
– पहली बार राजभवन पर लगे मुर्दाबाद के नारे
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी /बिच्छू डॉट कॉम। करीब छह माह पहले हुए देवास जिले के नेमावर में आदिवासी परिवार के पांच लोगों की हत्या के मामले में परिवार की एकमात्र सदस्य भारती कारडे द्वारा निकाली गई न्याय यात्रा पर बीते दिन कांग्रेस ने उस समय कब्जा कर लिया, जब यह यात्रा भोपाल पहुंची। इसके बाद राजनैतिक रूप से माहौल गर्मा गया, जिसके बाद कांग्रेस व भाजपा आमने सामने आ गई है। उधर प्रदेश के इतिहास में शायद यह पहला मौका है जब राजभवन को लेकर मुर्दाबाद के नारे लगाए गए हों। दरअसल जब कांग्रेस नेता पीड़िता को लेकर राजभवन पहुंचे तो उनकी राज्यपाल से मुलाकात नहीं कराई गई, जिसकी वजह से वे खफा हो गए और नारेबाजी करने लगे। कराडे की न्याय यात्रा के भोपाल आते ही कांग्रेस नेता भी उनके साथ हो गए। वे उन्हें लेकर राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मिलाने जब राजभवन जा रहे थे, तभी रास्ते में रेडक्रास चौराहे पर पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया। इस दौरान नेताओं व पुलिस के बीच काफी देर तक बहस होती रही। इसके बाद पुलिस भारती सहित कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को राज्यपाल से मिलवाने के लिए अपने वाहन से ले गई, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने कोरोना का बहाना बनाकर उन्हें अंदर ही प्रवेश नहीं दिया। इस बीच वहां पर मौजूद कुछ लोगों ने राज्यपाल को लेकर कुछ टीका टिप्पणी करना शुरू कर दी, जिसकी वजह से राजनैतिक माहौल गर्म हो गया। खास बात यह है कि इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पीसी शर्मा और कांतिलाल भूरिया जैसे कांग्रेस के बड़े नेता भी मौजूद थे। इस दौरान भारती ने कहा कि उनके परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी गई। इस मामले में पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जब तक हमारे परिवार को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक मेरा यह संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में आदिवासियों के साथ अत्याचार हो रहे हैं लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हमारी न्याय यात्रा को रोकने के भी सरकार द्वारा प्रयास किए गए। आज जब हम राज्यपाल को पूरे मामले की जांच कराने के लिए ज्ञापन देने जा रहे थे तो रास्ते में पुलिस ने रोक लिया। हम इस पूरे मामले में सीबीआई की जांच चाहते हैं। इसकी घोषणा हुई है पर अभी तक हमें कोई आदेश नहीं मिला है। आरोपितों को फांसी होना चाहिए। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि भारती न्याय की मांग को लेकर पदयात्रा कर रही है। सरकार ने आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसी घटनाएं मध्य प्रदेश को बदनाम करती हैं।
वर्मा ने लगाया राज्यपाल पर आरोप
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया है कि हमें गर्व था कि आदिवासी व्यक्ति को राज्यपाल बनाया गया है। क्या पता था कि कोरोना के डर से वे अपने ही वर्ग को न्याय नहीं दिला सकते, ऐसी जिंदगी से मौत भली। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के साथ प्रदेश में अत्याचार किए जा रहे हैं। न्याय की मांग करने वालों की आवाज दबाई जा रही है। भारती की यात्रा को पुलिस बल के सहारे रोका गया। प्रदेश में अब किसी को अपनी बात कहने का अधिकार तक नहीं है। इस पर सीएम ने वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया कि कांग्रेस के नेता धैर्य ही नहीं, विवेक भी खोते जा रहे हैं। यह भारतीय परंपरा का अपमान है।
राज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी दुर्भाग्यपूर्ण: शर्मा
कांग्रेस नेताओं द्वारा राज्यपाल के खिलाफ की गई नारेबाजी को लेकर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने इसे कांग्रेस नेताओं के मानसिक दिवालियापन की निशानी बताया है। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने हमेशा संवैधानिक संस्थाओं का अपमान किया है। आज जिस तरह राजभवन के सामने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, सज्जन सिंह वर्मा और अन्य नेताओं ने नौटंकी करते हुए राज्यपाल पद की गरिमा को गिराने और प्रदेश के वातावरण को बिगाड़ने की कोशिश की, वह बेहद निदंनीय है। राज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी कर कांग्रेस नेताओं ने संवैधानिक व्यवस्थाओं पर चोट पहुंचाई है। यह घटना बेहद दुर्भाग्यजनक है। उनका कहना है कि नेमावर में हुई घटना बेहद गंभीर घटना है। सरकार ने उसमें संज्ञान लेकर प्रभावी कार्रवाई की है और आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।