थानों में एफआईआर न दर्ज करने की शिकायत बर्दाश्त नहीं

  • कानून-व्यवस्था पर सीएस अनुराग जैन सख्त

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मध्य प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए मुख्य सचिव अनुराग जैन ने सख्त तेवर दिखाए हैं। प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उन्होंने साफ कहा कि थानों में आने वाले लोगों की एफआईएस दर्ज न करने की कोई भी शिकायत नहीं आनी चाहिए। मुख्य सचिव ने कहा कि कानून-व्यवस्था के हर मामले में पारदर्शिता जरूरी है। पुलिस अधीक्षकों की जिम्मेदारी है कि हर महत्वपूर्ण घटना की जानकारी तुरंत मीडिया तक पहुंचाई जाए। साथ ही सडक़ सुरक्षा के मद्देनजर सभी जिलों में हेलमेट को पूरी तरह अनिवार्य करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि सडक़ दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण हो सके। रबी सीजन को देखते हुए सीएस ने कलेक्टरों को चेताया कि जिलों में खाद-बीज की कोई कमी या शिकायत नहीं होनी चाहिए। धान और सोयाबीन की खरीदी को लेकर भी पूरी सतर्कता बरतने को कहा गया है। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि जनता से जुड़े हर मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई हो और जनहित के कामों में कोई कोताही न बरती जाए।
लॉ एंड ऑर्डर से अवगत कराने के निर्देश
मुख्य सचिव जैन ने कानून व्यवस्था की समीक्षा को लेकर कहा कि मीडिया को लॉ एंड ऑर्डर के मामलों से अवगत कराने के साथ कलेक्टर और एसपी जिलों में दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट अनिवार्य करें। सबसे अधिक एक्सीडेंट दो पहिया वाहन चालकों के होते है और मौतें भी इसी कारण होती है, इसलिए हेलमेट पहनने का अभियान चलाने से दुर्घटना और मौतों का आंकड़ा कम किया जा सकेगा। यह बैठक साढ़े तीन घंटे से अधिक समय तक चली।
मुख्य सचिव जैन ने स्वास्थ्य और महिला बाल विकास की हितग्राही मूलक योजनाओं के अमल की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि कलेक्टर्स जिला स्वास्थ्य और पोषण समितियों की हर माह बैठक करें। जिला चिकित्सालय सहित अन्य शासकीय अस्पतालों का निरीक्षण कर रोगी कल्याण सुविधाओं को सुनिश्चित करें। मुख्य सचिव ने बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए प्रदेश के हर स्कूल में एक कक्षा को स्मार्ट क्लास बनाने की जरूरत बताई। उन्होंने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के बिंदुओं पर समीक्षा करते हुए स्वच्छता कार्यक्रमों और प्रधानमंत्री आवास योजना, शहरी सहित इसी तरह के अन्य प्रोजेक्ट के लिए भूमि आवंटन के मामले को त्वरित गति से निपटाने के कलेक्टर्स को निर्देश दिए। बैठक में पट्टा वितरण, अवैध कालोनियों के प्रबंधन, प्रधानमंत्री स्व निधि योजना और वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उपायों पर भी कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव ने रोड सेफ्टी उपायों, गीता भवन के निर्माण, कैटल फ्री रोड आदि के लिए जिलों में किए गए कार्यों की समीक्षा की।
एसपी-कलेक्टर नहीं दे सके जवाब
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने रीवा पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह से पूछा कि जब बिजली कंपनी के सचिव ने पत्र लिखकर बताया कि बिजली कंपनी का माल चोरी हो गया है, तब तो एफआईआर दर्ज होनी थी, क्यों नहीं की?  इसमें ऐसी कौन सी बाधा आड़े आ रही थी। पुलिस अधीक्षक ने जवाब दिया, सर मैंने तो आने के बाद एफआईआर दर्ज कराई है। पहले वाले पुलिस अधीक्षक ने क्यों नहीं कराई, इसकी जानकारी नहीं है। वहीं मुख्य सचिव ने आगर मालवा कलेक्टर प्रीति यादव से पूछा कि जिले में नामांतरण समेत जमीन से जुड़े कितने प्रकरणों का निपटारा होना बाकी है? सूत्रों के मुताबिक कलेक्टर तथ्यात्मक जवाब नहीं दे पाईं। इस पर मुख्य सचिव ने दो टूक कहा कि आप लोग जिलों को समझें। तहसीलदार व एसडीएम समेत राजस्व के अधिकारियों के साथ सतत बैठकें करें। ऐसा करने से प्रकरणों के निपटारे में तेजी आएगी, आम लोगों को सहूलियतें होंगी। उन्होंने सभी कलेक्टरों व कमिश्नरों से कहा कि नामांतरण, बटवारा और सीमांकन के अविवादित और विवादित प्रकरणों का निराकरण हर हाल में समय-सीमा के अंदर कराएं।

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