
- भाजपा को घेरने की बनाई जा रही है रणनीति
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कांग्रेस के लिए मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है, जो सियासी रूप से कर्नाटक के समान ही है। यही वजह है कि अब कांग्रेस वहां जीत के लिए अपनाए गए फार्मूले को मप्र में भी लागू करने की पूरी तरह से तैयारी कर रही है। इसके लिए कर्नाटक के नेताओं की भी मदद लिए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। कर्नाटक में पार्टी की सरकार बनने के बाद कांग्रेस का भी पूरा फोकस इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव वाले तीनों राज्यों पर है। इसमें भी मप्र पर खास फोकस किया जा रहा है। इसकी वजह है मप्र में इस बार चुनाव में कांग्रेस अपनी सरकार बनने की बेहतर संभावनाएं देख रही है। यही वजह है कि अब मप्र में हर स्तर पर प्रमुख प्रतिद्वंदी दल भाजपा और उसकी सरकार को घेरने के लिए रणनीति बनाने का काम किया जा रहा है। इसमें पार्टी के केंद्रीय नेताओं से लेकर अन्य राज्यों के सफल रणनीतिकार नेताओं की भी मदद ली जा रही है। कांग्रेस ने कर्नाटक के चुनाव में मिली जीत के बाद उसी रणनीति पर अमल करने की तैयारी करना शुरू कर दिया है। इसकी बहुत सारी वजहें भी हैं। इनमें प्रमुख रूप से दोनों राज्यों के सियासी हालात एक से है। मप्र की ही तरह कर्नाटक में भी आम चुनाव के पहले तक कांग्रेस विपक्ष में थी। वर्ष 2018 के चुनाव में कर्नाटक में कांग्रेस ने गठबंधन की सरकार बनाई थी, मप्र में भी कांग्रेस ने सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। जिस तरह कर्नाटक में कांग्रेस की गठबंधन की सरकार गिराकर भाजपा ने सत्ता हासिल की थी, ठीक उसी तरह से मप्र में भी विधायकों की खरीद-फरोख्त कर कांग्रेस की सरकार गिराकर भाजपा ने सत्ता हासिल की थी। इसकी वजह से ही शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मप्र के मुख्यमंत्री बने। मप्र में भी कर्नाटक की ही तरह सरकार के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी, भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी आदि प्रमुख चुनावी मुद्दे हैं। यही वजह है कि कर्नाटक का चुनाव परिणाम आने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पार्टी द्वारा कर्नाटक के लिए अपनाई गई चुनावी स्ट्रेटजी के आधार पर चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चुनाव रणनीतिकार सुनील कानुगोलू की टीम भी भोपाल आ चुकी है। टीम के लोग एक-एक विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर सर्वे तो कर ही रहे हैं साथ ही फीडबैक भी ले रहे हैं।
सोशल मीडिया पर प्रभावी प्रचार की भी तैयारी
मप्र कांग्रेस अब पूरी तरह से चुनावी तैयारियों में लग गई है। इसकेे तहत वह हर मोर्चे पर भाजपा की घेराबंदी करना चाहती है। पार्टी चुनाव से पहले ही पूरी तरह से सोशल मीडिया को भाजपा और उसकी सरकार को घेरने के लिए प्रमुख हथियार बनाना चाहती है। इसके लिए पार्टी द्वारा सोशल मीडिया पर प्रभावी प्रचार-प्रसार करने की रणनीति तैयार की जा रही है। इसी रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए कांग्रेस के मीडिया कम्युनिकेशन प्रमुख जयराम रमेश, सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेट और कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा भोपाल आए हुए हैं। वे यहां पर कमलनाथ के आवास पर मप्र कांग्रेस मीडिया, सोशल मीडिया और आईटी सेल के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक भी कर रहे हैं। इसमें मीडिया विभाग से कामकाज का फीडबैक लेकर उन्हें बताएंगे कि मीडिया और सोशल मीडिया पर कैसे अपनी बात रखें और इसमें कौन से मुद्दे उठाने हैं और कौन से नहीं । मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए पहुंच अधिक से अधिक हो इसके लिए क्या करना चाहिए।
दिल्ली में भी होगा प्रदेश के विस चुनाव को लेकर मंथन
मप्र के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व अभी से गंभीर हो गया है। यही वजह है कि कल दिल्ली में पार्टी की एक बड़ी बैठक बुलाई गई है। जिसमें चुनावी तैयारियों को लेकर मंथन किया जाएगा। इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल होंगे। बैठक में अब तक की चुनावी तैयारियों की समीक्षा करने के साथ ही यह तय किया जाएगा कि आगे पार्टी को किस लाइन पर आगे बढ़ना है और भाजपा को किन मुद्दों पर घेरना है। इस बैठक में कमलनाथ के अलावा पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचोरी, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, सांसद नकुलनाथ और सभी राज्यसभा सांसदों को बुलाया गया है।