एयर एंबुलेंस चलाने के लिए नहीं मिल रही कंपनी

एयर एंबुलेंस
  • प्रदेश में मई से थमी हुई है एयर एंबुलेंस सेवा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। गंभीर रूप से बीमार मरीजों को बड़े अस्पतालों में बेहतर और त्वरित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा के संचालन के लिए कोई कंपनी ही नहीं मिल रही है। इस कारण यह सेवा पिछले दो महीने से रूकी हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार नई एजेंसी के माध्यम से और अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ जारी रहेगी। टेंडर में इसके लिए नई शर्तें जोड़ी गई हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा की मरीजों को लेकर उड़ानें पिछले करीब दो महीने से थमी हुई हैं। पिछले साल जिस कंपनी को संचालन की जिम्मेदारी दी गई थी, उसकी कार्य अवधि मई में पूरी हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने नई एजेंसी के चयन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन सेवा दोबारा शुरू नहीं हो पाई है। हालांकि अब और बेहतर तरीके से सेवा शुरू करने के प्रयास हैं। एयर एंबुलेंस सेवा से अभी तक कुल 62 मरीजों को एयरलिफ्ट कर अस्पताल पहुंचाया गया। इनमें से सबसे ज्यादा 19 मरीज उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल के गृह जिले रीवा के हैं। गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने की ऐसी तत्परता अन्य जिलों में नहीं दिखाई गई, इसलिए इस सेवा का लाभ अभी तक केवल 13 जिलों के मरीजों को ही मिल पाया है।
नई व्यवस्था में होगी कई सुविधाएं
जानकारी के अनुसार, सरकार ने पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा में कुछ सुविधाओं का विस्तार किया है। अब एजेंसी को एक हेलीकॉप्टर और एक विमान डॉक्टर, पैरामेडिकल और पायलट के साथ उपलब्ध कराने होंगे। एंबुलेंस सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। टेंडर में दो इंजन वाले हेलिकॉप्टर की शर्त जोड़ी गई। यह रात में भी मरीजों को एयरलिफ्ट कर सकेगा। सशुल्क सेवा वालों को रात की सेवा थोड़ी महंगी होगी। नई एजेंसी से तीन साल के लिए अनुबंध होगा। अच्छी सेवाएं उपलब्ध कराने पर एक साल बढ़ाया जा सकेगा। एंबुलेंस भोपाल में रहेंगी। मांग आने पर संबंधित जगह रवाना होगी। कमांड सेंटर बनाना होगा। आयुष्मान कार्ड धारकों को सेवा नि:शुल्क, अन्य को सशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। हेलीकॉप्टर के लिए एक लाख 94 हजार 500 रु. प्रति घंटे (फ्लाइंग ऑवर) के मान से और फिक्स्ड विंग कनवर्टेड फ्लाइंग एम्बुलेंस के लिए एक लाख 78 हजार 900 रु. प्रति घंटे (फ्लाइंग आवर) के मान से भुगतान करना होता है। हालांकि शुल्क में बदलाव संभावित है।
29 मई 2024 को शुरू हुई थी सेवा
एयर एंबुलेंस सेवा का आधिकारिक शुभारंभ 29 मई 2024 को सीएम डॉ. मोहन यादव ने किया था। प्रदेश में आखिरी बार एयर एंबुलेंस सेवा 4 मई 2025 को टप्पा मानोरा जिला विदिशा के लंग कैंसर पीडि़त सुरेंद्र लोधी को दी गई थी। उन्हें भोपाल से नागपुर भेजा गया था। स्वास्थ्य प्रमुख सचिव संदीप यादव के अनुसार नई एजेंसी के माध्यम से और अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ जारी रहेगी। टेंडर में इसके लिए नई शर्तें जोड़ी गई हैं। प्रदेश में 62 मरीजों को एयर एम्बुलेंस सेवा का लाभ मिला है। इनमें से 53 मामलों में नि:शुल्क सेवा प्रदान की गई और 9 को सशुल्क सेवा दी गई। यह सेवा 13 जिलों तक सीमित रही। रीवा जिले से सबसे ज्यादा 10 मरीजों को एयर एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया इनमें से 17 को नि:शुल्क सेवा मिली। जबलपुर से 11, भोपाल से 8, छतरपुर से 6, ग्वालियर और दिल्ली से 3-3 मरीजों को सेवा दी गई। बालाघाट, इंदौर और पन्ना से 2-2 रोगियों को और बैतूल, कटनी, नरसिंहपुर, सतना और उज्जैन से 1-1 मरीजों को सेवा प्राप्त हुई। सबसे ज्यादा 14 प्रकरण हृदय रोग संबंधी थे। श्वसन रोग के 10, सडक़ हादसे के सातमामलों में सेवा प्रदान की गई।

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