खंडवा से कांग्रेस… खेल सकती है महिला कार्ड

  • यादव समर्थक सुनीता सकरगाये या पूनम पटेल को मिल सकता है टिकट
  • विनोद उपाध्याय
कांग्रेस

लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपने सभी 29 प्रत्याशियों की सूची जारी करके चुनावी शतरंज में अपनी पहली चाल चल दी है, तो वहीं कांग्रेस पार्टी अभी तक 3 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर पाई है। हालांकि कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने ग्वालियर और मुरैना के प्रत्याशी तय कर लिए हैं। इधर, निमाड़ की खंडवा लोकसभा सीट चर्चा का विषय बनी हुई है। जहां अब तक कांग्रेस पार्टी की तरफ से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव को चुनावी रण में उतारा जाना था। हालांकि, अब कांग्रेस खेमे से खबर आ रही है कि यहां से किसी महिला प्रत्याशी को टिकट दिया जा सकता है। खंडवा सीट से अरुण यादव के इंकार के बाद सुनीता सकरगाए व पूनम पटेल के बीच टिकट का फैसला होना है। एक दो दिन में प्रत्याशियों के नामों का ऐलान हो सकता है।
बता दें कि फिलहाल कांग्रेस पार्टी की ओर से मप्र की तीन सीटों के लिए प्रत्याशियों के एलान का इंतजार है। जिनमें सबसे अधिक चर्चित सीट मानी जा रही खंडवा लोकसभा सीट। हालांकि, इस सीट पर अब अरुण यादव के बेहद करीबी माने जाने वाले और खंडवा के पूर्व सांसद कालीचरण सकरगाये की बहू सुनीता सकरगाये को खंडवा लोकसभा से प्रत्याशी बनाने की बात सामने आ रही है। बता दें कि अरुण यादव ने गुना लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे की मंशा जरूर जाहिर की थी। हालांकि, उन्हें गुना से टिकट नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने खंडवा सीट के लिए अपने करीबी सकरगाये परिवार का नाम आगे बढ़ाया था। राजनीतिक गलियारों की चर्चा के मुताबिक, अब कांग्रेस पार्टी सुनीता सकरगाये या पूनम पटेल के नाम पर मुहर लगा सकती है।
 ग्वालियर-मुरैना सीट पर भी नाम तय
 दिल्ली में चल रही बैठकों में ग्वालियर और मुरैना की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है। पार्टी सूत्रों की मानें तो ग्वालियर से जहां पूर्व विधायक प्रवीण पाठक का नाम तय माना जा रहा है, वहीं मुरैना से सत्यपाल सिंह सिकरवार के नाम पर सहमति बन गई है। हालांकि अभी पार्टी ने उम्मीदवार के नामों की घोषणा नहीं की है। मुरैना कड़े मुकाबले वाली सीट मानी जा रही है।
इस सीट पर 1996 से भाजपा का कब्जा है। भाजपा ने जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए शिवमंगल सिंह तोमर को प्रत्याशी बनाया है। इसी सीट से कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय, बलवीर दंडोतिया और सत्यपाल सिंह सिकरवार के नामों पर चर्चा हुई। पार्टी सूत्रों की मानें तो पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार के नाम पर सहमति बन गई है। कांग्रेस का एक धड़ा यहां से ब्राह्मण नेता को उम्मीदवार बनाने पर अड़ा हुआ था। ग्वालियर लोकसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलता है। कांग्रेस को इस बार ग्वालियर से जीत की उम्मीद है। यही कारण है कि पार्टी टिकट को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। भाजपा ने ग्वालियर से पिछड़े वर्ग के पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस से पूर्व सांसद रामसेवक गुर्जर और पूर्व विधायक प्रवीण पाठक के नाम पर चर्चा हुई। सूत्रों का कहना है कि प्रवीण पाठक के नाम पर आम सहमति बन गई है।
भाजपा के गढ़ में बड़ा दांव खेलने की तैयारी
खंडवा  लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस इस सीट से पूर्व सांसद अरुण यादव को उतारने के पक्ष में थी, लेकिन उनके इंकार के बाद पार्टी नए सिरे से कवायद में जुट गई है। इस सीट पर अब पूर्व सांसद कालीचरण सकरगाए की बहू सुनीता सकरगाए और कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष पूनम पटेल में से किसी एक नाम पर सहमति बनाई जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार, खंडवा लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी की ओर से यहां से पूर्व सांसद की बहू को टिकट दिए जाने की कवायद की जा रही है। कांग्रेस से पूर्व सांसद रहे कालीचरण सकरगाये की बहू सुनीता सकरगाये का नाम से खंडवा से सम्भावित प्रत्याशियों की सूची में सबसे आगे है। बता दें कि कांग्रेस पार्टी की संभावित प्रत्याशी सुनीता सकरगाये खंडवा निगम चुनाव में महापौर पद के लिए भी अपनी किस्मत आजमा चुकी है। हालांकि, उस चुनाव में उन्हें भारतीय जनता पार्टी के सामने करारी हार का सामना करना पड़ा था और उस समय सुनीता सकरगाये का चुनावी मुकाबला तत्कालीन मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता विजय शाह की पत्नी भावना शाह से हुआ था। वहीं, इस बार यदि उन्हें टिकट मिलता है तो संभवत: यह पहली बार होगा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से खंडवा लोकसभा सीट के लिए किसी महिला प्रत्याशी को चुनावी रण में उतारा जाएगा।

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