यस एमएलए- भाजपा चेहरे को लेकर असमंजस

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भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। धार जिले की अंबेडकर नगर महू विधानसभा सीट राजनीति का बड़ा केंद्र बन गई है। कभी कांग्रेस का गढ़ रही यह सीट अब भाजपा के कब्जे में है। वर्तमान में उषा ठाकुर यहां से भाजपा की विधायक हैं। महू से भाजपा विधायक उषा ठाकुर 2023 में किस विधानसभा से चुनाव लड़ेंगी? यह एक ऐसा सवाल है, जिसका जवाब उनके समर्थक भी जानना चाहते हैं लेकिन, शायद इसका जवाब अभी खुद उषा ठाकुर के पास भी नहीं है। महू विधानसभा की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। महू शहर शुरू से कांग्रेस के साथ रहा। यहां चुनावी जीत-हार ग्रामीण क्षेत्रों से तय होती है। विधानसभा में फिलहाल कुल वोटर्स 2 लाख 57 हजार 471 हैं। यहां 78 ग्राम पंचायतें एवं 2 नगरीय निकाय क्षेत्र हैं। यहा आदिवासी वोट बैंक भी महत्वपूर्ण माना जाता है। महू में सिविल एरिया विस्तार का मुद्दा महत्वपूर्ण है। 70 सालों से जनप्रतिनिधियों ने आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं दिया। कांग्रेस नेताओं में आपसी तालमेल नहीं होने के चलते यहां से सतत् तीन बार हार मिल चुकी है। भाजपा नेता भी इस बार स्थानीय के मुद्दे पर अडिग हैं। भाजपा यदि इस सीट पर बाहरी प्रत्याशी भेजती है, तो नुकसान उठा सकती है। महू विधानसभा क्षेत्र के वोटर्स का कहना है कि महू के लिए परिवारवादी ना होकर जमीनी युवा व शिक्षित जनप्रतिनिधि होना आवश्यक है, ताकि युवा सोच के साथ महू आगे बढ़ सके। विधायक स्थानीय होना चाहिए, ताकि लोग अपनी शिकायत व अपने काम लेकर जाएं तो वे आसानी से उपलब्ध हो सकें। यहां कैंटोनमेंट व्यवस्था आजादी के पूर्व से लागू है, जिसके जटिल नियमों से जनता जूझ रही है। महू को इनसे आजाद करना चाहिए। क्षेत्र में 50 प्रतिशत किसान हैं। वे अपने प्रतिनिधि से चाहते हैं कि उन्हें शासन की योजनाओं 7 का लाभ दिलवाया जाए।
उषा ठाकुर ने तीन बार लड़ा है चुनाव
उषा ठाकुर ने अपने राजनीतिक जीवन में तीन विधानसभा चुनाव लड़े लेकिन, खास बात यह है कि यह तीनों चुनाव उन्होंने अलग-अलग सीटों से लड़े हैं। 2003 में उषा ठाकुर ने पहली बार भाजपा के टिकट पर इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-1 से विधानसभा चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के विधायक रामलाल यादव (भल्लू यादव) को पराजित किया था। साल 2013 में उषा ठाकुर को इंदौर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया और यहां पर भी उषा ठाकुर ने पिछले 15 सालों से कांग्रेस के विधायक रहे अश्विन जोशी को मात दी। वहीं साल 2018 में भाजपा ने उषा ठाकुर को महू से फिर उम्मीदवार बनाया। उस वक्त यह कहा जा रहा था कि, भाजपा के लिए महू सीट जीतना बेहद मुश्किल है। उषा ठाकुर को भी बहुत कम समय ही मिला था। लेकिन फिर भी ठाकुर ने महू विधानसभा में कांग्रेस के कद्दावर नेता अंतर सिंह दरबार को तकरीबन 6000 मतों से हराकर इस जीत के साथ ही उषा ठाकुर का भाजपा में कद और बड़ा लिया। यही वजह रही कि 2020 में जब शिवराज सिंह चौहान ने दोबारा सरकार बनाई तो उषा ठाकुर को उनके मंत्रिमंडल में जगह दी गई। 2023 के विधानसभा चुनावों में उषा ठाकुर किस विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमाएगी यह ऐसा सवाल है।
15 साल से भाजपा का कब्जा
कभी कांग्रेस का मजबूत किला रही महू विधानसभा सीट पर बीते 15 साल से भाजपा का कब्जा है। सन् 2008 में कैलाश विजयवर्गीय ने चुनाव लडक़र कांग्रेस का यह किला ढहाया था। सन् 1998 में पहली बार अंतरसिंह दरबार ने महू सीट से चुनाव लड़ा और भाजपा के कद्दावर नेता भेरूलाल पाटीदार को हराया। इसके बाद सन् 2003 में एक बार फिर पाटीदार और दरबार चुनावी मैदान में उतरे, जिसमें दरबार ने दूसरी बार भी 3 हजार 181 मतों से जीत हासिल की। बाद 2008 में कैलाश विजयवर्गीय ने अंतरसिंह दरबार को चुनावी रण में परास्त किया और कांग्रेस से एकछत्र कब्जे वाली महू सीट को छीन लिया। 2013 में भी विजयवर्गीय यहां से विधायक रहे। इसके बाद 2018 में उषा ठाकुर ने दरबार को हराया। इस तरह अंतर सिंह दरबार यहां से तीन चुनाव हार चुके हैं। बाबा अंबेडकर की जन्मभूमि वाला यह विस क्षेत्र आदिवासी जननायक टंट्या मामा को याद करने के कारण भी चर्चा में है।
विकास के अपने-अपने दावे
विधानसभा क्षेत्र में विकास की बात पर विधायक ऊषा ठाकुर का कहना है ,कि महू में जल्द ही सिविल एरिया और कैंट क्षेत्र अलग- अलग होगा। जानापाव महेश्वर परियोजना स्वीकृत कराकर शुरू की। 50 सालों से लंबित बेका तालाब का कार्य शुरू हुआ। अंबेडकर स्मारक के लिए सेना से 10 एकड़ भूमि आवंटित कराई। जानापाव में परशुराम लोक बनेगा। वहीं कांग्रेस नेता अंतर सिंह दरबार का कहना है कि, मुख्यमंत्री ने नर्मदा सिंचाई परियोजना का मजाक बनाया है। नए गांवों को जोडऩे की बात गलत है। सरकार का काम है किसानों को पानी देना, न कि योजना के नाम पर किसानों से रुपए वसूलना। विधायक एवं कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर का महू में बड़ा फेलियर रहा। हर वर्ग विधायक से असंतुष्ट है। 

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