
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में विधानसभा चुनाव में जहां महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को कांग्रेस ने जोर शोर से उठाने की तैयारी की है तो वहीं इस बार कांग्रेस भाजपा के कट्टर हिन्दुत्व की धार को भी तेज करने की तैयारी में लग गई है। यही वजह है कि कांग्रेस नेतृत्व ने अभी से प्रदेश के सभी प्रमुख मठ, मंदिरों और धामों की जानकारी जुटाकर भेजने के निर्देश दे दिए हैं। इससे यह साफ है कि इस बार चुनाव में हिन्दुत्व ही प्रमुख मुद्दा रहने वाला है। दरअसल भाजपा भी अपने चुनाव प्रचार को हिंदुत्व के इर्दगिर्द ही रखने की रणनीति बना रही है, जिसकी वजह से कांग्रेस ने भी उसकी काट के लिए इस मामले को अपने पाले में रखने की रणनीति बनाई है। इसके तहत कांग्रेस भी इस मामले में भाजपा की ही तरह अपने आप को कट्टर हिन्दुत्व के रुप में दिखाने से पीछे नही रहने वाली है। इसी वजह से कांग्रेस अब हिंदू धर्म स्थलों पर पार्टी कार्यक्रम करने और धार्मिक आयोजन करने में पीछे नहीं रह रही है। कांग्रेस ने तय किया है कि चुनाव के दौरान जो स्टार प्रचारक आएंगे, उनके दौरा कार्यक्रम में भी धर्मस्थलों को जोड़ा जाएगा। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व द्वारा प्रदेश के सभी प्रमुख मठ, मंदिर और धामों की जानकारी मांगी गई है। हाल ही में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के जबलपुर दौरे के दौरान भी कांग्रेस का हिदुत्व एजेंडा सामने आ चुका है। उनके दौरे से इसकी शुरुआत मानी जा रही है। दरअसल अपने इस दौरे में प्रियंका ने मां नर्मदा की पूजा अर्चना की थी। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से जुड़े सूत्रों की माने तो आमतौर पर चुनाव में स्टार प्रचारक घोषित होते हैं। सभी के दौरे पार्टी तय करती है। इस बार कांग्रेस के चुनाव प्रचारकों के दौरों में खास बात यह देखने को मिलेगी कि वे जिस क्षेत्र में प्रचार के लिए आएंगे, वहां वे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पर पूजा-अर्चना के लिए जरूर जाएंगे। पिछले महीने 29 मई को दिल्ली में हुई बैठक में भी इस पर चर्चा हो चुकी है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस धार्मिक एजेंडे का ढिंढोरा नहीं पीटेंगी। यानी नेता यदि धार्मिक स्थल पर जाएंगे तो उसका ज्यादा प्रचार- प्रसार करने से परहेज किया जाएगा।
गांधी परिवार करेगा पूजा
चुनाव के दौरान गांधी परिवार का कोई भी सदस्य यदि मप्र में प्रचार के लिए आएगा, वह अनिवार्य रूप से उस क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थल नदी, मंदिर, मठ और धाम पहुंचकर पूजा-अर्चना करेगा। पिछले साल राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महाकाल मंदिर में पूजा एवं नर्मदा पूजन के कार्यक्रम भी शामिल हुए थे।
मप्र के प्रमुख धार्मिक स्थल
आमतौर पर राजनीतिक दल मप्र में क्षेत्र के हिसाब से चुनावी रणनीति बनाते हैं। जिसमें मालवा-निमाड़, महाकौशल, ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड, विंध्य और भोपाल-होशंगाबाद शामिल हैं। मालवा निमाड़ के प्रमुख धर्मस्थल स्थलों में महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, नर्मदा घाट आदि हैं। विंध्य क्षेत्र में मैहर में शारदा माता मंदिर, चित्रकूट धाम, नर्मदा उद्गम स्थल अमरकंटक के अलावा आदिवासी क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थल शामिल हैं। इसी तरह बुंदेलखंड में बागेश्वर धाम, ओरछा, कुंडेश्वर, खजुराहो , जबकि ग्वालियर-चंबल में पंडोखर सरकार, रावतपुरा सरकार, दंदरौआ धाम, पीताम्बरा पीठ एवं महाकौशल में नर्मदा तट जबकि भोपाल- होशंगाबाद में नर्मदा घाट, कुबेरेश्वर धाम, गणेश मंदिर सीहोर, सांची, भोजपुर, सलकनपुर आदि शामिल हैं। इसके अलावा मालवा निमाड़ में देवास में चामुंडा देवी का मंदिर, नलखेड़ा में देवी मंदिर मंदसौर में पशुपतिनाथ मंदिर के अलावा जैन तीर्थस्थल, पवित्र नदियां भी इस सूची में शामिल हैं।