मप्र में अब पूरी ताकत झोंकेगी कांग्रेस

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राहुल, प्रियंका और खरगे की होंगी रैलियां और सभाएं

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक रही है। कांग्रेस ने आने वाले 50 दिनों में पूरे मप्र में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की छह सार्वजनिक रैलियां आयोजित करने की योजना बनाई है। पार्टी राज्य में अपने अभियान को बढ़ाने की योजना बना रही है। उसका मानना है कि बीजेपी से सत्ता हासिल करने का उसके पास अच्छा मौका है। दरअसल, मप्र में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस कोई रिस्क लेना नहीं चाहती है। यही कारण है कि 5 दिन की बैठक के बाद चुनाव अभियान समिति की बैठक हुई। मप्र चुनाव प्रभारी रणदीप सुरजेवाला भी बैठक में मौजूद थे। कमलनाथ के आवास पर कांग्रेस के सीनियर नेता और स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य भी मौजूद रहे। टिकट फाइनल करने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के दौरे मध्य प्रदेश में होंगे। गौरतलब है कि स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों ने पिछले दिनों नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी। उनके सुझाव को भी टिकट वितरण में ध्यान में रखा जाएगा। जिन मौजूदा विधायकों की स्थिति खराब है, उन्हें भी पार्टी की तरफ से निर्देश जारी किए गए हैं। पिछले दो-तीन महीने से लगातार कांग्रेस की बैठक सिर्फ कमलनाथ के बंगले पर ही हो रही है। कांग्रेस कार्यालय की जगह कमलनाथ का बंगला ही पावर सेंटर बना हुआ है। वचन पत्र की सभी बैठक भी कमलनाथ के बंगले पर ही चली थी। जानकारों का कहना है कि कमलनाथ को आशंका है कि कांग्रेस कार्यालय में बैठक करने से गोपनीयता भंग हो जाएगी।आईसीसी के सदस्य और कांग्रेस के सीनियर लीडर जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया था कि भाजपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले नेताओं को भी टिकट दिया जाएगा, लेकिन इसके लिए संगठन की मंजूरी जरूरी होगी। इससे भाजपा की प्रवासी कांग्रेस के मूल कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं। हालांकि पार्टी ने यह है तय किया है कि जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाएगा।
प्रियंका की अधिक मांग
जानकारों का कहना है कि इस समय चुनावों में प्रियंका गांधी की अधिक मोग है। दरअसल कर्नाटक के चिकमंगलूर में प्रियंका ने जिस से तरह से प्रधानमंत्री मोदी पर पलटवार किया था, वो टर्निंग पॉइंट था। प्रियंका ने कहा था कि प्रधानमंत्री जी कर्नाटक आकर आपका दुख सुनने की बजाय अपना दुखड़ा सुनाते हैं। प्रधानमंत्री के पास प्रदेश के किसानों, महिलाओं और युवाओं की समस्या की लिस्ट नहीं है, लेकिन इस बात की लिस्ट जरूर है कि किस-किसने उनको गालियां दीं। प्रियंका का ये भाषण बहुत असरदार था। प्रियंका गांधी ने कर्नाटक में 35 सभाएं- रैलियां व बैठकें की थीं। चुनाव की घोषणा से पहले प्रियंका ने कर्नाटक में 10 रैलियां की थीं, बाकी 35 रैलियां चुनाव की घोषणा के बाद कीं। इसमें 12 स्थानों पर प्रियंका ने रोड-शो भी किए थे। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं के साथ लगातार बैठकें की थीं। प्रियंका ने कर्नाटक में भी सरकार बनने पर 5 गारंटी का वादा किया था। इसमें सबसे अहम गारंटी थी हर परिवार की एक महिला को 2 हजार रुपए महीना देने की घोषणा। साथ ही मुफ्त बिजली और महिलाओं को सरकारी बसों में फ्री सफर के वादे भी महिलाओं पर ही फोकस थे। ऐसे ही हिमाचल प्रदेश में भी प्रियंका ने 15 सभाएं की। यहां की वह प्रभारी महासचिव भी थीं। यहां भी हर घर लक्ष्मी योजना के फॉर्म भरवाए गए। इसके तहत महिलाओं को 1500 रुपए महीना देने की गारंटी दी गई। यहां भी प्रियंका की गारंटियों में महिलाओं पर ही सबसे ज्यादा फोकस था। ऐसे में अब प्रियंका गांधी मप्र में भी अपनी छाप छोड़ सकती हैं। इसलिए उनकी मांग सबसे अधिक है।
40 जनसभाएं और रैलियां करेंगी प्रियंका
जानकारी के अनुसार विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी कांग्रेस के इलेक्शन कैंपेन की कमान संभालेंगी। मध्यप्रदेश में वह लगभग 40 जनसभाएं और रैलियां करेंगी। एक दिन में उनकी 2 से 3 रैलियां रहेंगी। चुनाव की घोषणा होने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका कमोबेश हर दूसरे दिन यहां रहेंगी। प्रियंका के साथ कई बार राहुल गांधी भी यहां आएंगे, लेकिन मध्यप्रदेश में कैंपेन की रणनीति को अंतिम रूप प्रियंका ही देंगी। वह मध्यप्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के कैंपेन का भी जिम्मा संभालेंगी। रणनीति के तहत राहुल राजस्थान और तेलंगाना का कैंपेन लीड करेंगे। प्रियंका भी मप्र और छत्तीसगढ़ से ब्रेक लेकर कुछ सभाएं राजस्थान व तेलंगाना में करेंगी। कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकारों ने इसका ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। प्रियंका के ऑफिस ने भी इस बात की पुष्टि की है कि चुनाव की घोषणा होते ही प्रियंका गांधी के एमपी में दौरे शुरू हो जाएंगे। हमने कांग्रेस से जुड़े वरिष्ठ नेताओं से सवाल किया कि क्या प्रियंका एमपी में कैंप करेंगी? तो जवाब मिला कि ऐसा नहीं होगा। प्रियंका औसतन हर दूसरे- तीसरे दिन मध्यप्रदेश में होंगी। मप्र कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा कहते हैं कि प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश में सिर्फ कैंपेनर ही नहीं होंगी। वह इससे ज्यादा बड़ी भूमिका में मध्यप्रदेश में होंगी। महिलाओं और युवतियों के बीच उनका जो आकर्षण है, उससे साफ है कि लोग उन पर भरोसा करते हैं।
राहुल-खरगे भी मोर्चे पर
चुनाव मोर्चे पर प्रियंका गांधी के साथ ही राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी तैनात होंगे। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने जबलपुर से ही चुनावी शंखनाद किया था। राहुल गांधी ने नर्मदा पूजन के बाद यहां से चुनावी अभियान की शुरुआत की थी। इसी साल 12 जून को प्रियंका गांधी ने भी नर्मदा पूजन के बाद ही यहां रैली को संबोधित किया था। इसके बाद 21 जुलाई को प्रियंका गांधी ने ग्वालियर में जनआक्रोश रैली को संबोधित किया। इस तरह से 2 रैलियों में प्रियंका ने महाकौशल और ग्वालियर-चंबल के अलग अलग छोर में आमद दी है। आगे भी प्रियंका की रैलियां प्लान करते हुए रणनीतिकार इस बात का पूरा ख्याल रखेंगे कि मध्यप्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में प्रियंका गांधी की सभाएं हो सके। प्रियंका गांधी के दौरों को ऐसे प्लान किया जा रहा है कि वह मध्यप्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा पाएं। ये भी तय हो गया है कि प्रियंका एक दिन में 2 और कभी-कभी 3 रैलियां करेंगी। चुनाव की घोषणा होने तक अभी प्रियंका दिल्ली से ही एमपी पर नजर रखेंगी। इसके बाद ही प्रियंका के लगातार दौरे शुरू होंगे। प्लान के मुताबिक कांग्रेस ने एक ग्राउंड सर्वे भी कराया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी यही रिपोर्ट दी है कि प्रियंका के आने से कांग्रेस के पक्ष में हवा बनाने में मदद मिलेगी।

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