
-70 हजार हेक्टेयर फसलों का नुकसान 64 करोड़ में कैसे होगा किसान खुशहाल
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। हर साल आपदा से किसानों की फसलों के नुकसान को देखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की है, ताकि नुकसान की भरपाई हो सके। लेकिन देखा यह जा रहा है कि जब भी आपदा से किसान की फसल खराब होती है उसे नुकसान की भरपाई के नाम पर छोटी सी रकम ही मिल पाती है। वहीं कंपनियां मालामाल हो रही हैं। अभी हाल ही में मप्र में ओलों से 70 हजार हेक्टेयर में फसलों का नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई के लिए अब तक 64 करोड़ रुपए ही आए हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि फसल बीमा योजना किसके लिए फायदेमंद है।
देश में किसानों को विभिन्न कारणों से हुए फसल के नुकसान के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई गई है। इस योजना से किसानों को कितना फायदा हुआ यह बात तो किसान जानते ही होंगे पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जो कंपनियां जुड़ी हुई है, उन कंपनियों ने पांच सालों में बंपर कमाई की है। इस मामले में जब सरकार ने पिछले 4 सालों की जानकारी जुटाई तो पता चला कि किसानों को भुगतान के बावजूद बीमा कंपनियों ने इस दौरान 4318 करोड़ रुपए कमा लिए हैं।
हर साल सैकड़ों करोड़ की कमाई
देश में पीएमएफबीवाई के सफल कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार ने 18 बीमा कंपनियों को शामिल किया था। जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को होने वाले फसल के नुकसान के लिए किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना था। लेकिन यह योजना किसानों से अधिक कंपनियों के लिए फायदेमंद है। लाभ कमाने में सरकारी और प्राइवेट दोनों कंपनियां शामिल हैं। सबसे ज्यादा लाभ एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया का रहा। ये लाभ 2017-18 की रबी व खरीफ और 2018 की रबी, 2019-20 की रबी और 2020 की रबी की फसलों का रहा। इस दौरान रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को रबी में 137 करोड़ रु. का लाभ हुआ। जबकि बजाज अलायंस कंपनी को 2019 में रबी में 199 करोड़ रु., इफ्को टोकियो इंश्योरेंस कंपनी को 278 करोड़ रु. और एचडीएफसी कंपनी को 2018-19 की रबी की फसलों में 136 करोड़ रु. का लाभ हुआ। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2017-18 में रबी के मौसम में तीन कंपनियों ने मिलकर 1120 करोड़ रु. कमाए। वहीं, 2018 खरीफ के मौसम में 1904 करोड़ रु. की कमाई हुई। 2018 रबी के मौसम में दो कंपनियों ने 397 करोड़ रु. कमाए। 2019-20 में रबी के मौसम में 6 कंपनियों ने 971 करोड़ रु. कमाए। 2020-21 में रबी के ही मौसम में एक कंपनी का मुनाफा 1840 करोड़ रुपए रहा। तय प्रक्रिया के मुताबिक 2017 से 2021 के बीच प्राइवेट कंपनियों को किसानों, राज्य सरकार और केंद्र से प्रीमियम के रूप में करीब 20 हजार करोड़ रुपए चार साल के भीतर मिले। वहीं, कंपनी ने किसानों को करीब 5 हजार करोड़ रु. कम भुगतान किया।
किसानों को देना पड़ता है प्रीमियम
पीएमएफबीवाई के तहत बीमा कराने के लिए किसान को खरीफ फसल की बीमा राशि का दो प्रतिशत किसान द्वारा भुगतान किया जाता है, साथ ही रबी फसलों के लिए 1.5 फीसदी बीमा राशि का भुगतान किया जाता है। बागवानी और वाणिज्यिक फसलों के बीमा के लिए किसान प्रीमियम के तौर पर 5 प्रतिशत का भुगतान करते हैं। यदि बीमांकिक प्रीमियम इस दर से कम है, तो दोनों में से कम प्रीमियम लागू होगा। पीएमएफबीवाई के राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल , किसानों के आसान नामांकन के लिए फसल बीमा मोबाइल ऐप, एनसीआईपी के माध्यम से किसान प्रीमियम का प्रेषण, एक सब्सिडी रिलीज मॉड्यूल और एनसीआईपी के माध्यम से दावा रिलीज मॉड्यूल के साथ भूमि रिकॉर्ड का एकीकरण कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं।
बीमा का लाभ दिलाने मंत्री सक्रिय
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रभारी मंत्रियों से कहा है कि जिन जिलों में ओले गिरे हैं, एक बार खुद जाकर चैक कर लें। सर्वे के बारे में जानकारी ले लें। किसानों को बीमा योजना का लाभ हर हाल में मिल जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में सक्रिय हो गए हैं। गौरतलब है कि योजना की शुरुआत छह साल पहले की गयी थी, पर इसके बाद 2020 में इस योजना में बदलाव किया गया, जिसमें यह कहा गया कि किसान अपनी स्वैच्छिक भागीदारी से योजना में जुड़ सकते हैं। इसमें किसान के लिए फसल बीमा ऐप, सीएससी केंद्र या निकटतम कृषि अधिकारी के माध्यम से किसी भी घटना के 72 घंटों के भीतर फसल नुकसान की रिपोर्ट करना होता है। इसके जरिए किसानों को फसल बीमा के दावे करना आसान हो गया है साथ ही दावों का भुगतान भी किसानों के खाते में ट्रांसफर किया जाता है।