
- डीएफओं की पदस्थापना का मामला….
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। वन महकमे के आला अफसरों को विभाग के उन अफसरों को हटाने का प्रस्ताव देना भारी पड़ गया है जो मैदानी पदस्थापना में न केवल अच्छा काम कर रहे हैं, बल्कि उनकी पदस्थापना को कम समय भी हुआ है। इसकी वजह बने हैं भाजपा के नेता। भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में विभाग के कर्ताधर्ता अफसरों के बारे में कहा है कि अच्छा काम करने वाले अफसरों को हटाकर नए अफसरों की पदस्थापना की तैयारी है। इन शिकायतों में बाकायदा तबादला सूची में शामिल किए गए नामों का उल्लेख तक किया गया है। इसके चलते अब डीएफओ की तबादला सूची को रोक दिया गया है। इसकी वजह से अब प्रमोटी आईएफएस अफसरों का पदस्थापना के लिए इंतजार बढ़ गया है। दरअसल प्रदेश में नए आईएफएस अफसरों की संख्या करीब तीस है। इन सभी की पदस्थापना डीएफओ के पद पर की जानी है।
इन नए अफसरों की पदस्थापना के लिए तैयार की गई सूची में आला अफसरों ने अपने चहेते अफसरों की मनचाही पदस्थापन के लिए भी नाम शामिल कर लिए थे। जिसकी वजह से कम समय मे भी अच्छा काम करने वाले डीएफओ को फील्ड से हटाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया था। यह जानकारी मिलने के बाद इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने न केवल नाराजगी जताई है, बल्कि तबादला सूची को भी रोक दिया है। यही वजह है कि माना जा रहा है कि अब इस सूची का संशोधित कर अगले माह जारी किया जा सकता है। यह सूची विभाग द्वारा बीते माह 10 जनवरी को मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी गई थी, जिसमें राज्य वन सेवा से अखिल भारतीय वन सेवा के पद पर प्रमोट होने वाले 22 अफसरों के साथ सीधी भर्ती के 8 आईएफएस अधिकारियों के साथ करीब तीन दर्जन डीएफओ स्तर के अधिकारियों के नाम शामिल बताए जा रहे थे। सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री ने इतनी बड़ी सूची को देखकर उसके औचित्य पर ही सवाल खड़े कर दिए। इसी दौरान बैतूल बीजेपी के प्रभावी नेताओं ने मुख्यमंत्री को बताया कि पुनीत गोयल और उनकी पत्नी बैतूल में अच्छा काम कर रहे हैं फिर भी उन्हें हटाया जा रहा है, जबकि उन्हें पदस्थ हुए अभी एक साल ही हुए हैं। इस तरह की शिकायतों के बाद सूची को रोक दिया गया है। उधर, खंडवा डीएफओ अनिल शुक्ला का विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है जिसकी वजह से माना जा रहा है कि अब नई सूची में उनका नाम भी शामिल हो सकता है, जबकि छतरपुर डीएफओ अनुराग कुमार और पश्चिम छिंदवाड़ा डीएफओ ईश्वर जरांडे के नाम भी अब नई सूची में शामिल होने की पूरी संभावना बनी हुई है।
त्यागी और श्रीवास्तव बनेंगे पीसीसीएफ
फरवरी में प्रधान मुख्य वन संरक्षक वर्किंग प्लान राजेश कुमार और प्रधान मुख्य वन संरक्षक मानव संसाधन एवं जैव विविधता बोर्ड धर्मेंद्र वर्मा सेवानिवृत्त होने जा रहें हैं। इनके सेवानिवृत्ति के पश्चात 1988 बेच के एपीसीसीएफ चितरंजन त्यागी और डॉ अतुल कुमार श्रीवास्तव पीसीसीएफ के पद पर प्रमोट होंगे। प्रमोशन के पश्चात त्यागी और श्रीवास्तव की नई पदस्थापना भी होनी है। सूत्रों के अनुसार त्यागी को पीसीसीएफ वर्किंग प्लान शाखा के साथ- साथ विकास शाखा का अतिरिक्त चार्ज दिया जा सकता है, जबकि डॉक्टर श्रीवास्तव को मानव संसाधन एवं जैव विविधता बोर्ड में पदस्थापना किए जाने के आसार हैं।
लगातार करना पड़ रहा है इंतजार
प्रमोटी आईएफएस अफसरों को लगातार इंतजार करना पड़ रहा है। पहले उन्हें आईएफएस कैडर में इंडक्शन के लिए साल भर इंतजार करना पड़ा। इसके पहले उन्हें पदोन्नत होने के लिए भी एक साल से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा था, जैसे तैसे पदोन्नत हुए तो अब नई पदस्थापना के लिए इंतजार समाप्त नहीं हो रहा है। गौरतलब है कि राज्य वन सेवा
के अफसरों की पदोन्नति दो साल बाद हुई है।