अपने दिग्गज नेताओं के जिलों में ही कांग्रेसी नहीं ले रहे बूथ की मजबूती में रुचि

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  • युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दी जिलाध्यक्षों को हटाने की चेतावनी

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। कमलनाथ व दिग्विजय सिंह कांग्रेस के ऐसे नेता हैं, जो प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में में भी पार्टी के दिग्गज नेता माने जाते हैं। इन नेताओं के इलाकों में ही पार्टी के नेता बूथों की मजबूती के लिए सक्रियता दिखाने में फिसड्डी बने हुए हैं। लगभग यही हाल प्रदेश के कई अन्य विधानसभा क्षेत्रों के भी हैं। दअरसल अब प्रदेश में विधानसभा के आम चुनाव में महज डेढ़ साल का ही समय रह गया है। ऐसे में मिशन 2023 के तहत कांग्रेस द्वारा चुनावी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसके तहत ही भाजपा के साथ ही कांग्रेस द्वारा बूथों को मजबूत करने का काम शुरू किया गया है। इसके तहत युवक कांग्रेस संगठन द्वारा एक बूथ पांच यूथ कार्यक्रम का अभियान शुरू किया गया है , लेकिन अब तक इसके जो नतीजे आए हैं , वे बेहद चौंकाने वाले हैं। इनमें कांग्रेस के दिग्गजों के क्षेत्रों के बूथों पर काम ठीक से नहीं होना बताया गया है। इसमें भी खास बात यह है कि इस रिपोर्ट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रभाव वाले क्षेत्र विदिशा विधानसभा में सबसे अच्छा काम होना बताया गया है। प्रदेश में यह एक मात्र विधानसभा सीट है जहां पर बूथ की मजबूती का सबसे अच्छा काम हुआ है। इसलिए सिर्फ इसे ही गुड कैटेगरी में रखा गया है। अगर इसी जिले की अन्य विधानसभा सीटों की तैयार की गई रिपोर्ट को देखें तो सिरोंज, शमशाबाद और कुरवाई में औसत और गंजबासौदा में खराब काम होना बताया गया है। इसी तरह से सीहोर जिले की बुदनी और इछावर विधानसभा को भी अच्छा काम करने वाली सीटों में स्थान दिया गया है, जबकि जिले की दो अन्य विधानसभा साीटों को खराब काम वाली श्रेणी में स्थान दिया गया है। हद तो यह है कि रिपोर्ट में छिंदवाड़ा जिले की सातों विधानसभा सीटों को बेहद खराब काम वाली श्रेणी में बताया गया है। यह वो जिला है जहां से स्वयं कमलनाथ आते हैं और उनके हिसाब से ही संगठन में पदाधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं।
दिल्ली में पेश की गई  रिपोर्ट
दरअसल बूथ की मजबूती के लिए युवक कांग्रेस द्वारा पांच माह पहले एक साथ प्रदेश भर में एक बूथ पांच यूथ कार्यक्रम शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य बूथ को मजबूत करने का है। इसकी पूरी रिपोर्ट दिल्ली में यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी वी श्रीनिवास और कृष्णा अल्लवरू को दी गई है। इस रिपोर्ट के बाद अब राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जिला अध्यक्षों को आखिरी अल्टीमेटम दे दिया है कि जो जिला जिला प्रभारी, जिला अध्यक्ष व विधानसभा अध्यक्ष इस कार्यक्रम को नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें हटा दिया जाए। रिपोर्ट में बताया गया है कि एक बूथ पांच यूथ कार्यक्रम में 65 हजार बूथों पर पांच युवाओं की टीम बनाई जानी थी , लेकिन उनमें से महज 4139 बूथ पर ही काम शुरू हुआ है।
इस तरह की है स्थिति
राजगढ़ जिले की 5 विधानसभा में सिर्फ ब्यावरा को छोड़ दिया जाए तो बाकी चार में औसत काम हुआ है। गुना जिले की राघौगढ़ में अच्छा काम हुआ है, बाकी तीन विधानसभा में कोई काम नहीं हुआ है। इंदौर के राऊ में अच्छा काम हुआ है, बाकी 8 में कोई काम नहीं हुआ है। ग्वालियर जिले में छह विधानसभा में काम नहीं हुआ है। भिंड जिले के गोहद में अच्छा काम हुआ है, बाकी 4 पर खराब है। शिवपुरी जिले की एक सीट पोहरी में अच्छा काम हुआ है, बाकी 5 में काम ठीक नहीं है। भोपाल की 7 विधानसभा में हुजूर को छोड़कर किसी विधानसभा में कोई काम ही नहीं हुआ है।
इन जिलों में भी नहीं हुआ अच्छा काम
रीवा जिले की आठ विधानसभा सीटों में से सिर्फ रीवा शहर में अच्छा काम हुआ है। इसी तरह से  कटनी जिले की चार विधानसभा में से तीन में खराब काम पाया गया है। जिले की एक मात्र बड़वारा सीट पर काम हुआ है। उधर, जबलपुर जिले की आठ विधानसभा में जबलपुर उत्तर विधानसभा सीट पर ही औसत काम हुआ है। इसी तरह से भिंड जिले की चार विधानसभा सीटों में से गोहद में अच्छा काम हुआ है। रायसेन जिले की चारों विधानसभा क्षेत्र का रिपोर्ट कार्ड ठीक नहीं, यानी औसत जीरो है।

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