके लिए संभव नहीं है। दोनों राज्यों के बीच पानी का बंटवारा नर्मदा जल बंटवारे समझौते के तहत होना है। सरकार सरोवर प्रोजेक्ट में मध्य प्रदेश और गुजरात के बीच अन्य विवाद भी हैं। मुआवजा और बिजली के वितरण जैसे अन्य मुद्दों पर भी विवाद चल रहा है।
1544 करोड़ नहीं वसूल पाए अफसर
जलसंसाधन विभाग के मैदानी अफसर किसानों से 1544 करोड़ रुपए की वसूली नहीं कर पा रहे हैं। कुल 1738 करोड़ 43 लाख रुपए की वसूली की जाना है, उसमें से अभी तक केवल 194 करोड़ 33 लाख रुपए की वसूली हो पाई है। पिछले दिनों विभाग के रेवेन्यू की समीक्षा करते हुए एसीएस डा. राजेश राजौरा ने फटकार भी लगाई थी। जिसका असर है कि अब ईएनसी ने नाराजगी जताते हुए अफसरों से रिपोर्ट मांगी है।