47 सीटों के लिए कांग्रेस ने बनाई रणनीति

कमलनाथ
  • कमलनाथ बोले -जनजातीय समाज को बांटने में जुटी भाजपा
    भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। आदिवासी वोट बैंक को साधने में जुटी भाजपा की सक्रियता को देखते हुए कांग्रेस ने अपने वोट बैंक को और मजबूत करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में बुधवार को पीसीसी में आदिवासियों के लिए आरक्षित 47 विधानसभा क्षेत्रों के नेताओं के साथ प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मंथन किया। इस अवसर पर कमलनाथ ने कहा कि भाजपा विभाजन की राजनीति कर रही है। भाजपा का लक्ष्य है किसी तरह समाज को बांटो, सामाजिक संगठन बना, जो कांग्रेस को गालियां दें। आदिवासी समेत अन्य समाजों को बांटने के लिए भाजपा संगठनों को फंडिंग कर रही है। उन्होंने कहा कि था कि मैं मुख्यमंत्री था, तो सोचता था कि समाज के किस वर्ग को सरकार की सबसे ज्यादा जरूरत है। मैं सोचता था कि अगली बार चुनाव में जाऊंगा तो आदिवासी समाज को हिसाब-किताब दूंगा की मैंने उनके लिए क्या किया? मुझे नहीं पता था कि सरकार गिर जाएगी। मैं छाती ठोककर कहता हूं कि 15  माह के कार्यकाल में मैंने आदिवासियों को नई दिशा देने का प्रयास किया।
    बैठक में मिशन- 2023 की रणनीति तैयार की गई। नेताओं ने आदिवासी सीटों पर पकड़ मजबूत करने के लिए कमलनाथ को सुझाव दिए। कमलनाथ ने कहा कि भाजपा आदिवासी वर्ग को गुमराह करने में लगी है, वह आदिवासी युवाओं को भ्रमित कर, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करना चाहती है, लेकिन आज का आदिवासी वर्ग उसके किसी बहकावे में आने वाला नहीं है।
    कांग्रेस हमेशा से आदिवासी वर्ग की हितैषी रही है और हमेशा रहेगी। कमलनाथ ने कहा कि हाल में जनजातीय गौरव दिवस सम्मेलन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए थे, खूब भाषण परोसा, आयोजन पर करोड़ों खर्च किए, पर एक भी आदिवासी के सुख-दुख पर बात उन्होंने नहीं की। भाजपा के कई मंत्री स्वागत-अगवानी में लगे रहे, लेकिन आदिवासी वर्ग के एक भी मंत्री को यह मौका नहीं दिया गया।
    आदिवासी युवाओं को जोड़ने प्लानिंग जरूरी
    बैठक में कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में कांग्रेस का जनाधार किस तेजी से खिसक रहा है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। आज कांग्रेस के लिए 2018  जैसे हालात नहीं हैं। आदिवासी युवा कांग्रेस से दूर हो रहे हैं, हमारे पास इन युवाओं को पार्टी से जोड़ने  की कोई प्लानिंग नहीं है।
    आरएसएस और विभिन्न आदिवासी संगठन दिन-रात आदिवासियों को बरगलाने में जुटे हैं। भाजपा आदिवासी इलाकों में माइक्रो प्लानिंग कर रही है और यदि कांग्रेस को चुनाव जीतना है, तो मिनी माइक्रो प्लानिंग करना पड़ेगी। कांग्रेस को विभिन्न आदिवासी सामाजिक संगठनों के साथ जुड़कर जमीन पर काम करना होगा, तभी हम आगामी विधानसभा चुनाव जीत पाएंगे।
    भाजपा की फूट डालो राज करो की नीति
    कांग्रेस के अनुसूचित जनजाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष अजय शाह ने कहा कि हमें आदिवासियों को बताना होगा कि कांग्रेस ही उनकी सच्ची हितैषी है। आदिवासी मुख्यमंत्री कांग्रेस ने दिया, तीन उप मुख्यमंत्री दिए. तीन प्रदेश अध्यक्ष दिए। भाजपा बताए उसने क्या किया? और आज भाजपा आदिवासी सम्मान की बात करती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने कहा कि भाजपा फूट डालो राज करो की नीति अपनाकर आदिवासियों में फूट डाल रही है। हमें इस बात को समझना होगा। विधायक झूमा सोलंकी ने कहा कि पीसीसी चीफ ऐसे ही आदिवासी छात्रों और सामाजिक संगठनों की बैठक बुलाकर बात करें।

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