कांग्रेस प्रत्याशियों को खली सोनिया व नाथ की कमी

सोनिया व नाथ
  • उम्मीदवारों को अकेले ही लड़ाना पड़ा है किला

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कहा जाता है की ठोकर खाने के बाद आदमी सम्हलता है, लेकिन अगर राजनीति की बात की जाए , तो कांग्रेस में इसका ठीक उलटा दिख रहा है। प्रदेश में पांच माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह से हार का समाना करना पड़ा है, इसके बाद भी कांग्रेस लोकसभा चुनाव में पूरी ताकत और एकजुटता के साथ मैदान में नजर नहीं आयी  लिहाजा प्रचार से कई बड़े नेता पूरी तरह से गायब बने रहे। ऐसे में प्रत्याशियों को पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी और कमलनाथ की चुनावी सभाएं नही होने की कमी जमकर  खली है। यही नहीं कांग्रेस के कई स्टार प्रचारक भी चुनाव प्रचार से पूरी तरह गायब बने रहे। इसकी वजह से प्रत्याशियों को पटवारी व दिग्विजय सिंह के ही भरोसे रहना पड़ा है। इनमें दिग्विजय सिंह भी अपनी सीट पर हुए चुनाव प्रचार के बाद ही बाहर निकलेे हैं। उल्लेखनीय है कि मप्र में चार चरणों में हुए लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से लेकर मप्र, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्रियों, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य राष्ट्रीय एवं स्थानीय मिलाकर कुल 40 नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया था। लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में सिर्फ राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ही मप्र की कुछ लोकसभा सीटों पर सभाएं करने आए हैं। इसके ठीक उलट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक एवं सभी स्थानीय नेताओं ने चारों चरण के चुनाव में भाजपा के अपने हर प्रत्याशी के लिए पूरी ताकत लगाई है। प्रदेश में अब सिर्फ अंतिम चरण का मतदान कल होने जा रहा है।
अकेले पड़े पटवारी  
प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान सोनिया गांधी प्रचार के लिए एक बार भी नहीं आयीं। पार्टी के अन्य स्टार प्रचारकों स्थानीय नेतृत्व में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी अकेले ही प्रचार में जूझते नजर आए। पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में वे जहां भी प्रचार के लिए पहुंचे, प्रदेश के दूसरे स्टार प्रचारकों पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव, प्रदेश प्रभारी जितेन्द्र सिंह, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, अजय सिंह, विवेक तन्खा सहित कुछ नेताओं को अपने साथ ही हेलीकॉप्टर में बैठाकर चुनाव प्रचार में ले गए, लेकिन इनमें से अधिकांश नाम मात्र के लिए ही प्रचार करते नजर आए हैं।
यह स्टार प्रचारक रहे गायब
पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, सचिन पायलट, संजय कपूर, सीपी मित्तल (सभी राष्ट्रीय नेता), इसके अलावा स्थानीय नेताओं में कांतिलाल भूरिया, डॉ. गोविंद सिंह, अशोक सिंह (सांसद राज्यसभा), सज्जन सिंह वर्मा, लखन घनघोरिया, एनपी प्रजापति, तरुण भानोट, जयवर्धन सिंह, हेमंत कटारे, राजेन्द्र कुमार सिंह, आरिफ मसूद, मीनाक्षी नटराजन, हीना कांवरे, बाला बच्चन, सुखदेव पांसे, रजनीश सिंह, विक्रांत भूरिया, विभा पटेल, साधना भारती, कुणाल चौधरी, आशुतोष चौधरी पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में सभा, रैली या रोड शो या बैठकें करते नजर नहीं आए।
छिंदवाड़ा के बाद दो समर्थकों के लिए की सभाएं
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बाद कमलनाथ लोकसभा चुनाव प्रचार से भी लगभग पूरी तरह गायब रहे।  छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से उनके पुत्र नकुलनाथ प्रत्याशी थे, इसलिए पहले चरण में वे सिर्फ छिंदवाड़ा के चुनाव प्रचार तक ही सीमित रहे। दूसरे चरण में उन्होंने अपने करीब संजय शर्मा के लिए होशंगाबाद में दो और तीसरे चरण के चुनाव में बैतूल में सिर्फ एक जनसभा ली। तीसरे चरण में राजगढ़ का मतदान होने तक दिग्विजय सिंह भी अपने चुनाव क्षेत्र से बाहर नहीं निकले। हालांकि दिग्विजय ने चौथे चरण में मालवा-निमाड़ में जरूर कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया है। 

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