अफसरों में बढ़ी अपने जिले को नंबर-1 पर लाने की स्पर्धा

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  • सीएम की पहल पर योजनाओं के क्रियान्वयन में जिलावार शुरू हुई प्रतिस्पर्धा का दिखने लगा असर …

    भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम।
    मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर योजनाओं के क्रियान्वयन में जिलावार शुरू हुई प्रतिस्पर्धा का असर दिखने लगा है। अपने जिले को नंबर वन बनाने के लिए अफसरों ने पूरा दमखम लगा दिया है। इसका परिणाम यह रहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में 16 जिलों ने बाजी मारी है। हालांकि भिंड जिला सबसे पीछे रह गया है। जानकारी के अनुसार, प्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास की योजनाओं में 14 माह में पहली बार एक साथ 16 जिलों का परफॉर्मेंस सर्वोच्च रहा है। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्राम पंचायत विकास प्लान और स्वच्छ भारत मिशन में मध्यप्रदेश, देश में टॉप – 3 में आ गया है। यह भी पहली बार ही हुआ है कि गांव के लोग अब प्रॉपर्टी टैक्स, जलकर और स्वच्छता कर देने में विश्वास करने लगे हैं।
    जून में शुरू हुआ था ग्रेडिंग सिस्टम
    पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने 50 हजार से अधिक गांवों का समग्र विकास करने के लिए जून 2020 में आठ योजनाओं पर जिलेवार ग्रेडिंग सिस्टम प्रारंभ किया था। 14 माह के इस सफर में पहली बार 16 जिलों को ए प्लस ग्रेड मिला है। एक साल तक 45 से अधिक जिले सी और डी ग्रेड में रहते आए हैं। अब इसमें मात्र भिंड जिले का नाम है। ग्रेडिंग सिस्टम के कारण अफसरों में अपने जिले को नंबर वन पर लाने के लिए स्पर्धा बढ़ी है। इससे ग्रामीण विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आई है और शायद यही कारण है कि एक साल बाद 24 जिलों को ए प्लस और ए ग्रेड मिला है।
    आगर मालवा ने लगाई बड़ी छलांग
    योजनाओं के क्रियान्वयन में जिलों में दिन पर दिन स्पर्धा बढ़ती जा रही है। एक नंबर के लिए भोपाल, डिंडोरी और इंदौर जिलों में कड़ा मुकाबला रहा। तीनों जिलों को पांच में बराबर 4.88 अंक मिले हैं। दो जिले मंदसौर और ग्वालियर दूसरे नंबर पर और छिंदवाड़ा तीसरे स्थान पर रहा। विदिशा चार, बुरहानपुर और होशंगाबाद छह और बालाघाट सात नंबर पर रहा। आगर मालवा ने पिछले माह 36 नंबर से छलांग लगाते हुए इस बार आठवां स्थान हासिल किया है। वहीं पहले नंबर पर रहा बैतूल जिला पांचवें पर पहुंच गया। भोपाल जिले ने एक बार फिर सभी जिलों को पीछे छोड़ दिया है।
     इन योजनाओं पर ग्रेडिंग
    प्रदेश में जिन योजनाओं के आधार पर जिलों की ग्रेडिंग हो रही है उसमें आजीविका मिशन, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, महात्मा गांधी नरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, पीएम कृषि सिंचाई, पंचायत, पीएम आवास योजना, सीएम हेल्पलाइन योजनाएं शामिल हैं। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सितम्बर माह की जारी ग्रेडिंग से पता चलता है कि पीएम आवास योजना में अफसरों का विशेष फोकस रहा है। सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों के निराकरण में हर जिले का परफॉर्मेंस सुधरा है।
    नर्मदापुरम संभाग इस बार अव्वल
    पिछले माह पांचवें स्थान पर रहे नर्मदापुरम संभाग इस बार अव्वल रहा। उज्जैन और जबलपुर यथावत दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। भोपाल संभाग सातवें से चौथे और इंदौर चौथे से पांचवें नंबर पर आ गया। ग्वालियर एक से छठवें और चंबल यथावत दसवें नंबर पर रहा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव  कहते हैं कि ग्रेडिंग सिस्टम शुरू होने के बाद से पहली बार 16 जिले एप्लस रहे। ये परिणाम आईएएस अफसरों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होने से आए हैं। साथ ही नए सीईओ को ट्रेनिंग देना, पैरामीटर को पूरा करना, साप्ताहिक मॉनीटरिंग सख्त होना, व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से कमजोर बिन्दुओं को हाइलाइट करते रहना और वीडियो कॉन्फ्रेंस में खामियां उजागर करते रहने से परिणाम अच्छे आए हैं। हम केन्द्र सरकार की रिपोर्ट में पीएमएवाई, जीपीडीपी और स्वच्छ भारत मिशन में टॉप थ्री में हैं।

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