
– कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान शुरू
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए आज पीसीसी में मतदान हो रहा है। चुनाव में प्रदेश के 502 पार्टी प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में निर्वाचन पदाधिकारियों की देखरेख में सुबह दस बजे से शुरु शाम चार बजे तक मतदान होगा। मतपत्रों को सीलबंद कर पार्टी मुख्यालय भेजा जाएगा। बता दें कि अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर प्रत्याशी हैं। दोनों ने चार-चार मतदान अभिकर्ता नियुक्त किए गए हैं। मतदान के लिए तीन मतदान केंद्र बनाए गए हैं। चुनाव से जहां 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर का कांग्रेस अध्यक्ष मिलेगा, वहीं इसका प्रभाव प्रदेश के सियासी समीकरण पर भी देखने को मिलेगा। यानी विचारधारा के हिसाब से पार्टी के दो धड़ों में बंटने की संभावना बढ़ गई है।
गौरतलब है कि नामांकन के बाद से ही कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ नेता खड़गे स्पष्ट रूप से पसंदीदा उम्मीदवार के तौर पर उभरे हैं। उन्हें कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का समर्थन मिल रहा है, लेकिन थरूर ने जिस तरह पूरी ताकत से चुनाव प्रचार कर कांग्रेस डेलीगेट्स से उनका समर्थन करने की अपील की है, उससे इतना तय है कि चुनाव परिणाम चौका सकते हैं। स्वयं खडगे भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नहीं हैं, इसका इशारा वे भोपाल में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कर चुके हैं। इन चुनावों से कांग्रेस पर बाहरी तौर पर भले ही कोई फर्क न पड़े पर इन चुनावों में थरूर को मिले वोट कांग्रेस के सियासी समीकरणों को जरूर प्रभावित करेंगे। पार्टी में बड़ी संख्या में ऐसे नेता और कार्यकर्ता हैं, जो कांग्रेस संगठन की वर्तमान व्यवस्था और पार्टी की रीति-नीति से नाखुश हैं। वे संगठन और उसकी कार्यशैली में वृहद स्तर पर परिवर्तन चाहते हैं। ऐसे कार्यकर्ताओं की आस थरूर पर टिकी है और वे निश्चित ही चुनाव में थरूर के पक्ष में मतदान करेंगे। शशि थरूर भोपाल में कांग्रेस डेलीगेट्स की बैठक में कह चुके हैं , जो लोग पार्टी की वर्तमान व्यवस्था से संतुष्ट हैं, वे खड़गे जी का वोट करें और जो परिवर्तन चाहते हैं, वे मुझे वोट दें। ऐसे में कांग्रेस का नया अध्यक्ष कौन होगा, इस बारे में अभी स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। मध्य प्रदेश की बात करें, तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने खड़गे और थरूर के भोपाल आगमन पर उन्हें एक सी सुविधाएं मुहैया कराई हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और डेलीगेट्स ने दोनों नेताओं से मुलाकात की। पीसीसी ने कांग्रेस डेलीगेट्स को वोटिंग को लेकर पूरी स्वतंत्रता दी है। उन पर खड़गे या थरूर के पक्ष में वोटिंग के लिए कोई दबाव नहीं बनाया गया है। उनसे स्व विवेक से निर्णय लेने को कहा गया है। मध्य प्रदेश में वोटिंग करने वाले डेलीगेट्स की संख्या 502 है।
दोनों नेताओं की दावेदारी दमदार
कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए दोनों नेताओं की दमदार दावेदारी है। थरूर को केरल व अन्य दक्षिण राज्यों से वोट मिलने की संभावना पर 13 साल से केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के सांसद है। दक्षिण के राज्यों में कांग्रेस को मजबूत करने में भी काफी आगे रहे है। थरूर को दक्षिण राज्यों के अलावा उत्तर भारत से भी वोट मिलने की संभावना है। कांग्रेस में बदलाव चाहने वाले युवाओं के बीच थरूर की लोकप्रियता पहले से ज्यादा है। कुछ राज्यों में भले ही कांग्रेस नेताओं ने खुलकर थरूर का समर्थन नहीं किया पार्टी के अंदर बदलाव चाहने वाले नेता जरूर थरूर का साथ दे सकते है। देशभर में जबरदस्त फैन फॉलोइंग के वाले थरूर के पास ही खड़गे जितना सगठन का अनुभव न हो, लेकिन आम लोगों में खडगे से ज्यादा लोकप्रिय चेहरा है। बेहतरीन अंग्रेजी ठीक ठाक हिंदी और कई अन्य से महारत होने की वजह से वे युवाओं के खोच अलग अप्रैल लेकर पेश होते है। सोशल मीडिया पर उनकी तर्कशीलता को लेकर एक बड़ा तबका उनका फैन है। वहीं खड़गे को पार्टी का समर्थन और वरिष्ठ नेताओं का भी साथ मिला है। थरूर के मुकाबले खड़गे के साथ ज्यादा कांग्रेसी नेता खड़े रहे है। खासतौर पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का साथ खड़गे को मिला हुआ है। दक्षिण से जमीन से जुड़े नेता रहे खडगे का जन्म कर्नाटक के बीदर जिले के वारावती इलाके में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने मजदूरों के लिए लड़ाई लड़ी। विपक्ष के नेताओं से अच्छे संबंध हैं। खडगे कर्नाटक, महाराष्ट्र में पार्टी फायदा दिला सकते हैं। आने वाले समय में कर्नाटक और फिर महाराष्ट्र में भी चुनाव होंगे। ऐसे में खडगे इन दोनों राज्यों के अलावा दक्षिण के अन्य राज्यों में कांग्रेस को अच्छा फायदा दिला सकते है।
खडगे के साथ पुराने तो थरूर के साथ युवा
पार्टी में खड़गे और थरूर के समर्थकों पर नजर डाले हैं तो खड़गे के साथ पुराने तो थरूर के साथ युवा नेता दिख रहे हैं। मप्र में भी जो अभिकर्ता बनाए गए हैं, वे भी इस बात का संकेत हैं। जानकारी के अनुसार चुनाव के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रदेश कांगे्रस के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह, महामंत्री जेपी धनोपिया, महेन्द्र सिंह चौहान और अजय चौरडिय़ा को अभिकर्ता बनाया है। वहीं, शशि थरूर के अभिकर्ता प्रदेश सचिव अर्जुन शर्मा, प्रवक्ता जितेन्द्र मिश्रा, संतोष परिहार और भोपाल जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजकुमार सिंह बनाए गए हैं। मतदान के लिए प्रदेश प्रतिनिधियों को आवंटित क्रम के अनुसार केंद्र आवंटित किए गए हैं। खड़गे को जिस तरह से वरिष्ठ पार्टी नेताओं का समर्थन मिला है, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि प्रदेश से अधिकतर प्रतिनिधियों का समर्थन प्राप्त होगा। मप्र में निर्वाचन अधिकारी रामचंद्र खूटिया, सहायक निर्वाचन अधिकारी क्रांति शुक्ला, चक्रवर्ती शर्मा और तरुण त्यागी की देखरेख में मतदान हो रहा है। मतदान की पूरी प्रक्रिया गुप्त रहेगी। किसी को भी मतपत्र दिखाने की अनुमति नहीं है। प्रतिनिधियों के बैठने के लिए परिसर के मुख्य द्वार के पास व्यवस्था की गई है।
नए अध्यक्ष पर रहेगी गांधी परिवार की छाया
आज मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कांग्रेस को 19 अक्टूबर को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। बड़ा सवाल यह है कि क्या अध्यक्ष गांधी परिवार की छाया से बाहर निकल पाएगा? हालांकि इसकी उम्मीद कम है। खड़गे और थरूर भोपाल आगमन पर पत्रकारों से चर्चा में स्पष्ट कर चुके हैं कि यदि वे अध्यक्ष बनते हैं, तो कोई भी फैसला गांधी परिवार के सहयोग और सहमति से लेंगे। थरूर ने कहा था कि कांग्रेस की गांधी परिवार के बिना और गांधी परिवार की कांग्रेस के बिना कल्पना नहीं की जा सकती है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि खड़गे गांधी परिवार के प्रति वफादार हैं और वे अध्यक्ष बनने के बाद गांधी परिवार से इतर नहीं जा सकते। जहां तक शशि थरूर की बात है, तो वे आज भले कुछ भी कहें, लेकिन अध्यक्ष बनने के बाद वे संगठन संबंधी फैसलों में गांधी परिवार की एक सीमा तक ही दखल पसंद करेंगे।