
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर उठ रहे तमाम सवालों के बीच कांग्रेस मध्य प्रदेश में मतदाता सूची का सत्यापन कराएगी। इसकी शुरुआत केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के संसदीय क्षेत्र विदिशा से होगी। इसके लिए विदिशा जिले के शमशाबाद और कुरवाई विधानसभा क्षेत्र का चयन किया गया है। यहां पंचायत और वार्ड स्तरीय समितियां बनाई गई हैं। बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) का सत्यापन भी वरिष्ठ नेताओं को भेजकर कराया गया है। सूची का सत्यापन दो माह में कराकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। अक्टूबर-नवंबर में जब भारत निर्वाचन आयोग के बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) मतदाता सूची का संक्षिप्त पुनरीक्षण करेंगे तब बीएलए साथ जाएंगे और आपत्तियों का निराकरण कराएंगे।
विदिशा का चयन इसलिए
पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि विदिशा जिले का चयन पायलट प्रोजेक्ट के लिए इसलिए किया गया है क्योंकि यहां लोकसभा और विधानसभा चुनाव भाजपा जीतती आ रही है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां से रिकार्ड 8,21,408 मतों से जीते। जिले की पांच विधानसभा सीटें (विदिशा, बासौदा, कुरवाई, शमशाबाद और सिरोंज) भी भाजपा के पास हैं। जिले को भाजपा का गढ़ माना जाता है। वर्ष 2018 के विस चुनाव में भी जिले से कांग्रेस केवल विदिशा सीट ही जीत सकी थी। यहां से विधायक रहे शशांक भार्गव भी अब भाजपा में हैं।
यह है प्रोजेक्ट
प्रदेश में कांग्रेस संगठन को मजबूत बनाने के लिए इसका विस्तार पंचायत और वार्ड स्तर तक करने का निर्णय लिया है। दरअसल, पार्टी चाहती है कि प्रत्येक और वार्ड में उसकी उपस्थिति रहे। कार्यकर्ता, जनता के सुख-दुख में साथ खड़े हों। इसके लिए निरंतर संपर्क और संवाद आवश्यक है। इससे स्थानीय स्तर पर होने वाली गड़बडिय़ां भी पता चलेंगी और समय रहते उन पर काम किया जा सकेगा। इसी सोच के साथ प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने विदिशा का चयन कर पायलट प्रोजेक्ट करने की जिम्मेदारी संगठन महामंत्री संजय कामले को दी। प्रदेशभर से 175 नेताओं को भेजा गया। कार्यकर्ताओं के साथ बैठक हुई और फिर पंचायत स्तर पर समिति गठित की गई। कुरवाई और शमशाबाद में यह काम पूरा हो गया और इनके अध्यक्षों के साथ प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी बैठक कर चुके हैं। अब अध्यक्ष बीएलए को मतदाता सूची देकर मतदाताओं का सत्यापन कराएंगे। एक रजिस्टर तैयार होगा, जिसमें मृत, दोहराव और स्थानांतरित मतदाताओं की सूची तैयार की जाएगी। बीएलओ को आपत्ति के साथ इन्हें दिया जाएगा और जब संक्षिप्त पुनरीक्षण होगा तब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संशोधन हुआ या नहीं। यदि नहीं तो फिर आपत्ति जिला, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से लेकर चुनाव आयोग तक दर्ज कराई जाएगी। मतदाता सूची का सत्यापन एक जनवरी, 2025 की स्थिति में कराया जाएगा।
